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लोकसभा महासचिव बनने के बाद भी गांव का पसंदीदा खाना नहीं भूले हैं उत्पल कुमार

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Published : Dec 1, 2020, 7:31 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 9:26 PM IST

भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त उत्पल कुमार सिंह 1 दिसंबर 2020 से लोकसभा सचिवालय और लोकसभा के महासचिव पदभार ग्रहण कर लिया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सोमवार को उत्पल कुमार को इस पद पर नियुक्त किया. वह मूल रूप से बिहार के हैं. वो जब भी अपना गांव पहुंचते हैं, अपना पसंदीदा खाना बनवाना नहीं भूलते हैं. पढ़िए विस्तार से यह खबर.

उत्पल कुमार
उत्पल कुमार

जमुई: आदमी चाहे कितना भी बड़ा हो जाए, वो अपने गांव और अपनी मिट्टी को कभी नहीं भूला सकता. लोकसभा के 17 वें महासचिव नियुक्त होने के बाद उत्पल कुमार सिंह ने बिहार में अपने गांव में रह रहे परिजनों से बात की. इस दौरान उन्होंने गांव आकर अपनी चाची के हाथ से पराठे खाने की बात कही. साथ ही उन्होंने परिजनों और गांव के लोगों का हालचाल भी जाना.

परिवार वालों में खुशी की लहर

ईटीवी भारत संवाददाता ने रिटायर्ड आईएएस उत्पल कुमार सिंह के पैतृक गांव मलयपुर जाकर परिजनों से बात की. इस दौरान उनके चाचा ने बताया कि वे बचपन से ही काफी मेहनती थे, सरल स्वाभाव के हैं. उत्पल कुमार सिंह के लोकसभा महासचिव नियुक्त होने पर गांव के लोग काफी खुश हैं. उत्पल कुमार सिंह ने अपनी पढ़ाई झारखंड के बोकारो से की है. उनके पिता अभियंता थे.

जमुई में उत्पल कुमार के परिवार के लोग
जमुई में उत्पल कुमार के परिवार के लोग

पढ़ें- वरिष्ठ आईएएस उत्पल कुमार ने संभाला लोकसभा महासचिव का पदभार

1 दिसंबर को किया पदभार ग्रहण
बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त उत्पल कुमार सिंह 1 दिसंबर 2020 से लोकसभा सचिवालय और लोकसभा के महासचिव पदभार ग्रहण कर लिया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सोमवार को उत्पल कुमार को इस पद पर नियुक्त किया. उन्हें कैबिनेट सचिव की रैंक और दर्जा दिया गया है. उत्पल कुमार सिंह 1986 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.

विविध प्रशासनिक क्षेत्रों का अनुभव
उत्पल कुमार सिंह वरिष्ठ नौकरशाह के तौर पर वे विविध प्रशासनिक क्षेत्रों का अनुभव हैं. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में अर्थव्यवस्था और प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पदों पर काम किया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव के रूप में ढाई वर्ष से भी अधिक समय के अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के प्रबंधन और नीति निरूपण में सफलतापूर्वक कार्य किया.

जमुई: आदमी चाहे कितना भी बड़ा हो जाए, वो अपने गांव और अपनी मिट्टी को कभी नहीं भूला सकता. लोकसभा के 17 वें महासचिव नियुक्त होने के बाद उत्पल कुमार सिंह ने बिहार में अपने गांव में रह रहे परिजनों से बात की. इस दौरान उन्होंने गांव आकर अपनी चाची के हाथ से पराठे खाने की बात कही. साथ ही उन्होंने परिजनों और गांव के लोगों का हालचाल भी जाना.

परिवार वालों में खुशी की लहर

ईटीवी भारत संवाददाता ने रिटायर्ड आईएएस उत्पल कुमार सिंह के पैतृक गांव मलयपुर जाकर परिजनों से बात की. इस दौरान उनके चाचा ने बताया कि वे बचपन से ही काफी मेहनती थे, सरल स्वाभाव के हैं. उत्पल कुमार सिंह के लोकसभा महासचिव नियुक्त होने पर गांव के लोग काफी खुश हैं. उत्पल कुमार सिंह ने अपनी पढ़ाई झारखंड के बोकारो से की है. उनके पिता अभियंता थे.

जमुई में उत्पल कुमार के परिवार के लोग
जमुई में उत्पल कुमार के परिवार के लोग

पढ़ें- वरिष्ठ आईएएस उत्पल कुमार ने संभाला लोकसभा महासचिव का पदभार

1 दिसंबर को किया पदभार ग्रहण
बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त उत्पल कुमार सिंह 1 दिसंबर 2020 से लोकसभा सचिवालय और लोकसभा के महासचिव पदभार ग्रहण कर लिया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सोमवार को उत्पल कुमार को इस पद पर नियुक्त किया. उन्हें कैबिनेट सचिव की रैंक और दर्जा दिया गया है. उत्पल कुमार सिंह 1986 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.

विविध प्रशासनिक क्षेत्रों का अनुभव
उत्पल कुमार सिंह वरिष्ठ नौकरशाह के तौर पर वे विविध प्रशासनिक क्षेत्रों का अनुभव हैं. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में अर्थव्यवस्था और प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पदों पर काम किया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव के रूप में ढाई वर्ष से भी अधिक समय के अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के प्रबंधन और नीति निरूपण में सफलतापूर्वक कार्य किया.

Last Updated : Dec 1, 2020, 9:26 PM IST
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