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उप्र : अब ट्रांसजेंडर होंगे परिवार का हिस्सा, संपत्ति में मिलेगा अधिकार - विधायी कार्यवाही

ट्रांसजेंडर अब अपने परिवारों का हिस्सा बन सकेंगे. वे घर परिवार के सदस्य के रूप में अपना जीवन यापन आगे बढ़ा सकेंगे. साथ ही पारिवारिक संपत्ति के भी अधिकार प्राप्त कर सकेंगे. उत्तर प्रदेश में पिछले लंबे समय से विधायी कार्यवाही पूरी करने के बाद अब यह थर्ड जेंडर परिवार का हिस्सा होंगे.

ट्रांसजेंडर होंगे परिवार का हिस्सा
yogi adityanath
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Published : Sep 11, 2020, 3:51 PM IST

लखनऊ: ट्रांसजेंडर अब अपने परिवारों का हिस्सा बन सकेंगे. वे परिवार में शामिल भी होंगे. विधि एवं न्याय विभाग के प्रमुख सचिव जेपी सिंह ने इस संबंध में राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2020 की अधिसूचना जारी कर दी है.

राज्य विधि आयोग की संस्तुति के बाद राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडर को परिवार का सदस्य घोषित करने और सम्पत्ति में अधिकार दिए जाने संबंधी कार्यवाही शुरू की थी. पिछले दिनों इससे संबंधित विधेयक को विधानमंडल ने मंजूरी दी थी. विधिक कार्यवाही पूरी करने के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.

अधिनियम के मुताबिक किसी भू-राजस्व खातेदार परिवार में पुरुष या स्त्री, उसकी पत्नी या उसका पति या ट्रांसजेंडर और फिर पति या पत्नी का स्थान आएगा. इसके बाद विवाहित पुत्रियों और ट्रांसजेंडर अवयस्क संतानों से भिन्न अवयस्क पुत्र और अवयस्क पुत्रियां आएंगी. इसी तरह सम्पत्ति के उत्तराधिकारी के लिए ट्रांसजेंडर का प्रत्येक स्तर पर स्थान तय कर दिया गया है.

पढ़ें-राहुल ने मोदी सरकार से पूछा- चीन ने हड़पी जमीन, क्या इसे भी 'एक्ट ऑफ गॉड' मानेंगे

इसके साथ ही सरकार ने राजस्व संहिता में संशोधन कर विधवा और दिव्यांग व्यक्तियों को भूमि पट्टे में प्राथमिकता देने का भी रास्ता साफ कर दिया है. राजस्व संहिता की धारा 126 में पट्टा आवंटन के लिए प्राथमिकता का क्रम तय कर दिया गया है.

गांव की भूमि प्रबंधक समिति इसी क्रम में पट्टे पर निर्णय करती रही है. सरकार ने प्राथमिकता क्रम में नया प्रावधान जोड़ते हुए विधवा और दिव्यांग व्यक्तियों को भूमि पट्टे पर देने की व्यवस्था निर्धारित कर दी है.

लखनऊ: ट्रांसजेंडर अब अपने परिवारों का हिस्सा बन सकेंगे. वे परिवार में शामिल भी होंगे. विधि एवं न्याय विभाग के प्रमुख सचिव जेपी सिंह ने इस संबंध में राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2020 की अधिसूचना जारी कर दी है.

राज्य विधि आयोग की संस्तुति के बाद राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडर को परिवार का सदस्य घोषित करने और सम्पत्ति में अधिकार दिए जाने संबंधी कार्यवाही शुरू की थी. पिछले दिनों इससे संबंधित विधेयक को विधानमंडल ने मंजूरी दी थी. विधिक कार्यवाही पूरी करने के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.

अधिनियम के मुताबिक किसी भू-राजस्व खातेदार परिवार में पुरुष या स्त्री, उसकी पत्नी या उसका पति या ट्रांसजेंडर और फिर पति या पत्नी का स्थान आएगा. इसके बाद विवाहित पुत्रियों और ट्रांसजेंडर अवयस्क संतानों से भिन्न अवयस्क पुत्र और अवयस्क पुत्रियां आएंगी. इसी तरह सम्पत्ति के उत्तराधिकारी के लिए ट्रांसजेंडर का प्रत्येक स्तर पर स्थान तय कर दिया गया है.

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इसके साथ ही सरकार ने राजस्व संहिता में संशोधन कर विधवा और दिव्यांग व्यक्तियों को भूमि पट्टे में प्राथमिकता देने का भी रास्ता साफ कर दिया है. राजस्व संहिता की धारा 126 में पट्टा आवंटन के लिए प्राथमिकता का क्रम तय कर दिया गया है.

गांव की भूमि प्रबंधक समिति इसी क्रम में पट्टे पर निर्णय करती रही है. सरकार ने प्राथमिकता क्रम में नया प्रावधान जोड़ते हुए विधवा और दिव्यांग व्यक्तियों को भूमि पट्टे पर देने की व्यवस्था निर्धारित कर दी है.

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