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उन्नाव पीड़िता पर उबली राजनीति, जानें पूरा प्रकरण

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Published : Jul 29, 2019, 3:12 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 3:21 PM IST

उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना पर सभी विपक्षी दल हावी हो गए हैं. सदस्यों का कहना है कि इस मामले की गंभीरता से CBI जांच कराई जानी चाहिए. कांग्रेस, सपा सहित अन्य पार्टियों का सवाल है कि पीडिता को दी गई राज्य सरकार की सुरक्षा में ढील कैसे पड़ी. जानें क्या है पूरा मामला...

घटनास्थल की तस्वीर (सौ. Social Media)

नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्षी दलों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के मुद्दे को उठाया. सदन में हंगामा बढ़ता देख सभापति एम वेंकैया नायडू को बैठक कुछ समय के लिए स्थगित भी करनी पड़ी. विपक्षी दलों का आरोप है कि ये घटना नहीं, बल्कि पीड़िता को मारने की साजिश थी.

इस मामले को लेकर लगभग सभी विपक्षी दलों ने सीबीआई जांच की मांग की है. इनमें सपा, कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य शामिल हैं.

विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला...
⦁ गत रविवार को उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता अपने परिवार और वकील के साथ जा रही थी. तभी रायबरेली में तेज गति से जा रहे एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी.
⦁ इस घटना में पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई और उसके दो रिश्तेदारों और कार चालक की भी मौत हो गई.
⦁ अहम बात ये है कि बलात्कार के इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं. सेंगर को पिछले साल 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
⦁ इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि ये पीडिता को मारने की साजिश हो सकती है. उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की.
⦁ अखिलेश का कहना है कि ये मामला भाजपा विधायक से जुड़ा है और पार्टी के अपराधी खुलेआम घुम रहे हैं.
⦁ उन्होंने कहा कि ये घटना तब ही क्यों हुई, जब पीड़िता को मुहैया कराए गए सुरक्षा कर्मी छुट्टी पर थे और जिस ट्रक से दुर्घटना हुई उसकी नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी गई थी.
⦁ इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस दुर्घटना को चौंकाने वाला बताते हुए सरकार से सवाल किया है कि आखिर पीडिता की सुरक्षा में ढील क्यों दी गई.
⦁ वहीं मामले पर आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए यूपी सरकार ने कहा है कि वह मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार है.

पढ़ें: राज्यसभा में उठा उन्नाव रेप पीड़िता पर हमले का मामला

गौरतलब है, उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर वहीं की एक किशोरी के साथ बलात्कार का आरोप है. मामला अप्रैल 2018 का है. इस मामले में पीड़िता ने आरोपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी.

इसके दो दिन बाद ही विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता की पिटाई कर दी और उनकी उन्नाव जेल में मौत हो गई. इसे देखते ही ढीली पड़ी सरकार सख्त हुई और विधायक के भाई अतुल सिंह व उसके गुर्गों को गिरफ्तार किया गया.

इसके बाद ही मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करते ही विधायक को गिरफ्तार किया और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस सत्ता में बैठे लोगों जैसी भाषा बोल रही है. उन्होंने पुलिस के उस बयान की निंदा की, जिसमें इस दुर्घटना को बारिश से जोड़ दिया गया.

नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्षी दलों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के मुद्दे को उठाया. सदन में हंगामा बढ़ता देख सभापति एम वेंकैया नायडू को बैठक कुछ समय के लिए स्थगित भी करनी पड़ी. विपक्षी दलों का आरोप है कि ये घटना नहीं, बल्कि पीड़िता को मारने की साजिश थी.

इस मामले को लेकर लगभग सभी विपक्षी दलों ने सीबीआई जांच की मांग की है. इनमें सपा, कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य शामिल हैं.

विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला...
⦁ गत रविवार को उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता अपने परिवार और वकील के साथ जा रही थी. तभी रायबरेली में तेज गति से जा रहे एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी.
⦁ इस घटना में पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई और उसके दो रिश्तेदारों और कार चालक की भी मौत हो गई.
⦁ अहम बात ये है कि बलात्कार के इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं. सेंगर को पिछले साल 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
⦁ इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि ये पीडिता को मारने की साजिश हो सकती है. उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की.
⦁ अखिलेश का कहना है कि ये मामला भाजपा विधायक से जुड़ा है और पार्टी के अपराधी खुलेआम घुम रहे हैं.
⦁ उन्होंने कहा कि ये घटना तब ही क्यों हुई, जब पीड़िता को मुहैया कराए गए सुरक्षा कर्मी छुट्टी पर थे और जिस ट्रक से दुर्घटना हुई उसकी नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी गई थी.
⦁ इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस दुर्घटना को चौंकाने वाला बताते हुए सरकार से सवाल किया है कि आखिर पीडिता की सुरक्षा में ढील क्यों दी गई.
⦁ वहीं मामले पर आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए यूपी सरकार ने कहा है कि वह मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार है.

पढ़ें: राज्यसभा में उठा उन्नाव रेप पीड़िता पर हमले का मामला

गौरतलब है, उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर वहीं की एक किशोरी के साथ बलात्कार का आरोप है. मामला अप्रैल 2018 का है. इस मामले में पीड़िता ने आरोपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी.

इसके दो दिन बाद ही विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता की पिटाई कर दी और उनकी उन्नाव जेल में मौत हो गई. इसे देखते ही ढीली पड़ी सरकार सख्त हुई और विधायक के भाई अतुल सिंह व उसके गुर्गों को गिरफ्तार किया गया.

इसके बाद ही मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करते ही विधायक को गिरफ्तार किया और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस सत्ता में बैठे लोगों जैसी भाषा बोल रही है. उन्होंने पुलिस के उस बयान की निंदा की, जिसमें इस दुर्घटना को बारिश से जोड़ दिया गया.

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Last Updated : Jul 29, 2019, 3:21 PM IST
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