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दो करोड़ 90 लाख लड़कियां और महिलाएं आधुनिक दासता की शिकार - अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन

एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया में 2 करोड़ 90 लाख महिलाएं और लड़कियां आधुनिक दासता की शिकार हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जितने लोग दासता में आज के वक्त में जी रहें हैं उतने मानव इतिहास में कभी नहीं रहे.

आधुनिक दासता की शिकार
आधुनिक दासता की शिकार
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Published : Oct 11, 2020, 6:25 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया में कम से कम दो करोड़ 90 लाख महिलाएं आधुनिक दासता की शिकार हैं. यह जबरन श्रम, जबरदस्ती विवाह, बंधुआ मजदूरी और घरेलू दासता आदि के रूप में मौजूद है.

वॉक फ्री एंटी स्लेवरी ऑर्गनाइजेशन की सह संस्थापक ग्रेस फ्रोरेस ने कहा कि इसका मतलब है कि 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक आधुनिक दासता की शिकार है, जिसकी संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी से अधिक है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हकीकत यह है कि जितने लोग दासता में आज के वक्त में जी रहें हैं उतने मानव इतिहास में कभी नहीं रहे.

ग्रेस फ्रोरेस ने कहा कि वॉक फ्री आधुनिक दासता की व्याख्या एक व्यक्ति की स्वतंत्रता को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना, एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का व्यक्तिगत अथवा आर्थिक लाभ के लिए शोषण करता है यह सब शामिल है.

पढ़ें- गया में नड्डा की चुनावी सभा, कहा- वर्ण आधारित राजनीति कांग्रेस का इतिहास

उन्होंने कहा कि वॉक फ्री अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और आव्रजन पर अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा किए गए कार्यों से यह निष्कर्ष निकला है कि 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक आधुनिक दासता की शिकार है.

स्टैग्ड ऑड्स रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न के सभी पीड़ितों में 99 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबरदस्ती विवाह के सभी पीड़ितों में 84 प्रतिशत और जबरदस्ती श्रम के सभी पीड़ितों में 58 प्रतिशत महिलाएं हैं.

उन्होंने कहा कि वॉक फ्री और संयुक्त राष्ट्र का एवरी वीमेन एवरी चाइल्ड कार्यक्रम आधुनिक दासता को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र : एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया में कम से कम दो करोड़ 90 लाख महिलाएं आधुनिक दासता की शिकार हैं. यह जबरन श्रम, जबरदस्ती विवाह, बंधुआ मजदूरी और घरेलू दासता आदि के रूप में मौजूद है.

वॉक फ्री एंटी स्लेवरी ऑर्गनाइजेशन की सह संस्थापक ग्रेस फ्रोरेस ने कहा कि इसका मतलब है कि 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक आधुनिक दासता की शिकार है, जिसकी संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी से अधिक है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हकीकत यह है कि जितने लोग दासता में आज के वक्त में जी रहें हैं उतने मानव इतिहास में कभी नहीं रहे.

ग्रेस फ्रोरेस ने कहा कि वॉक फ्री आधुनिक दासता की व्याख्या एक व्यक्ति की स्वतंत्रता को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना, एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का व्यक्तिगत अथवा आर्थिक लाभ के लिए शोषण करता है यह सब शामिल है.

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उन्होंने कहा कि वॉक फ्री अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और आव्रजन पर अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा किए गए कार्यों से यह निष्कर्ष निकला है कि 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक आधुनिक दासता की शिकार है.

स्टैग्ड ऑड्स रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न के सभी पीड़ितों में 99 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबरदस्ती विवाह के सभी पीड़ितों में 84 प्रतिशत और जबरदस्ती श्रम के सभी पीड़ितों में 58 प्रतिशत महिलाएं हैं.

उन्होंने कहा कि वॉक फ्री और संयुक्त राष्ट्र का एवरी वीमेन एवरी चाइल्ड कार्यक्रम आधुनिक दासता को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू कर रहा है.

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