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महाराष्ट्र : 'रेलगाड़ी और प्लेटफॉर्म' पर पढ़ते हैं 236 बच्चे, गांव वाले करते हैं आर्थिक मदद - महाराष्ट्र न्यूज

महाराष्ट्र के अमरावती में एक अनुठा स्कूल है. इसे रेलगाड़ी की तरह बनाकर बच्चों को रोचक तरीकों से शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है. आदिवासी गांव की ग्राम पंचायत से लेकर गांव वाले तक इसमें अपना अहम योगदान दे रहे हैं. पेश है हमारी खास रिपोर्ट...

स्कूल की तस्वीर
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Published : Jul 15, 2019, 9:16 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 10:03 PM IST

मुंबई/अमरावती: महाराष्ट्र के अमरावती के कौल खेडा बाजार में एक अनूठा जिला परिषद हाई स्कूल है. दरअसल, इस स्कूल का निर्माण एक रेलगाड़ी की तरह किया गया है. यहां आने वाले बच्चे इसे प्लेटफॉर्म बताते हैं. नई नस्ल पढ़ाई के साथ-साथ कई अन्य हुनर भी हासिल कर रही है.

बता दें, ये आदिवासी गांव कुपोषण जैसी कई समस्याओं से ग्रसित है और यहां विकास दर भी काफी निचले स्तर पर है. बावजूद इसके जिला परिषद हाई स्कूल के शिक्षक कड़ी मेहनत से बच्चों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं.

देखें रेलगाड़ी की तरह बना है ये स्कूल

गौरतलब है कि शिक्षकों के साथ ही साथ कौल खेडा बाजार की ग्राम पंचायत भी इस कार्य में शिक्षकों का साथ दे रही है. स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र ठाकरे भी बच्चों की बेहतरी के लिए अपनी जी-जान लगाए हुए हैं.

पढ़ें: बिहार के स्कूल में फीस की जगह कूड़ा जमा करते हैं बच्चे, जानें मकसद

आपको बता दें, इस स्कूल में कक्षा पांचवीं से लेकर 10वीं तक की शिक्षा दी जाती है और इसमें कुल 236 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. यहां आने वाले बच्चों को कम्प्यूटर से लेकर शारीरिक शिक्षा तक दी जाती है.

इसके अलावा स्कूल के बच्चे सांस्कृतिक क्रियाकलापों में भी बढ़-चढ़ कर अपना प्रर्दशन करते हैं. बच्चों द्वारा ये क्रियाएं ग्रामीणों से मिले चंदे की मदद से की जाती हैं.

मुंबई/अमरावती: महाराष्ट्र के अमरावती के कौल खेडा बाजार में एक अनूठा जिला परिषद हाई स्कूल है. दरअसल, इस स्कूल का निर्माण एक रेलगाड़ी की तरह किया गया है. यहां आने वाले बच्चे इसे प्लेटफॉर्म बताते हैं. नई नस्ल पढ़ाई के साथ-साथ कई अन्य हुनर भी हासिल कर रही है.

बता दें, ये आदिवासी गांव कुपोषण जैसी कई समस्याओं से ग्रसित है और यहां विकास दर भी काफी निचले स्तर पर है. बावजूद इसके जिला परिषद हाई स्कूल के शिक्षक कड़ी मेहनत से बच्चों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं.

देखें रेलगाड़ी की तरह बना है ये स्कूल

गौरतलब है कि शिक्षकों के साथ ही साथ कौल खेडा बाजार की ग्राम पंचायत भी इस कार्य में शिक्षकों का साथ दे रही है. स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र ठाकरे भी बच्चों की बेहतरी के लिए अपनी जी-जान लगाए हुए हैं.

पढ़ें: बिहार के स्कूल में फीस की जगह कूड़ा जमा करते हैं बच्चे, जानें मकसद

आपको बता दें, इस स्कूल में कक्षा पांचवीं से लेकर 10वीं तक की शिक्षा दी जाती है और इसमें कुल 236 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. यहां आने वाले बच्चों को कम्प्यूटर से लेकर शारीरिक शिक्षा तक दी जाती है.

इसके अलावा स्कूल के बच्चे सांस्कृतिक क्रियाकलापों में भी बढ़-चढ़ कर अपना प्रर्दशन करते हैं. बच्चों द्वारा ये क्रियाएं ग्रामीणों से मिले चंदे की मदद से की जाती हैं.

Intro:महाराष्ट्रातील जिल्हा परिषदेची अमरावतीतील अशी एकमेव शाळा जी रेल्वेच्या डब्यात भरते .

अमरावती पॅकेज स्टोरी

अँकर
सातपुडा पर्वत रांगेच्या कुशीत अमरावतीच्या चिखलदरा तालुक्यात वसलेलं हे छोटस कौलखेडा बाजार गाव याच गावात गेल्या कित्येक वर्षांपासून एक रेल्वे उभी आहे.पण ही रेल्वे उभी असली तरी विद्यार्थ्यांच्या शैक्षणिक यशाला गवसणी घालन्यासाठी धावायला तयार असते.तर ही रेल्वे आणि कशी आहे हिची शैक्षणिक सफर तर पाहुया हा स्पेशल रिपोर्ट.

Vo-1 
अमरावतीच्या कौलखेडा बाजार गावात असलेली जिल्हा परिषदेच हे हायस्कूल  इतर सर्व सामन्य शाळा प्रमाणे होत .पण इथल्या गुरुजींना एक भन्नाट आयडिया सुचली अन् या हायस्कूलची इमारत जणू रेल्वे गाडीच दिसू लागली .

बाईट-प्राचार्य 

Vo-2 
बर यात बसणारे प्रवाशी विध्यार्थी मोठे हुशार, रेल्वे गाडी असलेल्या शाळेच्या प्लॅटफर्म वर  रोज विद्यार्थ्यांना शारीरिक शिक्षणाचे धडे दिले जातात.संगनिकृत शिक्षण दिल जात त्यामुळे या शाळेतील विद्यार्थीच्या ज्ञानात कमालीची भर पडत आहे.इतर शाळे पेक्षा ही शाळा जरा वेगळी असल्याने यात बसणारे विद्यार्थी ही जाम खुश आहे.

बाईट-2-3- विद्यार्थी

VO-3
मेळघाट म्हटल की डोळ्यासमोर उभे राहते ते कुपोषण बुरचटलेली शिक्षण व्यवस्था परन्तु आपल्या गावातील मुलांचे भविष्य उज्वल करण्यासाठी गावकरी मोठे हातभार लावतात.या गावातील ग्रामपंचायतच मोठं सहकार्य या शाळेच्या सर्वांगीण विकासासाठी दिल जात.
शाळेत नवनवीन उपक्रम राबवून या रेल्वे वजा शाळेत शिक्षण घेणाऱ्या या विद्यार्थ्यांना चालना देण्याच काम केल्या जात.

बाईट-4-विद्यार्थी

Vo- 4 
शाळेतील विद्यार्थ्यांना चांगल्या पद्धतीचा पोषण आहार दिला जातो.जिल्ह्या परिषदेच्या शाळेतील एखाद्या गुरुजींना विचारलं की सांस्कृतिक कार्यक्रम तुमच्या शाळेत होतात का तर उत्तर नाही येणार, पण या शाळेत मात्र दरवर्षी सांस्कृतिक कार्यक्रम हा लोकवर्गणीतून केला जातो ज्यामुळे विद्यार्थ्यां मधील सुप्त कला गुणांना सादर करण्याची संधी दिल्या जाते.

बाईट -5-विद्यार्थी

Vo-6 
गाव खेड्यात वसलेल्या या मेळघाटातील झुकझुक रेल्वे गाडीत बसून आगड्या वेगड्या शिक्षण प्रणालीचा मनमुराद आनंदी शिक्षणाचा प्रवास करणाऱ्या या विद्यार्थ्यांना etv भारत च्या शुभेच्छाBody:अमरावतीConclusion:अमरावती
Last Updated : Jul 15, 2019, 10:03 PM IST
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