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कानून मंत्री का आरोप- राजीव गांधी फाउंडेशन ने डोनेशन के बहाने लिया चीनी दूतावास से धन - Chinese Embassy

भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर कांग्रेस पर सनसनीखेज आरोप लगाये हैं. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक समझौता किया था, जिसमें राहुल गांधी ने हस्ताक्षर किए और सोनिया गांधी पीछे खड़ी थीं.

ravishanker
रविशंकर प्रसाद
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Published : Jun 25, 2020, 10:49 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर कांग्रेस पर सनसनीखेज आरोप लगाये हैं. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक समझौता किया था, जिसमें राहुल गांधी ने हस्ताक्षर किए और सोनिया गांधी पीछे खड़ी थीं.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के बीच रिश्ते पर सवाल उठाते हुये केन्द्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ने पूछा कि आखिर पार्टी से पार्टी का रिश्ता क्यों बना? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ये बताएं कि मनमोहन सिंह के सरकार के 10 साल में कितने ऐसे पार्टियो के साथ एमओयू साइन किया है.

राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए डोनर की सूची को दिखाते हुये रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सूची 2005-06 की है. इस सूची से साफ है कि चीन की दूतावास से डोनेशन लिया गया. उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों क्यों हुआ? क्या जरूरत पड़ी है? इसमें कई उद्योगपतियों, पीएसयू का भी नाम है.

रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या ये काफी नहीं था कि चीन के दूतावास से भी रिश्वत लिया गया. उन्होंने कहा कि 2009-11 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच एफटीए उचित है. दोनों पक्ष के सहयोग से और भी संभव है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक व्यापक एफटीए होना चाहिए, जिसमें निवेश भी हो और सामानों और सेवाओं का आयात भी हो. लेकिन यूपीए के कार्यकाल में 33 गुना व्यापार घाटा बढ़ गया. उसी समय चीन के दूतावास से रिश्वत लिया गया. चीन के साथ इतना प्यार क्यों हुआ?

भाजपा के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री ने यह भी कहा कि 1977 के फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन एंड रिलेशन एक्ट के मुताबिक कोई राजनीतिक दल, कोई संगठन विदेशी दान बिना सरकार को जानकारी दिए नहीं प्राप्त कर सकता. यह कानून भी इन्हीं के समय मे बना था. उन्होंने पूछा कि जब राजीव गांधी फाउंडेशन कांग्रेस का एक्सटेंशन ही था, तब इन्होंने सरकार से अनुमति क्यों नही ली थी?

उन्होंने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाय कि राजीव गांधी फाउंडेशन एक शैक्षणिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक संगठन है, तब भी सरकार को यह बताना होता है कि आपने पैसा चीन एम्बेसी से क्यों ली है. आपने पैसा क्यों लिया,अगर लिया तो उसका क्या इस्तेमाल क्या?

यह भी पढ़ें- बिहार और उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और बिजली गिरने से 108 लोगों की मौत

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने ना सिर्फ पैसे लिए, बल्कि कानूनों का उल्लंघन भी किया है. ऐसे में भाजपा जानना चाहती है आखिर क्या पक रहा था? उन्होंने कहा कि कानून में प्रावधान है कि अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो इसके लिए पांच साल तक की सजा हो सकती है. ऐसे में देश इसका जवाब चाहती है.

नई दिल्ली : भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर कांग्रेस पर सनसनीखेज आरोप लगाये हैं. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक समझौता किया था, जिसमें राहुल गांधी ने हस्ताक्षर किए और सोनिया गांधी पीछे खड़ी थीं.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के बीच रिश्ते पर सवाल उठाते हुये केन्द्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ने पूछा कि आखिर पार्टी से पार्टी का रिश्ता क्यों बना? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ये बताएं कि मनमोहन सिंह के सरकार के 10 साल में कितने ऐसे पार्टियो के साथ एमओयू साइन किया है.

राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए डोनर की सूची को दिखाते हुये रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सूची 2005-06 की है. इस सूची से साफ है कि चीन की दूतावास से डोनेशन लिया गया. उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों क्यों हुआ? क्या जरूरत पड़ी है? इसमें कई उद्योगपतियों, पीएसयू का भी नाम है.

रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या ये काफी नहीं था कि चीन के दूतावास से भी रिश्वत लिया गया. उन्होंने कहा कि 2009-11 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच एफटीए उचित है. दोनों पक्ष के सहयोग से और भी संभव है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक व्यापक एफटीए होना चाहिए, जिसमें निवेश भी हो और सामानों और सेवाओं का आयात भी हो. लेकिन यूपीए के कार्यकाल में 33 गुना व्यापार घाटा बढ़ गया. उसी समय चीन के दूतावास से रिश्वत लिया गया. चीन के साथ इतना प्यार क्यों हुआ?

भाजपा के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री ने यह भी कहा कि 1977 के फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन एंड रिलेशन एक्ट के मुताबिक कोई राजनीतिक दल, कोई संगठन विदेशी दान बिना सरकार को जानकारी दिए नहीं प्राप्त कर सकता. यह कानून भी इन्हीं के समय मे बना था. उन्होंने पूछा कि जब राजीव गांधी फाउंडेशन कांग्रेस का एक्सटेंशन ही था, तब इन्होंने सरकार से अनुमति क्यों नही ली थी?

उन्होंने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाय कि राजीव गांधी फाउंडेशन एक शैक्षणिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक संगठन है, तब भी सरकार को यह बताना होता है कि आपने पैसा चीन एम्बेसी से क्यों ली है. आपने पैसा क्यों लिया,अगर लिया तो उसका क्या इस्तेमाल क्या?

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उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने ना सिर्फ पैसे लिए, बल्कि कानूनों का उल्लंघन भी किया है. ऐसे में भाजपा जानना चाहती है आखिर क्या पक रहा था? उन्होंने कहा कि कानून में प्रावधान है कि अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो इसके लिए पांच साल तक की सजा हो सकती है. ऐसे में देश इसका जवाब चाहती है.

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