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बिहार में कोरोना की कम और धीमी जांच पर केंद्रीय टीम ने उठाए सवाल

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Published : Jul 20, 2020, 1:19 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम बिहार के दो दिवसीय दौरे पर है. केंद्रीय टीम ने ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट को लेकर राज्य सरकार को सुझाव दिए हैं. वहीं, केंद्रीय टीम ने बिहार में कोरोना की कम जांच पर भी सवाल उठाए हैं.

बिहार दौरे पर स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम
बिहार दौरे पर स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम

पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में दो दिन के बिहार दौर पर आई है. केंद्रीय टीम ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार को सुझाव दिए. उसका कहना था कि ट्रैकिंग-टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सही व्यवस्था से ही कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

केंद्रीय टीम का कहना था कि तेजी से प्रदेश में पांव पसारती इस महमारी पर नियंत्रण के लिए सरकार को अपनी पुरानी रणनीति को बदलना होगा, तभी इस पर जीत संभव है. केंद्रीय टीम ने कम और धीमी जांच को लेकर सवाल भी उठाए. लव अग्रवाल के साथ नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह और एम्स दिल्ली के मेडिसिन विभाग के एसो. प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल थे.

केंद्रीय टीम ने रविवार को पटना पहुंचने के बाद करीब दो बजे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ स्वाथ्य मुख्यालय में बैठक कर कोरोना संकमण की ताजा स्थिति और जांच पर सरकार से बात की. बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि केंद्रीय टीम को जानकारी दी गई कि बिहार में लगातार कोरोना की जांच बढ़ाई गई है. बिहार में हाल के दिनों में 10 हजार से ज्यादा जांच की व्यवस्था की गई है. अब एक बार फिर सरकार ने अपनी कोरोना जांच की रणनीति में बदलाव का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार अब ऑन डिमांड कोरोना की जांच करेगी.

डिमांड पर जांच होगी
मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्रीय टीम को बताया गया है कि सवाल 10 हजार और 25 हजार का नहीं है. संक्रमण की पुख्ता जानकारी के लिए प्रत्येक डिमांड पर जांच होगी. डिमांड 10 हजार की तो 10 हजार जांच और 25 हजार तक की डिमांड तो 25 हजार जांच होगी. इसके लिए सरकार आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी कर रही है. हर जगह सैंपल देने के लिए सेंटर खोले जा रहे हैं. केवल पटना में 25 सेंटर क्रियान्वित किए गए हैं.

संक्रमितों के अस्पताल में इलाज और आइसोलेान से जुड़े एक सवाल पर मुख्य सचिव ने केंद्रीय टीम को जानकारी दी कि शुरुआती दौर में काेरोना मरीजों के लिए तीन डेडिकेटेड अस्पताल बनाए गए थे. आज सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड मरीजों के लिए सुरक्षित किए गए हैं. इसके अलावा दो दिन के अंदर एम्स पटना में भी दो सौ बेड और बढ़ा दिए जाएंगे.

ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की जरूरत
केंद्रीय टीम का सुझाव था कि राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. इस पर मुख्य सचिव ने कहा हालांकि पूर्व की अपेक्षाकृत अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है. बावजूद यदि केंद्र सरकार बिहार को अधिक संख्या में ऑक्सीजन कांस्टीट्रेटर की आपूर्ति करे, तो अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या और बढ़ाई जा सकती है.

इस पर केंद्र ने राज्य को और ऑक्सीजन कांस्टीट्रेटर की आपूर्ति का आश्वासन दिया. बैठक में केंद्रीय टीम के अधिकारियों के साथ ही मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत, सचिव लोकेश कुमार सिंह, स्वास्थ्य समित के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के अलावा दूसरे स्वास्थ्य के पदाधिकारी मौजूद रहे.

कंटेनमेंट जोन का किया मुआयना
राज्य के अधिकारियाें के साथ बैठक के बाद लव अग्रवाल के नेतृत्व वाली टीम ने राजीव नगर में बने कंटेनमेंट जोन का मुआयना भी किया. इस दौरान पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि भी मौजूद रहे. टीम ने कंटेनमेंट जोन में प्रतिबंध के बाद भी लोगों की बगैर रोक-टोक आवाजाही पर सवाल उठाया. इसके बाद यह टीम गया के लिए रवाना हो गई. गया में यह दल कंटेनमेंट और बफर जोन का निरीक्षण करेगा.

केंद्रीय टीम आज राज्य के अधिकारियाें और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ बैठक के बाद शाम को दिल्ली लौट जाएगी और अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगी.

पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में दो दिन के बिहार दौर पर आई है. केंद्रीय टीम ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार को सुझाव दिए. उसका कहना था कि ट्रैकिंग-टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सही व्यवस्था से ही कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

केंद्रीय टीम का कहना था कि तेजी से प्रदेश में पांव पसारती इस महमारी पर नियंत्रण के लिए सरकार को अपनी पुरानी रणनीति को बदलना होगा, तभी इस पर जीत संभव है. केंद्रीय टीम ने कम और धीमी जांच को लेकर सवाल भी उठाए. लव अग्रवाल के साथ नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह और एम्स दिल्ली के मेडिसिन विभाग के एसो. प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल थे.

केंद्रीय टीम ने रविवार को पटना पहुंचने के बाद करीब दो बजे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ स्वाथ्य मुख्यालय में बैठक कर कोरोना संकमण की ताजा स्थिति और जांच पर सरकार से बात की. बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि केंद्रीय टीम को जानकारी दी गई कि बिहार में लगातार कोरोना की जांच बढ़ाई गई है. बिहार में हाल के दिनों में 10 हजार से ज्यादा जांच की व्यवस्था की गई है. अब एक बार फिर सरकार ने अपनी कोरोना जांच की रणनीति में बदलाव का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार अब ऑन डिमांड कोरोना की जांच करेगी.

डिमांड पर जांच होगी
मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्रीय टीम को बताया गया है कि सवाल 10 हजार और 25 हजार का नहीं है. संक्रमण की पुख्ता जानकारी के लिए प्रत्येक डिमांड पर जांच होगी. डिमांड 10 हजार की तो 10 हजार जांच और 25 हजार तक की डिमांड तो 25 हजार जांच होगी. इसके लिए सरकार आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी कर रही है. हर जगह सैंपल देने के लिए सेंटर खोले जा रहे हैं. केवल पटना में 25 सेंटर क्रियान्वित किए गए हैं.

संक्रमितों के अस्पताल में इलाज और आइसोलेान से जुड़े एक सवाल पर मुख्य सचिव ने केंद्रीय टीम को जानकारी दी कि शुरुआती दौर में काेरोना मरीजों के लिए तीन डेडिकेटेड अस्पताल बनाए गए थे. आज सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड मरीजों के लिए सुरक्षित किए गए हैं. इसके अलावा दो दिन के अंदर एम्स पटना में भी दो सौ बेड और बढ़ा दिए जाएंगे.

ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की जरूरत
केंद्रीय टीम का सुझाव था कि राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. इस पर मुख्य सचिव ने कहा हालांकि पूर्व की अपेक्षाकृत अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है. बावजूद यदि केंद्र सरकार बिहार को अधिक संख्या में ऑक्सीजन कांस्टीट्रेटर की आपूर्ति करे, तो अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या और बढ़ाई जा सकती है.

इस पर केंद्र ने राज्य को और ऑक्सीजन कांस्टीट्रेटर की आपूर्ति का आश्वासन दिया. बैठक में केंद्रीय टीम के अधिकारियों के साथ ही मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत, सचिव लोकेश कुमार सिंह, स्वास्थ्य समित के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के अलावा दूसरे स्वास्थ्य के पदाधिकारी मौजूद रहे.

कंटेनमेंट जोन का किया मुआयना
राज्य के अधिकारियाें के साथ बैठक के बाद लव अग्रवाल के नेतृत्व वाली टीम ने राजीव नगर में बने कंटेनमेंट जोन का मुआयना भी किया. इस दौरान पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि भी मौजूद रहे. टीम ने कंटेनमेंट जोन में प्रतिबंध के बाद भी लोगों की बगैर रोक-टोक आवाजाही पर सवाल उठाया. इसके बाद यह टीम गया के लिए रवाना हो गई. गया में यह दल कंटेनमेंट और बफर जोन का निरीक्षण करेगा.

केंद्रीय टीम आज राज्य के अधिकारियाें और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ बैठक के बाद शाम को दिल्ली लौट जाएगी और अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगी.

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