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राम का नाम भाजपा की संपत्ति नहीं, राम मंदिर बीजेपी का पेटेंट नहीं : उमा भारती

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Published : Jul 24, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 3:57 PM IST

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण देश के लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए 500 सालों तक संघर्ष चला है और अब अंजाम तक पहुंच रहा है. यह सचमुच गौरव का क्षण है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह ने उनसे विशेष बातचीत की है. आइए देखते हैं उनका पूरा साक्षात्कार.

Uma Bharti
उमा भारती

भोपाल : अयोध्या में राम मंदिर का पांच अगस्त को शिलान्यास होने वाला है. जिसकी तैयारियां अयोध्या में शुरू हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर की शिला रखेंगे. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उन खास चेहरों में से एक हैं, जो राम मंदिर आंदोलन में सबसे सक्रिय रही हैं. राम मंदिर से जुड़े मुद्दों पर उमा भारती ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पांच शताब्दी के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण देश के लिए सौभाग्य की बात है.

उमा भारत से खास बातचीत

राम मंदिर के फैसले पर दुनियाभर की नजरें थीं
उमा भारती ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर देश की आस्था का विषय था. जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. उस दिन दुनिया भर की नजर हमारे देश पर थी. राम मंदिर का जब आंदोलन शुरू हुआ, तो लाखों लोग इक्कठा हो गए. उस वक्त मीडिया भी प्राइवेट नहीं था. इसलिए इस आंदोलन को देश के लोगों तक न पहुंचाने की साजिश थी, लेकिन इसके बाद भी राम मंदिर आंदोलन को देश की जनता का समर्थन मिला और यह संघर्ष मुकाम तक पहुंचा.

आठ साल की उम्र में गई थी अयोध्या
उमा भारती ने कहा कि मैं आठ साल की उम्र से प्रवचन करती थी. तब महंत राम चंद्रदास ने मुझे अयोध्या बुलाया था. जब मैंने राम जन्मभूमि पर ताला देखा था. तब सोच लिया था राम मंदिर का आंदोलन शुरू होगा. क्योंकि राम की जन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर ही बनेगा.

आनंद का क्षण होगा जब रखी जाएगी राम मंदिर की शिला
उमा भारती ने कहा कि उनके लिए वह सबसे आनंद का क्षण होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की शिला रखेंगे. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि जो लोग राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे, वह सभी अयोध्या पहुंचे. हम सभी लोग अब पीएम मोदी में समाहित हो गए हैं. इसलिए जब पीएम मंदिर के शिलान्यास में शामिल होंगे तो हम सभी को यही लगेगा कि हम भी अयोध्या में ही हैं, क्योंकि वह सबसे आनंद का क्षण होगा.

पढ़ें : अयोध्या : पांच अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी

भाजपा का पेटेंट नहीं है राम मंदिर
उमा भारती ने कहा कि राम मंदिर बीजेपी का पेटेंट नहीं है. राम का नाम कोई भी ले सकता है. राम भगवान सब के हैं. राम मंदिर की बात सभी लोग कर सकते हैं. यह सोचना गलत है कि राम मंदिर का मुद्दा भाजपा का है. भगवान राम का मंदिर सभी के लिए आस्था का केंद्र है. इसलिए सभी को मिलकर इस फैसले का सम्मान करना चाहिए.

राम का नाम लेते ही सब मंगल हो जाता है
वही राम मंदिर के शिलान्यास के मुहुर्त पर उठ रहे सवालों पर उमा भारती ने कहा कि यह सब ठीक नहीं है. राम भगवान का नाम लेते ही सब जगह मंगल हो जाता है. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने मुहूर्त को गलत बताया है. मैं उनसे कहना चाहती है. वो अगर फोन पर ही सभी महंतों से बात कर लें तो सारी समस्याएं सुलझ जाएंगी. पीएम मोदी कुछ देर के ही लिए अयोध्या पहुंचेंगे और आधार शिला रखेंगे. इस दौरान कोरोना की जो भी गाइडलाइन होगी उसका पालन किया जाएगा.

पढ़ें : बाबरी मामला खारिज होना मंदिर के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि : शिवसेना

अपने शरीर पर भी राम मंदिर की आधार शिला रखवा सकती हूं
उमा भारती ने कहा कि उन्हें राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने का मौका मिला यह उनका सौभाग्य है. राम मंदिर आंदोलन के लिए मैं हमेशा सबसे आंगे रही हूं. मुलायम सिंह की सरकार ने जब राम मंदिर आंदोलन के दौरान कार सेवकों पर गोली चलवाई थी. तब भी मैं अयोध्या में मौजूद थी. मुझे भी गोली लगते-लगते बची थी. राम मंदिर के लिए इतना संघर्ष किया है. इसके लिए अगर राम मंदिर की शिला मेरे जीवित शरीर पर भी रखी जाए तो मैं धन्य हो जांऊगी. मेरी मां की कोख भी धन्य हो गई, मैं राम मंदिर आंदोलन में शामिल हो सकी.

भारत में होनी चाहिए सहमति की राजनीति

उमा भारती ने कहा कि देश में सहमति की राजनीति होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को देश में उकसाने की राजनीति हुई, लेकिन देश के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जताई. इसलिए चाहे भाजपा हो या अन्य कोई पार्टी सभी को मिलकर हर फैसले पर सहमति बनानी होगी, लेकिन हमारे लिए तो 500 साल का संघर्ष अब खत्म होने जा रहा है. यही सबसे बड़ी बात है कि भगवान राम का अब भव्य मंदिर निर्माण होगा.

भोपाल : अयोध्या में राम मंदिर का पांच अगस्त को शिलान्यास होने वाला है. जिसकी तैयारियां अयोध्या में शुरू हो गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर की शिला रखेंगे. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उन खास चेहरों में से एक हैं, जो राम मंदिर आंदोलन में सबसे सक्रिय रही हैं. राम मंदिर से जुड़े मुद्दों पर उमा भारती ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पांच शताब्दी के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण देश के लिए सौभाग्य की बात है.

उमा भारत से खास बातचीत

राम मंदिर के फैसले पर दुनियाभर की नजरें थीं
उमा भारती ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर देश की आस्था का विषय था. जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. उस दिन दुनिया भर की नजर हमारे देश पर थी. राम मंदिर का जब आंदोलन शुरू हुआ, तो लाखों लोग इक्कठा हो गए. उस वक्त मीडिया भी प्राइवेट नहीं था. इसलिए इस आंदोलन को देश के लोगों तक न पहुंचाने की साजिश थी, लेकिन इसके बाद भी राम मंदिर आंदोलन को देश की जनता का समर्थन मिला और यह संघर्ष मुकाम तक पहुंचा.

आठ साल की उम्र में गई थी अयोध्या
उमा भारती ने कहा कि मैं आठ साल की उम्र से प्रवचन करती थी. तब महंत राम चंद्रदास ने मुझे अयोध्या बुलाया था. जब मैंने राम जन्मभूमि पर ताला देखा था. तब सोच लिया था राम मंदिर का आंदोलन शुरू होगा. क्योंकि राम की जन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर ही बनेगा.

आनंद का क्षण होगा जब रखी जाएगी राम मंदिर की शिला
उमा भारती ने कहा कि उनके लिए वह सबसे आनंद का क्षण होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की शिला रखेंगे. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि जो लोग राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे, वह सभी अयोध्या पहुंचे. हम सभी लोग अब पीएम मोदी में समाहित हो गए हैं. इसलिए जब पीएम मंदिर के शिलान्यास में शामिल होंगे तो हम सभी को यही लगेगा कि हम भी अयोध्या में ही हैं, क्योंकि वह सबसे आनंद का क्षण होगा.

पढ़ें : अयोध्या : पांच अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी

भाजपा का पेटेंट नहीं है राम मंदिर
उमा भारती ने कहा कि राम मंदिर बीजेपी का पेटेंट नहीं है. राम का नाम कोई भी ले सकता है. राम भगवान सब के हैं. राम मंदिर की बात सभी लोग कर सकते हैं. यह सोचना गलत है कि राम मंदिर का मुद्दा भाजपा का है. भगवान राम का मंदिर सभी के लिए आस्था का केंद्र है. इसलिए सभी को मिलकर इस फैसले का सम्मान करना चाहिए.

राम का नाम लेते ही सब मंगल हो जाता है
वही राम मंदिर के शिलान्यास के मुहुर्त पर उठ रहे सवालों पर उमा भारती ने कहा कि यह सब ठीक नहीं है. राम भगवान का नाम लेते ही सब जगह मंगल हो जाता है. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने मुहूर्त को गलत बताया है. मैं उनसे कहना चाहती है. वो अगर फोन पर ही सभी महंतों से बात कर लें तो सारी समस्याएं सुलझ जाएंगी. पीएम मोदी कुछ देर के ही लिए अयोध्या पहुंचेंगे और आधार शिला रखेंगे. इस दौरान कोरोना की जो भी गाइडलाइन होगी उसका पालन किया जाएगा.

पढ़ें : बाबरी मामला खारिज होना मंदिर के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि : शिवसेना

अपने शरीर पर भी राम मंदिर की आधार शिला रखवा सकती हूं
उमा भारती ने कहा कि उन्हें राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने का मौका मिला यह उनका सौभाग्य है. राम मंदिर आंदोलन के लिए मैं हमेशा सबसे आंगे रही हूं. मुलायम सिंह की सरकार ने जब राम मंदिर आंदोलन के दौरान कार सेवकों पर गोली चलवाई थी. तब भी मैं अयोध्या में मौजूद थी. मुझे भी गोली लगते-लगते बची थी. राम मंदिर के लिए इतना संघर्ष किया है. इसके लिए अगर राम मंदिर की शिला मेरे जीवित शरीर पर भी रखी जाए तो मैं धन्य हो जांऊगी. मेरी मां की कोख भी धन्य हो गई, मैं राम मंदिर आंदोलन में शामिल हो सकी.

भारत में होनी चाहिए सहमति की राजनीति

उमा भारती ने कहा कि देश में सहमति की राजनीति होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को देश में उकसाने की राजनीति हुई, लेकिन देश के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जताई. इसलिए चाहे भाजपा हो या अन्य कोई पार्टी सभी को मिलकर हर फैसले पर सहमति बनानी होगी, लेकिन हमारे लिए तो 500 साल का संघर्ष अब खत्म होने जा रहा है. यही सबसे बड़ी बात है कि भगवान राम का अब भव्य मंदिर निर्माण होगा.

Last Updated : Jul 24, 2020, 3:57 PM IST
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