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मनीष तिवारी की सलाह- सीएए व एनपीआर को ठीक से पढ़ें और समझें उद्धव

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Published : Feb 22, 2020, 6:27 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 5:09 AM IST

नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर विवाद बदस्तूर जारी है. कुछ लोग इसे देशहित में बता रहे हैं तो अन्य इसे संविधान विरोधी करार दे रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएए और एनपीआर पर केंद्र सरकार को हरी झंडी दिखाने का संकेत दिया है तो वहीं महाराष्ट्र सरकार के घटक दलों ने उद्दव ठाकरे से सीएए और एनपीआर को सही से पढ़ने और समझने की सलाह दी है....

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मनीष तिवारी और उद्धव ठाकरे

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को नागरिकता संशोधन नियम- 2003 को सही से जानकारी देने की जरूरत है, यह समझने के लिए कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) कैसे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का आधार है. धर्म नागरिकता का आधार नहीं माना जा सकता है.

कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट कर कर कहा, 'महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को नागरिकता संशोधन नियम-2003 समझाने की जरूरत है कि कैसे एनपीआर, एनआरसी का आधार है. एक बार जब आप एनपीआर कर लेते हैं, तो फिर आप एनआरसी को नहीं रोक सकते हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लिए फिर से भारतीय संविधान को डिजाइन करना पड़ेगा, धर्म नागरिकता का आधार नहीं हो सकता है.'

तिवारी का यह ट्वीट सीएम ठाकरे का दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद दिए गए बयान के बाद आया है. जिसमें ठाकरे ने कहा था, 'सीएए और एनपीआर से किसी को डरने की जरूरत नहीं है, यह कानून किसी को देश से बाहर भगाने के लिए नहीं है. ठाकरे ने कहा था कि केंद्र सरकार से हमने 'सीएए और एनपीआर पर विस्तृत चर्चा की है.'

अपने पहले स्टैंड से अलग होते हुए ठाकरे ने कहा कि 'किसी को भी सीएए या एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है, यह कानून किसी को देश से बाहर निकालने के लिए नहीं है. जो लोग सीएए या एनपीआर के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं, उन्हें प्रावधानों को सही तरीके से समझना चाहिए.'

यह भी पढ़ें - ट्रंप की यात्रा पर खर्च : प्रियंका गांधी ने पूछा- सरकार ने कितना पैसा दिया

वहीं महाविकास अघाड़ी के मुद्दे पर सरकार के घटक दलों के बीच दरार की खबरों का खंडन करते हुए ठाकरे ने कहा, 'हम अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुसार काम करेंगे और हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.'

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को नागरिकता संशोधन नियम- 2003 को सही से जानकारी देने की जरूरत है, यह समझने के लिए कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) कैसे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का आधार है. धर्म नागरिकता का आधार नहीं माना जा सकता है.

कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट कर कर कहा, 'महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को नागरिकता संशोधन नियम-2003 समझाने की जरूरत है कि कैसे एनपीआर, एनआरसी का आधार है. एक बार जब आप एनपीआर कर लेते हैं, तो फिर आप एनआरसी को नहीं रोक सकते हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लिए फिर से भारतीय संविधान को डिजाइन करना पड़ेगा, धर्म नागरिकता का आधार नहीं हो सकता है.'

तिवारी का यह ट्वीट सीएम ठाकरे का दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद दिए गए बयान के बाद आया है. जिसमें ठाकरे ने कहा था, 'सीएए और एनपीआर से किसी को डरने की जरूरत नहीं है, यह कानून किसी को देश से बाहर भगाने के लिए नहीं है. ठाकरे ने कहा था कि केंद्र सरकार से हमने 'सीएए और एनपीआर पर विस्तृत चर्चा की है.'

अपने पहले स्टैंड से अलग होते हुए ठाकरे ने कहा कि 'किसी को भी सीएए या एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है, यह कानून किसी को देश से बाहर निकालने के लिए नहीं है. जो लोग सीएए या एनपीआर के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं, उन्हें प्रावधानों को सही तरीके से समझना चाहिए.'

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वहीं महाविकास अघाड़ी के मुद्दे पर सरकार के घटक दलों के बीच दरार की खबरों का खंडन करते हुए ठाकरे ने कहा, 'हम अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुसार काम करेंगे और हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.'

Last Updated : Mar 2, 2020, 5:09 AM IST
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