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गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, दो दारोगा निलंबित - inspector suspended

उत्तर प्रदेश के पुलिस कमिश्नर ने दो इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांच पड़ताल किए और सबूतों के गायत्री प्रसाद प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के तथाकथित पति को जेल भेज दिया. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

गायत्री प्रजापति
गायत्री प्रजापति
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Published : Sep 10, 2020, 6:40 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. बीते दिनों गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से दो महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी. अब उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के वकील दिनेश त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है. यह एफआईआर वकील ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसकी बेटी के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी की धाराओं में दर्ज कराई है.

बताते चलें कि पीड़ित महिला की तहरीर पर गौतमपल्ली में उनके तथाकथित पति के खिलाफ दो वर्ष पहले एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए गौतमपल्ली इंस्पेक्टर और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत मिलने के बाद पीड़िता के पति को जेल भेज दिया.

मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर गौतमपल्ली और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया है. दोनों इंस्पेक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांच पड़ताल के और सबूतों के पीड़िता के पति के ऊपर एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा.

पीड़िता के वकील दिनेश त्रिपाठी ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए हैं. दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बेनामी संपत्ति को पीड़िता के नाम पर ट्रांसफर कराया है, जिसके बाद ही पीड़िता ने उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को वापस लिया है.

बताते चलें कि बीते दिनों आरोप लगाने वाली ने गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोपों को गलत बताते हुए उन्हें अपने पिता तुल्य बताया था, जिसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से दो महीने की अंतरिम जमानत मिली थी. इसी बीच दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली और वकील के बीच में विवाद हो गया, जिसके बाद महिला ने वकील को जान से मारने की धमकी दी. वकील की ओर से यह भी आरोप लगाए गए हैं कि जमानत के बाद गायत्री प्रजापति की ओर से भी उन्हें धमकाया गया.

यह भी पढ़ें: बिहार : चुनाव से पहले आरजेडी को झटका, रघुवंश प्रसाद ने दिया इस्तीफा

डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के पति के खिलाफ दो वर्ष पहले गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद बीते दिनों उसे जेल भेज दिया गया. इस मामले को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे की ओर से आदेश जारी कर इंस्पेक्टर गौतमपल्ली को निलंबित कर दिया गया.

लखनऊ : समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. बीते दिनों गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से दो महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी. अब उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के वकील दिनेश त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है. यह एफआईआर वकील ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसकी बेटी के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी की धाराओं में दर्ज कराई है.

बताते चलें कि पीड़ित महिला की तहरीर पर गौतमपल्ली में उनके तथाकथित पति के खिलाफ दो वर्ष पहले एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए गौतमपल्ली इंस्पेक्टर और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत मिलने के बाद पीड़िता के पति को जेल भेज दिया.

मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर गौतमपल्ली और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया है. दोनों इंस्पेक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांच पड़ताल के और सबूतों के पीड़िता के पति के ऊपर एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा.

पीड़िता के वकील दिनेश त्रिपाठी ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए हैं. दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बेनामी संपत्ति को पीड़िता के नाम पर ट्रांसफर कराया है, जिसके बाद ही पीड़िता ने उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को वापस लिया है.

बताते चलें कि बीते दिनों आरोप लगाने वाली ने गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोपों को गलत बताते हुए उन्हें अपने पिता तुल्य बताया था, जिसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से दो महीने की अंतरिम जमानत मिली थी. इसी बीच दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली और वकील के बीच में विवाद हो गया, जिसके बाद महिला ने वकील को जान से मारने की धमकी दी. वकील की ओर से यह भी आरोप लगाए गए हैं कि जमानत के बाद गायत्री प्रजापति की ओर से भी उन्हें धमकाया गया.

यह भी पढ़ें: बिहार : चुनाव से पहले आरजेडी को झटका, रघुवंश प्रसाद ने दिया इस्तीफा

डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के पति के खिलाफ दो वर्ष पहले गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद बीते दिनों उसे जेल भेज दिया गया. इस मामले को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे की ओर से आदेश जारी कर इंस्पेक्टर गौतमपल्ली को निलंबित कर दिया गया.

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