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पंजाब : रेल सेवा बहाली के लिए रेल मंत्री से मिले कांग्रेस के दो प्रतिनिधिमंडल

पंजाब में कृषि कानूनों को लेकर किसानों का रेलवे की पटरियों पर विरोध प्रदर्शन जारी है. राज्य में रेल सेवा बहाल करने के संबंध में कांग्रेस सांसदों के दो अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक की.

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Published : Nov 6, 2020, 1:18 PM IST

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नई दिल्ली : पंजाब में रेल सेवा को बहाल करने को लेकर कांग्रेस सांसदों के दो अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की. एक प्रतिनिधिमंडल में प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो सहित दो राज्यसभा सांसद शामिल थे और दूसरे प्रतिनिधिमंडल में पंजाब से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शामिल थे.

बता दें कि प्रताप सिंह बाजवा को जंतर-मंतर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित पंजाब के कांग्रेस नेताओं के द्वारा किए गए विरोध में नहीं देखा गया था. इस पर बाजवा ने कहा कि वह अस्वस्थ थे. वहीं सांसद शमशेर सिंह दूलो ने कहा कि बाजवा और वह दोनों राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और पंजाब राज्य कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख हैं, पर उन्हें इस विरोध प्रदर्शन के बारे में सूचित नहीं किया गया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा

इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है और अब गेहूं का सीजन आ गया है. इसके लिए कोयला और उर्वरकों की आवश्यकता होती है. ट्रेनों के न चलने से इनकी आपूर्ति प्रभावित हुई. हमने रेल मंत्री से इन मुद्दों पर विचार करने का अनुरोध किया है.

बाजवा ने कहा कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ रेल की सुरक्षा के मुद्दे को भी उठाएंगे और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि इन समस्याओं का समाधान हो सके. दो अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल के रेल मंत्री के साथ बैठक को लेकर बाजवा ने कहा कि हम सबका मकसद एक ही है, पंजाब की समस्याओं का समाधान हो.

सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान माहौल तब गरम हो गया जब गोयल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को प्रदर्शन करने के लिए उकसाने और मदद करने का आरोप लगाया. राज्य में इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से रेल यातायात प्रभावित है.

वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि पंजाब में ट्रेन सेवा बहाल करने के पहले राज्य सरकार को रेलवे की संपत्तियों और कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन देना होगा और पटरियों से सभी प्रदर्शनकारियों को हटाना होगा. प्रतिनिधिमंडल ने गोयल से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सेवा स्थगित रहने से राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है.

पढ़ें :- कृषि कानूनों के खिलाफ चक्का जाम, देशभर में दिखा मिला-जुला असर

गोयल ने एक ट्वीट में कहा, 'रेलवे पंजाब में परिचालन शुरू करने को तैयार है. बशर्ते पंजाब सरकार ट्रेन संचालन की सुरक्षा का आश्वासन दे और रेलवे पटरियों को प्रदर्शनकारियों से मुक्त कराए.'

सांसदों ने गोयल को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने रेलवे की संपत्ति की रक्षा का आश्वासन दिया.

नई दिल्ली : पंजाब में रेल सेवा को बहाल करने को लेकर कांग्रेस सांसदों के दो अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की. एक प्रतिनिधिमंडल में प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो सहित दो राज्यसभा सांसद शामिल थे और दूसरे प्रतिनिधिमंडल में पंजाब से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शामिल थे.

बता दें कि प्रताप सिंह बाजवा को जंतर-मंतर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित पंजाब के कांग्रेस नेताओं के द्वारा किए गए विरोध में नहीं देखा गया था. इस पर बाजवा ने कहा कि वह अस्वस्थ थे. वहीं सांसद शमशेर सिंह दूलो ने कहा कि बाजवा और वह दोनों राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और पंजाब राज्य कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख हैं, पर उन्हें इस विरोध प्रदर्शन के बारे में सूचित नहीं किया गया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा

इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है और अब गेहूं का सीजन आ गया है. इसके लिए कोयला और उर्वरकों की आवश्यकता होती है. ट्रेनों के न चलने से इनकी आपूर्ति प्रभावित हुई. हमने रेल मंत्री से इन मुद्दों पर विचार करने का अनुरोध किया है.

बाजवा ने कहा कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ रेल की सुरक्षा के मुद्दे को भी उठाएंगे और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि इन समस्याओं का समाधान हो सके. दो अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल के रेल मंत्री के साथ बैठक को लेकर बाजवा ने कहा कि हम सबका मकसद एक ही है, पंजाब की समस्याओं का समाधान हो.

सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान माहौल तब गरम हो गया जब गोयल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को प्रदर्शन करने के लिए उकसाने और मदद करने का आरोप लगाया. राज्य में इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से रेल यातायात प्रभावित है.

वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि पंजाब में ट्रेन सेवा बहाल करने के पहले राज्य सरकार को रेलवे की संपत्तियों और कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन देना होगा और पटरियों से सभी प्रदर्शनकारियों को हटाना होगा. प्रतिनिधिमंडल ने गोयल से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सेवा स्थगित रहने से राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है.

पढ़ें :- कृषि कानूनों के खिलाफ चक्का जाम, देशभर में दिखा मिला-जुला असर

गोयल ने एक ट्वीट में कहा, 'रेलवे पंजाब में परिचालन शुरू करने को तैयार है. बशर्ते पंजाब सरकार ट्रेन संचालन की सुरक्षा का आश्वासन दे और रेलवे पटरियों को प्रदर्शनकारियों से मुक्त कराए.'

सांसदों ने गोयल को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने रेलवे की संपत्ति की रक्षा का आश्वासन दिया.

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