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विशेष : सीएम केजरीवाल और उप राज्यपाल के बीच हुए विवादों पर एक नजर

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Published : Jun 9, 2020, 2:46 AM IST

Updated : Jun 9, 2020, 3:21 PM IST

दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों कोरोना से संक्रमित सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा. उप राज्यपाल के इस फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है. इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि एलजी के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है. देशभर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना महामारी के दौरान इलाज का इंतज़ाम करना बड़ी चुनौती है. यह पहली बार नहीं है, जब केजरीवाल और दिल्ली के उप राज्यपाल के बीच किसी फैसले को लेकर इस तरह का विवाद हुआ हो. केजरीवाल और उप राज्यपाल के बीच हुए विवाद पर एक नजर...

Delhi LG vs arvind kejriwal tussles
अरविंद केजरी वाल और अनिल बैजल

नई दिल्ली : केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर से विवाद हुआ है. ऐसा तब हुआ, जब उप राज्यपाल ने केजरीवाल की अगुआई वाली आप सरकार के एक फैसले को पलट दिया. इस फैसले में कहा गया था कि दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा संचालित और निजी अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज किया जाएगा. यह पहली बार नहीं हुआ है जब केजरीवाल और उप राज्यपाल में विवाद हुआ है. ऐसा आम आदमी पार्टी की सरकार में कई बार हो चुका है.

केजरीवाल और उप राज्यपाल के बीच हुए विवाद पर एक नजर...

  • 9 जुलाई 2013 : नजीब जंग को दिल्ली का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया.
  • 28 दिसंबर, 2013 : अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने.
  • 3 फरवरी, 2014 : दिल्ली कैबिनेट ने जन लोकपाल विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी.
  • 10 फरवरी, 2014 : नजीब जंग ने कानून मंत्रालय को बिल का मसौदा भेजा, जिसमें कहा गया कि जन लोकपाल बिल को पेश करना अनिवार्य है.
  • 14 फरवरी, 2014 : अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
  • 17 फरवरी, 2014 : दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया गया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया.
  • 14 फरवरी, 2015 : आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की, अरविंद केजरीवाल ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
  • 1 अप्रैल, 2015 : नजीब जंग ने कहा कि वह केजरीवाल के आदेश पर पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित फाइलें सीएम के पास भेजने के लिए बाध्य नहीं हैं.
  • 29 अप्रैल, 2015 : केजरीवाल ने अधिकारियों से कहा कि वह फाइलों को लेकर उप राज्यपाल को परेशान न करें.
  • 16 मई, 2015 : केजरीवाल ने आईएएस अधिकारी शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों की पैरवी करने का आरोप लगाया.
  • 20 मई, 2015 : जंग ने दिल्ली सरकार द्वारा की गई नौकरशाहों की पोस्टिंग की घोषणा रद की और कहा कि नियुक्ति और हस्तांतरण करने की शक्ति उनके पास है.
  • 2 जून 2015 : बिहार पुलिस के पांच अधिकारी दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) में शामिल हुए. जंग ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वे एसीबी के बॉस हैं.
  • 8 जून, 2015 : जंग ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एमके मीणा को एसीबी का नया प्रमुख बनाया. केजरीवाल ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया.
  • 9 जून, 2015 : उप राज्यपाल ने वीटो शक्ति का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली सरकार के गृह सचिव धर्मपाल को हटा दिया.
  • 20-21 जुलाई, 2015 : दिल्ली सरकार ने स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का अध्यक्ष नियुक्त किया. नजीब जंग ने केजरीवाल से पूछा कि उनकी मंजूरी क्यों नहीं ली गई.
  • 1 अगस्त 2015 : केजरीवाल ने कृषि भूमि के लिए दिल्ली में सर्किल दरों में बढ़ोतरी की. जंग ने इस निर्णय पर सवाल उठाए.
  • 11 अगस्त, 2015 : दिल्ली सरकार ने सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए कमीशन ऑफ इन्क्वॉयरी बनाई. उप राज्यपाल ने फिर से सवाल उठाए.
  • 1 दिसंबर, 2015 : आप सरकार ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ की जांच के लिए आयोग का गठन किया. नजीब जंग ने इसकी वैधता पर फिर सवाल उठाया.
  • 15 दिसंबर, 2015 : सीबीआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापा मारा. केजरीवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नजीब जंग को जिम्मेदार ठहराया.
  • 31 दिसंबर, 2015 : आईएएस और दानिक्स (DANICS) अधिकारी फ्लैगशिप ऑड-ईवन योजना से एक दिन पहले छुट्टी पर चले गए.
  • 1 जनवरी, 2016 : केजरीवाल ने हड़ताल के लिए एलजी, केंद्र को दोषी ठहराया ऑड-ईवन योजना भी सफल रही.
  • मार्च 2016 : आप सरकार ने पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त कृष्णा सैनी को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया.
  • 1 जून, 2016 : एसीबी ने दिल्ली सरकार की ऐप-आधारित प्रीमियम बस सेवा की जांच की.
  • 20 जून 2016 : एसीबी ने जंग के ठीक होने के बाद पानी के टैंकर घोटाले में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
  • 4 अगस्त, 2016 : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि एलजी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आप सरकार के प्रशासनिक प्रमुख हैं, जो मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं.
  • 30 अगस्त, 2016 : नजीब जंग ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव और पीडब्लूडी सचिव को निकाल दिया. इस पर केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी जंग के माध्यम से दिल्ली को तबाह करना चाहते हैं.
  • 30 अगस्त, 2016 : जंग ने दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित 400 से अधिक फाइलों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया. केजरीवाल इसे अवैध बताते हैं.
  • 16 सितंबर, 2016 : चिकनगुनिया के प्रकोप के बाद, जंग ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से फिनलैंड से लौटने के लिए कहा.
  • 17 सितंबर, 2016 : जंग ने आप के मंत्रियों से मिलने से इनकार कर दिया.
  • 7 अक्टूबर, 2016 : जंग ने आईएएस अधिकारी अलका दीवान को डीसीडब्ल्यू सदस्य सचिव नियुक्त किया. दीवान ने डीसीडब्ल्यू के संविदा कर्मचारियों को वेतन का भुगतान रोक दिया था, जबकि केजरीवाल उसे हटाने की मांग करते रहे.
  • 6 दिसंबर, 2016 : नजीब जंग ने आईएएस अधिकारी दिलराज कौर की जगह दीवान को नियुक्त किया. केजरीवाल ने इस कदम को खारिज कर दिया और जंग को हिटलर कहा.
  • 22 दिसंबर, 2016 : नजीब जंग ने दिल्ली एलजी के पद से इस्तीफा दे दिया.
  • 31 दिसंबर, 2016 : अनिल बैजल ने दिल्ली के उप राज्यपाल के रूप में शपथ ली.

आम आदमी पार्टी और नौकरशाही के बीच झगड़ा एक साल से चल रहा है.

फरवरी 2018 में आप नेताओं द्वारा मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर 19 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर कथित हमले के बाद ताजा गति मिली.

इससे पहले, दिसंबर 2017 को, केजरीवाल और बैजल के बीच तकरार हुई. इसकी गूंज संसद तक सुनी गई. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को चपरासी की तरह व्यवहार किया जा रहा है.

उप राज्यपाल की आम आदमी पार्टी की अन्य मांगों में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के प्रस्ताव का अनुमोदन है.

मार्च 2018 में, बैजल ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह केंद्र को प्रस्ताव का हवाला दे. यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर वापस कर दिया कि कानून के अनुसार इस तरह के संदर्भ की आवश्यकता नहीं है. केजरीवाल ने कहा था कि बैजल ने इसे ओछी राजनीति के तहत खारिज कर दिया है.

आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और सीसीटीवी लगाने की मांग करती है, जिसके चलते सरकार के बैजल के साथ संबंध और खराब होते गए.

  • 11 जून, 2018 : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आईएएस अधिकारियों द्वारा हड़ताल के खिलाफ उपराज्यपाल के कार्यालय के विरोध में बैठे.
  • 14 जून, 2018 : केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और उनसे आईएएस अधिकारियों के आंदोलन में हस्तक्षेप करने और इसे खत्म करने का अनुरोध किया.
  • जुलाई 2018 : न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी के संचालन के लिए व्यापक मापदंडों को निर्धारित किया था. शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि उपराज्यपाल के पास कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है और उसे मंत्रिमंडल की सलाह पर निर्णय लेना होगा.
  • 19 सितंबर, 2018 : केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि दिल्ली प्रशासन को दिल्ली सरकार के पास अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है और इस बात पर जोर दिया है कि देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली की स्थिति असाधारण है.
  • 4 अक्टूबर, 2018 : दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि वह चाहती थी कि दिल्ली के शासन से संबंधित उसकी याचिकाओं को जल्द से जल्द सुना जाए क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि प्रशासन में गतिरोध जारी रहे.
  • 1 नवंबर, 2018 : न्यायमूर्ति सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, एक आयोग की स्थापना की और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की शक्ति को चुनौती देते हुए और फैसले को आरक्षित किया.
  • 14 फरवरी, 2019 : सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की बेंच ने दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति और स्थानांतरण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र पर एक अलग फैसला सुनाया.
  • दोनों न्यायाधीशों का मानना ​​था कि केंद्र के जिम्मे भ्रष्टाचार निरोधक शाखा होगी, जबकि दिल्ली सरकार के पास विशेष सरकारी वकील, विद्युत अधिनियम के तहत निदेशक नियुक्त करने की शक्तियां होंगी और कृषि भूमि पर राजस्व वसूलने का अधिकार होगा.
  • सेवाओं के अधिकार क्षेत्र पर दो न्यायाधीशों के बीच मतभेद के कारण मामले को अब एक बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है.

नई दिल्ली : केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर से विवाद हुआ है. ऐसा तब हुआ, जब उप राज्यपाल ने केजरीवाल की अगुआई वाली आप सरकार के एक फैसले को पलट दिया. इस फैसले में कहा गया था कि दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा संचालित और निजी अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज किया जाएगा. यह पहली बार नहीं हुआ है जब केजरीवाल और उप राज्यपाल में विवाद हुआ है. ऐसा आम आदमी पार्टी की सरकार में कई बार हो चुका है.

केजरीवाल और उप राज्यपाल के बीच हुए विवाद पर एक नजर...

  • 9 जुलाई 2013 : नजीब जंग को दिल्ली का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया.
  • 28 दिसंबर, 2013 : अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने.
  • 3 फरवरी, 2014 : दिल्ली कैबिनेट ने जन लोकपाल विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी.
  • 10 फरवरी, 2014 : नजीब जंग ने कानून मंत्रालय को बिल का मसौदा भेजा, जिसमें कहा गया कि जन लोकपाल बिल को पेश करना अनिवार्य है.
  • 14 फरवरी, 2014 : अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
  • 17 फरवरी, 2014 : दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया गया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया.
  • 14 फरवरी, 2015 : आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की, अरविंद केजरीवाल ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
  • 1 अप्रैल, 2015 : नजीब जंग ने कहा कि वह केजरीवाल के आदेश पर पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित फाइलें सीएम के पास भेजने के लिए बाध्य नहीं हैं.
  • 29 अप्रैल, 2015 : केजरीवाल ने अधिकारियों से कहा कि वह फाइलों को लेकर उप राज्यपाल को परेशान न करें.
  • 16 मई, 2015 : केजरीवाल ने आईएएस अधिकारी शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों की पैरवी करने का आरोप लगाया.
  • 20 मई, 2015 : जंग ने दिल्ली सरकार द्वारा की गई नौकरशाहों की पोस्टिंग की घोषणा रद की और कहा कि नियुक्ति और हस्तांतरण करने की शक्ति उनके पास है.
  • 2 जून 2015 : बिहार पुलिस के पांच अधिकारी दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) में शामिल हुए. जंग ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वे एसीबी के बॉस हैं.
  • 8 जून, 2015 : जंग ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एमके मीणा को एसीबी का नया प्रमुख बनाया. केजरीवाल ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया.
  • 9 जून, 2015 : उप राज्यपाल ने वीटो शक्ति का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली सरकार के गृह सचिव धर्मपाल को हटा दिया.
  • 20-21 जुलाई, 2015 : दिल्ली सरकार ने स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का अध्यक्ष नियुक्त किया. नजीब जंग ने केजरीवाल से पूछा कि उनकी मंजूरी क्यों नहीं ली गई.
  • 1 अगस्त 2015 : केजरीवाल ने कृषि भूमि के लिए दिल्ली में सर्किल दरों में बढ़ोतरी की. जंग ने इस निर्णय पर सवाल उठाए.
  • 11 अगस्त, 2015 : दिल्ली सरकार ने सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए कमीशन ऑफ इन्क्वॉयरी बनाई. उप राज्यपाल ने फिर से सवाल उठाए.
  • 1 दिसंबर, 2015 : आप सरकार ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ की जांच के लिए आयोग का गठन किया. नजीब जंग ने इसकी वैधता पर फिर सवाल उठाया.
  • 15 दिसंबर, 2015 : सीबीआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापा मारा. केजरीवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नजीब जंग को जिम्मेदार ठहराया.
  • 31 दिसंबर, 2015 : आईएएस और दानिक्स (DANICS) अधिकारी फ्लैगशिप ऑड-ईवन योजना से एक दिन पहले छुट्टी पर चले गए.
  • 1 जनवरी, 2016 : केजरीवाल ने हड़ताल के लिए एलजी, केंद्र को दोषी ठहराया ऑड-ईवन योजना भी सफल रही.
  • मार्च 2016 : आप सरकार ने पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त कृष्णा सैनी को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया.
  • 1 जून, 2016 : एसीबी ने दिल्ली सरकार की ऐप-आधारित प्रीमियम बस सेवा की जांच की.
  • 20 जून 2016 : एसीबी ने जंग के ठीक होने के बाद पानी के टैंकर घोटाले में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
  • 4 अगस्त, 2016 : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि एलजी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आप सरकार के प्रशासनिक प्रमुख हैं, जो मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य हैं.
  • 30 अगस्त, 2016 : नजीब जंग ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव और पीडब्लूडी सचिव को निकाल दिया. इस पर केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी जंग के माध्यम से दिल्ली को तबाह करना चाहते हैं.
  • 30 अगस्त, 2016 : जंग ने दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित 400 से अधिक फाइलों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया. केजरीवाल इसे अवैध बताते हैं.
  • 16 सितंबर, 2016 : चिकनगुनिया के प्रकोप के बाद, जंग ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से फिनलैंड से लौटने के लिए कहा.
  • 17 सितंबर, 2016 : जंग ने आप के मंत्रियों से मिलने से इनकार कर दिया.
  • 7 अक्टूबर, 2016 : जंग ने आईएएस अधिकारी अलका दीवान को डीसीडब्ल्यू सदस्य सचिव नियुक्त किया. दीवान ने डीसीडब्ल्यू के संविदा कर्मचारियों को वेतन का भुगतान रोक दिया था, जबकि केजरीवाल उसे हटाने की मांग करते रहे.
  • 6 दिसंबर, 2016 : नजीब जंग ने आईएएस अधिकारी दिलराज कौर की जगह दीवान को नियुक्त किया. केजरीवाल ने इस कदम को खारिज कर दिया और जंग को हिटलर कहा.
  • 22 दिसंबर, 2016 : नजीब जंग ने दिल्ली एलजी के पद से इस्तीफा दे दिया.
  • 31 दिसंबर, 2016 : अनिल बैजल ने दिल्ली के उप राज्यपाल के रूप में शपथ ली.

आम आदमी पार्टी और नौकरशाही के बीच झगड़ा एक साल से चल रहा है.

फरवरी 2018 में आप नेताओं द्वारा मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर 19 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर कथित हमले के बाद ताजा गति मिली.

इससे पहले, दिसंबर 2017 को, केजरीवाल और बैजल के बीच तकरार हुई. इसकी गूंज संसद तक सुनी गई. राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को चपरासी की तरह व्यवहार किया जा रहा है.

उप राज्यपाल की आम आदमी पार्टी की अन्य मांगों में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के प्रस्ताव का अनुमोदन है.

मार्च 2018 में, बैजल ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह केंद्र को प्रस्ताव का हवाला दे. यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर वापस कर दिया कि कानून के अनुसार इस तरह के संदर्भ की आवश्यकता नहीं है. केजरीवाल ने कहा था कि बैजल ने इसे ओछी राजनीति के तहत खारिज कर दिया है.

आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और सीसीटीवी लगाने की मांग करती है, जिसके चलते सरकार के बैजल के साथ संबंध और खराब होते गए.

  • 11 जून, 2018 : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आईएएस अधिकारियों द्वारा हड़ताल के खिलाफ उपराज्यपाल के कार्यालय के विरोध में बैठे.
  • 14 जून, 2018 : केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और उनसे आईएएस अधिकारियों के आंदोलन में हस्तक्षेप करने और इसे खत्म करने का अनुरोध किया.
  • जुलाई 2018 : न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी के संचालन के लिए व्यापक मापदंडों को निर्धारित किया था. शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि उपराज्यपाल के पास कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है और उसे मंत्रिमंडल की सलाह पर निर्णय लेना होगा.
  • 19 सितंबर, 2018 : केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि दिल्ली प्रशासन को दिल्ली सरकार के पास अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है और इस बात पर जोर दिया है कि देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली की स्थिति असाधारण है.
  • 4 अक्टूबर, 2018 : दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि वह चाहती थी कि दिल्ली के शासन से संबंधित उसकी याचिकाओं को जल्द से जल्द सुना जाए क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि प्रशासन में गतिरोध जारी रहे.
  • 1 नवंबर, 2018 : न्यायमूर्ति सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, एक आयोग की स्थापना की और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की शक्ति को चुनौती देते हुए और फैसले को आरक्षित किया.
  • 14 फरवरी, 2019 : सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की बेंच ने दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति और स्थानांतरण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र पर एक अलग फैसला सुनाया.
  • दोनों न्यायाधीशों का मानना ​​था कि केंद्र के जिम्मे भ्रष्टाचार निरोधक शाखा होगी, जबकि दिल्ली सरकार के पास विशेष सरकारी वकील, विद्युत अधिनियम के तहत निदेशक नियुक्त करने की शक्तियां होंगी और कृषि भूमि पर राजस्व वसूलने का अधिकार होगा.
  • सेवाओं के अधिकार क्षेत्र पर दो न्यायाधीशों के बीच मतभेद के कारण मामले को अब एक बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है.
Last Updated : Jun 9, 2020, 3:21 PM IST
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