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ट्रंप ने दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र को हंसी का पात्र बना दिया ?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से आज पूरी दुनिया में अमेरिका हंसी का पात्र बन गया है. चीन ने भी इस घटना को लेकर व्यंगात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं. जॉर्ज वाशिंगटन ने 225 साल पहले चेतावनी दी थी कि यदि राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ टकराते रहेंगे तो लोकतंत्र निष्प्रभावी हो जाएगा और अराजकता व्याप्त हो जाएगी. उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि स्वार्थी नेता स्थिति का लाभ लेने के लिए आगे आएंगे. ट्रंप के मामले में ऐसा ही हुआ लगता है.

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Published : Jan 9, 2021, 8:34 PM IST

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हैदराबाद : 'यह एक दिन गायब हो जाएगा.. जो एक चमत्कार जैसा है' ये सुनहरे शब्द पिछले फरवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कहे गए थे. महामारी का उपयोग बहाने के रूप में करते हुए ट्रंप ने कहा कि जब तक लोग ठीक से और सुरक्षित रूप से वोट नहीं दे सकते चुनाव टलने चाहिए. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में देरी करने के लिए यह कुटिल योजना खेलने की कोशिश की. उन्होंने मतदान में यूनिवर्सल मेल की शुरुआत के खिलाफ तीखा प्रचार भी किया था, जिसमें कहा गया था कि यह उनके लिए जनादेश चोरी करने की साजिश है.

नवंबर 2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में देश के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा मतदान हुआ. महत्वपूर्ण राज्यों में डेमोक्रेट्स के पक्ष में मतदाता झुकाव को महसूस करने के तुरंत बाद ही ट्रंप को हार का एहसास हो गया था. व्हाइट हाउस ने सत्ता के सुचारू हस्तांतरण को रोकने के लिए कई प्रयास किए. ट्रंप ने उस वक्त खुद को सबसे खराब साबित किया, जब राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल-कॉलेज के वोटों को अमेरिकी कांग्रेस के दो सदनों द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा था. उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस द्वारा आयोजित की जा रही चुनावी रस्म को बाधित करने के उद्देश्य से कैपिटल हिल पर घेराव के लिए भीड़ को उकसाया.

व्हाइट हाउस पर कब्जा करने का प्रयास
हाउस के सम्मानित सदस्यों ने अपनी जान बचाने के लिए हेल्टर-स्केलेटर चलाया क्योंकि भीड़ ने उस इमारत पर हमला किया था जिसे लोकतंत्र के मंदिर के रूप में जाना जाता है. पुलिस की गोलीबारी में चार हमलावर मारे गए. पूरा प्रकरण ट्रंप द्वारा उनके समर्थकों के बीच फैलाई घृणा की विषैली आग से हुआ. यह ट्रंप द्वारा अमेरिका के मूलभूत लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ शुरू किया गया 'आतंकवादी हमला' है. नस्लवादी प्रवृत्ति से प्रेरित होकर उन्होंने दक्षिणपंथी भीड़ को उकसाया. इस तरह बाहरी दुनिया को अपनी तानाशाही ताकत साबित करने की कोशिश की. ब्रूट बल के साथ व्हाइट हाउस को जब्त करने के अपने प्रयास से ट्रंप ने दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र को हंसी का पात्र बना दिया.

यह भी पढ़ें-अमेरिका : बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे ट्रंप

जॉर्ज वाशिंगटन ने क्या कहा था
रिपब्लिकन द्वारा चुनावों के अंतिम परिणामों को स्वीकार करने और कैपिटल हिल की घेराबंदी के बाद ही ट्रंप झुके और सत्ता के सुचारू हस्तांतरण के लिए सहमत हुए. ट्रंप ने एक पल के लिए भी राष्ट्रपति पद पर बने रहने का अधिकार खो दिया है. जॉर्ज वाशिंगटन ने 225 साल पहले चेतावनी दी थी कि यदि राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ टकराते रहेंगे तो लोकतंत्र निष्प्रभावी हो जाएगा और अराजकता व्याप्त हो जाएगी. उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि स्वार्थी नेता स्थिति का लाभ लेने के लिए आगे आएंगे.

सुपर पॉवर के साथ ही स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देने वाले संविधान के रूप में अपनी स्थिति के बावजूद अमेरिका व्यापक सामाजिक असमानताओं के कारण चुपचाप असंतोष का माहौल देख रहा है. एक अश्वेत नेता बराक ओबामा के लिए राष्ट्रपति पद के दो चरणों के बाद ट्रंप ने लोगों की नस्लीय भावनाओं का फायदा उठाने के लिए घृणा के जहर को उगलते हुए पिछला चुनाव जीता. इस प्रकार ट्रंप के अभियान ने जॉर्ज वाशिंगटन के पूर्वाभास को साबित कर दिया.

अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ सत्ता
इकोनॉमिस्ट के उत्तराधिकार संबंधी सर्वेक्षण के परिणामों में चार बार साबित हुआ है कि अमेरिकी चुनाव 2020 दस वैश्विक जोखिमों में से एक है. अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ सत्ता में आने के बाद ट्रंप ने सभी प्रणालियों को बर्बाद कर दिया और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर ज्यादती की. कैपिटल हिल हमले में उसके पहले के अन्य सभी कार्य शामिल हैं.

ट्रंप साल 2024 के चुनाव के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. कहते हैं कि सच्ची लड़ाई अभी शुरू हुई है. अमेरिका के हितों में ट्रंप को न केवल तुरंत पद से हटा दिया जाना चाहिए, बल्कि भविष्य में चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाना चाहिए.

प्रेसिडेंसी को हासिल करने के अलावा डेमोक्रेट्स ने कांग्रेस के दोनों सदनों पर भी कब्जा कर लिया है. उनके सामने तात्कालिक कार्य उस नस्लवाद को पूरी तरह जड़ से खत्म करना है जिसने अमेरिकी समाज में मजबूत जड़ें जमा ली हैं.

हैदराबाद : 'यह एक दिन गायब हो जाएगा.. जो एक चमत्कार जैसा है' ये सुनहरे शब्द पिछले फरवरी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कहे गए थे. महामारी का उपयोग बहाने के रूप में करते हुए ट्रंप ने कहा कि जब तक लोग ठीक से और सुरक्षित रूप से वोट नहीं दे सकते चुनाव टलने चाहिए. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में देरी करने के लिए यह कुटिल योजना खेलने की कोशिश की. उन्होंने मतदान में यूनिवर्सल मेल की शुरुआत के खिलाफ तीखा प्रचार भी किया था, जिसमें कहा गया था कि यह उनके लिए जनादेश चोरी करने की साजिश है.

नवंबर 2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में देश के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा मतदान हुआ. महत्वपूर्ण राज्यों में डेमोक्रेट्स के पक्ष में मतदाता झुकाव को महसूस करने के तुरंत बाद ही ट्रंप को हार का एहसास हो गया था. व्हाइट हाउस ने सत्ता के सुचारू हस्तांतरण को रोकने के लिए कई प्रयास किए. ट्रंप ने उस वक्त खुद को सबसे खराब साबित किया, जब राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल-कॉलेज के वोटों को अमेरिकी कांग्रेस के दो सदनों द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा था. उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस द्वारा आयोजित की जा रही चुनावी रस्म को बाधित करने के उद्देश्य से कैपिटल हिल पर घेराव के लिए भीड़ को उकसाया.

व्हाइट हाउस पर कब्जा करने का प्रयास
हाउस के सम्मानित सदस्यों ने अपनी जान बचाने के लिए हेल्टर-स्केलेटर चलाया क्योंकि भीड़ ने उस इमारत पर हमला किया था जिसे लोकतंत्र के मंदिर के रूप में जाना जाता है. पुलिस की गोलीबारी में चार हमलावर मारे गए. पूरा प्रकरण ट्रंप द्वारा उनके समर्थकों के बीच फैलाई घृणा की विषैली आग से हुआ. यह ट्रंप द्वारा अमेरिका के मूलभूत लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ शुरू किया गया 'आतंकवादी हमला' है. नस्लवादी प्रवृत्ति से प्रेरित होकर उन्होंने दक्षिणपंथी भीड़ को उकसाया. इस तरह बाहरी दुनिया को अपनी तानाशाही ताकत साबित करने की कोशिश की. ब्रूट बल के साथ व्हाइट हाउस को जब्त करने के अपने प्रयास से ट्रंप ने दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र को हंसी का पात्र बना दिया.

यह भी पढ़ें-अमेरिका : बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे ट्रंप

जॉर्ज वाशिंगटन ने क्या कहा था
रिपब्लिकन द्वारा चुनावों के अंतिम परिणामों को स्वीकार करने और कैपिटल हिल की घेराबंदी के बाद ही ट्रंप झुके और सत्ता के सुचारू हस्तांतरण के लिए सहमत हुए. ट्रंप ने एक पल के लिए भी राष्ट्रपति पद पर बने रहने का अधिकार खो दिया है. जॉर्ज वाशिंगटन ने 225 साल पहले चेतावनी दी थी कि यदि राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ टकराते रहेंगे तो लोकतंत्र निष्प्रभावी हो जाएगा और अराजकता व्याप्त हो जाएगी. उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि स्वार्थी नेता स्थिति का लाभ लेने के लिए आगे आएंगे.

सुपर पॉवर के साथ ही स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देने वाले संविधान के रूप में अपनी स्थिति के बावजूद अमेरिका व्यापक सामाजिक असमानताओं के कारण चुपचाप असंतोष का माहौल देख रहा है. एक अश्वेत नेता बराक ओबामा के लिए राष्ट्रपति पद के दो चरणों के बाद ट्रंप ने लोगों की नस्लीय भावनाओं का फायदा उठाने के लिए घृणा के जहर को उगलते हुए पिछला चुनाव जीता. इस प्रकार ट्रंप के अभियान ने जॉर्ज वाशिंगटन के पूर्वाभास को साबित कर दिया.

अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ सत्ता
इकोनॉमिस्ट के उत्तराधिकार संबंधी सर्वेक्षण के परिणामों में चार बार साबित हुआ है कि अमेरिकी चुनाव 2020 दस वैश्विक जोखिमों में से एक है. अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ सत्ता में आने के बाद ट्रंप ने सभी प्रणालियों को बर्बाद कर दिया और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर ज्यादती की. कैपिटल हिल हमले में उसके पहले के अन्य सभी कार्य शामिल हैं.

ट्रंप साल 2024 के चुनाव के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. कहते हैं कि सच्ची लड़ाई अभी शुरू हुई है. अमेरिका के हितों में ट्रंप को न केवल तुरंत पद से हटा दिया जाना चाहिए, बल्कि भविष्य में चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाना चाहिए.

प्रेसिडेंसी को हासिल करने के अलावा डेमोक्रेट्स ने कांग्रेस के दोनों सदनों पर भी कब्जा कर लिया है. उनके सामने तात्कालिक कार्य उस नस्लवाद को पूरी तरह जड़ से खत्म करना है जिसने अमेरिकी समाज में मजबूत जड़ें जमा ली हैं.

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