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पीएम मोदी ने की विपक्षी नेताओं से चर्चा, लॉकडाउन एक साथ न हटाने के संकेत

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Published : Apr 8, 2020, 9:17 AM IST

Updated : Apr 8, 2020, 7:16 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न हालात पर विचार विमर्श के लिए लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की.

पीएम मोदी
पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न हालात पर विचार विमर्श के लिए लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की. बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद पीटीआई से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा.

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने कोविड-19 पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं से कहा कि सरकार की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा करना है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए.'

उन्होंने नेताओं से कहा, 'स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए.'

मोदी ने कहा कि आज की चर्चा रचनात्मक एवं सकारात्मक राजनीति को प्रदर्शित करती है और भारत के मजबूत लोकतांत्रिक आधार और सहकारी संघवाद की भावना की पुन:पुष्टि करती है.

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है.

उन्होंने कहा कि नेताओं ने लॉकडाउन और आगे के रास्तों पर चर्चा की और नीतिगत उपायों के बारे में सुझाव दिया.

प्रधानमंत्री ने विपक्षी एवं अन्य दलों के नेताओं के साथ संवाद में वायरस के कारण उभरती स्थिति और संसाधनों की कमी से जुड़े आयामों पर भी चर्चा की. उन्होंने नेताओं ने कहा कि इसके बावजूद भारत उन चुनिंदा देशों में है जहां अब तक वायरस के फैलने की रफ्तार नियंत्रण में है.

उन्होंने चेताया कि स्थितियां बदलती रहती है और सभी लोगों को हर समय सतर्क रहना चाहिए.

प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस से निबटने के लिए सरकार 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन कायम रख सकती है.
बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा कि कोरोना से पहले और कोरोना के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया.

प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद किया जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं.

गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था.

प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की है.

हाल ही में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक प्रमुख स्टालिन सहित कई नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर महामारी रोकने के लिये सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी.

प्रधानमंत्री ने लोगों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दीं

मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों एच डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह से भी बात की थी.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न हालात पर विचार विमर्श के लिए लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की. बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद पीटीआई से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा.

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने कोविड-19 पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं से कहा कि सरकार की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा करना है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए.'

उन्होंने नेताओं से कहा, 'स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए.'

मोदी ने कहा कि आज की चर्चा रचनात्मक एवं सकारात्मक राजनीति को प्रदर्शित करती है और भारत के मजबूत लोकतांत्रिक आधार और सहकारी संघवाद की भावना की पुन:पुष्टि करती है.

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है.

उन्होंने कहा कि नेताओं ने लॉकडाउन और आगे के रास्तों पर चर्चा की और नीतिगत उपायों के बारे में सुझाव दिया.

प्रधानमंत्री ने विपक्षी एवं अन्य दलों के नेताओं के साथ संवाद में वायरस के कारण उभरती स्थिति और संसाधनों की कमी से जुड़े आयामों पर भी चर्चा की. उन्होंने नेताओं ने कहा कि इसके बावजूद भारत उन चुनिंदा देशों में है जहां अब तक वायरस के फैलने की रफ्तार नियंत्रण में है.

उन्होंने चेताया कि स्थितियां बदलती रहती है और सभी लोगों को हर समय सतर्क रहना चाहिए.

प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस से निबटने के लिए सरकार 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन कायम रख सकती है.
बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा कि कोरोना से पहले और कोरोना के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया.

प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद किया जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं.

गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था.

प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की है.

हाल ही में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक प्रमुख स्टालिन सहित कई नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर महामारी रोकने के लिये सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी.

प्रधानमंत्री ने लोगों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दीं

मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों एच डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह से भी बात की थी.

Last Updated : Apr 8, 2020, 7:16 PM IST
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