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कोविड-19 : क्लीनिकल ट्रायल के लिए पांच क्लीनिकल साइटों को अनुमति - क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी

नैतिक समितियों द्वारा वैक्सीन विकसित करने के लिए 12 में से केवल पांच क्लीनिकल साइटों को ही अनुमति दी गई है, जो भारत द्वारा 15 अगस्त तक कोविड19 वैक्सीन विकसित करने के प्रयास में अड़चन डाल सकता है.

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Published : Jul 7, 2020, 8:29 PM IST

नई दिल्ली : भारत में 15 अगस्त तक कोविड19 वैक्सीन विकसित करने के प्रयास में रुकावट आ सकती हैं. दरअसल, वैक्सीन विकसित करने के लिए 12 में से केवल पांच क्लीनिकल साइटों को ही नैतिक समितियों द्वारा ट्रायल के लिए इजाजत दी गई है.

संबंधित नैतिक समितियों द्वारा अभी भी सात और क्लीनिकल साइटों को इजाजत मिलना बाकी है.

दिलचस्प बात यह है कि एम्स और विशाखापत्तनम स्थित किंग जॉर्ज अस्पताल की नैतिक समितियां क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी देने के बाद अब संकोच कर रही हैं क्योंकि उन्हें परीक्षणों के लिए प्रस्तुत प्रोटोकॉल में विसंगतियां मिली थीं.

उल्लेखनीय है कि समितियों को अनुमति के बिना वैक्सीन बनाने के लिए ट्रायल नहीं किया जा सकता.

ट्रायल के लिए जिन पांच क्लीनिकल साइटों को अनुमति मिली है उनमें गिलूरकर हॉस्पिटल एथिक्स कमेटी (नागपुर), इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी, (AIIMS-पटना), इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी, (IMS & SUM हॉस्पिटल-ओडिशा), इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी, SRM कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (तमिलनाडु) और NIMS संस्थागत आचार समिति (हैदराबाद) शामिल हैं. यह समितियां अभी भी प्रोटोकॉल की समीक्षा कर रही हैं.

सूत्रों ने कहा कि यह पांच आचार समिति वैक्सीन के लिए तैयार किए गए डिजाइन का मूल्यांकन कर रही हैं.

प्रोटोकॉल के मुताबिक पहले और दूसरे चरण का ट्रायल 12 से 65 वर्ष की आयु के लोगों पर किया जाएगा.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने हाल ही में एक पत्र में कहा कि पांच अलग-अलग क्लीनिकल साइट्स पर पहले और दूसरे के परीक्षण के बाद भारत को 15 अगस्त तक अपनी पहली कोविड वैक्सीन मिल जाएगी.

पढ़ें - कोवैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए निम्स हैदराबाद में पंजीकरण शुरू

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL), ICMR और NIV-पुणे द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाने वाली को- वैक्सीन को पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) -CDSCO से मंजूरी मिल चुकी है.

डॉ भार्गव द्वारा दी गई 15 अगस्त की डेटलाइन ने पहले ही मेडिकल रिसर्च से जुड़ें लोगों के बीट एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था. साथ ही उन परस्थितियों पर भी सवाल उठाया गया जिसके तहत भारत में 12 परीक्षण स्थलों को मंजूरी मिली थी.

दिलचस्प बात यह है कि, Zydus Cadila को ZyCov-D के लिए मानव परीक्षणों के लिए DCGI से एक और अनिर्दिष्ट कोविड19 वैक्सीन की भी मंजूरी मिली है.

इस बीच, ICMR के सूत्रों ने कहा कि भारत बायोटेक जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करने के लिए सरकार के साथ काम कर रहा है.

नई दिल्ली : भारत में 15 अगस्त तक कोविड19 वैक्सीन विकसित करने के प्रयास में रुकावट आ सकती हैं. दरअसल, वैक्सीन विकसित करने के लिए 12 में से केवल पांच क्लीनिकल साइटों को ही नैतिक समितियों द्वारा ट्रायल के लिए इजाजत दी गई है.

संबंधित नैतिक समितियों द्वारा अभी भी सात और क्लीनिकल साइटों को इजाजत मिलना बाकी है.

दिलचस्प बात यह है कि एम्स और विशाखापत्तनम स्थित किंग जॉर्ज अस्पताल की नैतिक समितियां क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी देने के बाद अब संकोच कर रही हैं क्योंकि उन्हें परीक्षणों के लिए प्रस्तुत प्रोटोकॉल में विसंगतियां मिली थीं.

उल्लेखनीय है कि समितियों को अनुमति के बिना वैक्सीन बनाने के लिए ट्रायल नहीं किया जा सकता.

ट्रायल के लिए जिन पांच क्लीनिकल साइटों को अनुमति मिली है उनमें गिलूरकर हॉस्पिटल एथिक्स कमेटी (नागपुर), इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी, (AIIMS-पटना), इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी, (IMS & SUM हॉस्पिटल-ओडिशा), इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी, SRM कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (तमिलनाडु) और NIMS संस्थागत आचार समिति (हैदराबाद) शामिल हैं. यह समितियां अभी भी प्रोटोकॉल की समीक्षा कर रही हैं.

सूत्रों ने कहा कि यह पांच आचार समिति वैक्सीन के लिए तैयार किए गए डिजाइन का मूल्यांकन कर रही हैं.

प्रोटोकॉल के मुताबिक पहले और दूसरे चरण का ट्रायल 12 से 65 वर्ष की आयु के लोगों पर किया जाएगा.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने हाल ही में एक पत्र में कहा कि पांच अलग-अलग क्लीनिकल साइट्स पर पहले और दूसरे के परीक्षण के बाद भारत को 15 अगस्त तक अपनी पहली कोविड वैक्सीन मिल जाएगी.

पढ़ें - कोवैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए निम्स हैदराबाद में पंजीकरण शुरू

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL), ICMR और NIV-पुणे द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाने वाली को- वैक्सीन को पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) -CDSCO से मंजूरी मिल चुकी है.

डॉ भार्गव द्वारा दी गई 15 अगस्त की डेटलाइन ने पहले ही मेडिकल रिसर्च से जुड़ें लोगों के बीट एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था. साथ ही उन परस्थितियों पर भी सवाल उठाया गया जिसके तहत भारत में 12 परीक्षण स्थलों को मंजूरी मिली थी.

दिलचस्प बात यह है कि, Zydus Cadila को ZyCov-D के लिए मानव परीक्षणों के लिए DCGI से एक और अनिर्दिष्ट कोविड19 वैक्सीन की भी मंजूरी मिली है.

इस बीच, ICMR के सूत्रों ने कहा कि भारत बायोटेक जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करने के लिए सरकार के साथ काम कर रहा है.

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