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खाली करो ट्रैक, वरना नहीं चलेगी पंजाब में ट्रेन : रेलवे

किसानों के प्रदर्शन के चलते पंजाब में 24 सितंबर से ट्रेनों का परिचालन बंद है. इस मुद्दे पर राज्य सरकार और रेलवे बोर्ड आमने-सामने हैं. रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि पंजाब में ट्रेनों का परिचालन बंद होने से करीब 1200 करोड़ का नुकसान हुआ है.

train services will be resumed in punjab
रेलवे बोर्ड ने साफ किए अपने इरादे
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Published : Nov 7, 2020, 7:34 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 7:46 PM IST

नई दिल्ली : पंजाब में करीब एक महीने से बंद रेल संचालन को लेकर रेलवे बोर्ड और राज्य सरकार में तनाव जारी है. पंजाब सरकार जहां कह रही है कि सभी रेलवे ट्रैक खाली कर दिए गए हैं. वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि अभी भी किसान वहां पर जमे हुए हैं. रेलवे बोर्ड ने शनिवार को यह साफ कर दिया कि ट्रेनों का संचालन तभी शुरू किया जाएगा जब ट्रैक पूरी तरह से खाली हो जाएंगे.

राज्य सरकार कर रही गुमराह

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार यह कहकर गुमराह कर रही है कि मालगाड़ी ट्रेनों की आवाजाही के लिए सभी ट्रैक खाली हैं और इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद ही रेलवे सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू करेगा. पंजाब में ट्रेनों का परिचालन बंद होने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

बिना सुरक्षा मिले नहीं चलेंगी ट्रेनें

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का यह बयान गुमराह करने वाला है कि मालगाड़ी ट्रेनों की आवाजाही के लिए सभी ट्रैक खाली हैं. विनोद यादव ने आगे कहा कि रेलवे के लिए चुनिंदा मालगाड़ी चलाना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे कर्मियों के साथ-साथ लोगों के जीवन को भी खतरा होगा. पंजाब की जमीनी हालत के बारे में बताते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा लोग पटरियों पर बैठे हुए हैं. जबकि ऐसे 22 रेलवे स्टेशन हैं, जहां लोग संबंधित मार्ग पर बैठे हैं. ऐसा करके वह स्टेशन मास्टर को संदेश दे रहे हैं कि वे केवल मालगाड़ियों को ही गुजरने देंगे, लेकिन यदि यात्री रेलगाड़ियां शुरू होंगी, तो वे पटरियों पर आ जाएंगे.

24 सितंबर से बंद हैं ट्रेनों का परिचालन

पंजाब में 24 सितंबर को किसानों के प्रदर्शन के चलते यात्री ट्रेनों का संचालन रोका गया था. बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने 29 सितंबर को मालगाड़ियों के संचालन पर भी रोक लगा दी थी. पंजाब सरकार के अनुरोध पर रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं के लिए 22 अक्टूबर से माल संचालन को फिर से शुरू किया था. हालांकि, आंदोलन को देखते हुए 24 अक्टूबर को राज्य के अंदर सभी ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हम बार-बार राज्य सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने से पहले एक सुरक्षा मंजूरी होनी चाहिए. जिस तरह की सूचना हमें राज्य सरकार से मिल रही है कि माल ढुलाई सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए ट्रैक तैयार हैं, यह गलत है.

रेलवे को हुआ 1200 करोड़ का नुकसान

उन्होंने आगे कहा कि राज्य में आंशिक सेवाएं शुरू करने के लिए रेलवे के लिए यह परिचालन योग्य नहीं है. हम राज्य सरकार से पूर्ण मंजूरी चाहते हैं, उसके बाद ही हम अपनी सेवाओं को फिर से शुरू करेंगे. उन्होंने बताया कि किसानों के प्रदर्शन के चलते रेलवे को 2,225 से अधिक मालगाड़ियों और 1,350 यात्री रेलगाड़ियों को डायवर्ट या रद्द करने से माल ढुलाई राजस्व में लगभग 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यादव ने यह भी कहा कि रेलवे राज्य में सेवाओं को फिर से शुरू करने का इच्छुक है क्योंकि त्योहारी सीजन के दौरान विशेष ट्रेनों की भारी मांग है, लेकिन खतरे को देखते हुए रेलवे राज्य में सेवाओं को फिर से शुरू करने में सक्षम नहीं है.

पढ़ें: शाह से मिले पंजाब के कांग्रेसी सांसद, जल्द शुरू हो सकती है रेल सेवा

रेल मंत्री ने किया ट्वीट

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी पंजाब सरकार से पूरे रेलवे सिस्टम को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने ट्वीट किया कि यह महत्वपूर्ण है कि यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए सभी ट्रैक, स्टेशन और रेलवे संपत्ति को मंजूरी दी जाती है. पंजाब के लोग त्योहारों के लिए यात्रा करना चाहते हैं. उन्होंने पंजाब सरकार से आग्रह किया कि वह संपूर्ण रेलवे प्रणाली की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करे और सभी ट्रेनों को पंजाब से होकर और पंजाब तक चलाने की अनुमति दे.

नई दिल्ली : पंजाब में करीब एक महीने से बंद रेल संचालन को लेकर रेलवे बोर्ड और राज्य सरकार में तनाव जारी है. पंजाब सरकार जहां कह रही है कि सभी रेलवे ट्रैक खाली कर दिए गए हैं. वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि अभी भी किसान वहां पर जमे हुए हैं. रेलवे बोर्ड ने शनिवार को यह साफ कर दिया कि ट्रेनों का संचालन तभी शुरू किया जाएगा जब ट्रैक पूरी तरह से खाली हो जाएंगे.

राज्य सरकार कर रही गुमराह

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार यह कहकर गुमराह कर रही है कि मालगाड़ी ट्रेनों की आवाजाही के लिए सभी ट्रैक खाली हैं और इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद ही रेलवे सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू करेगा. पंजाब में ट्रेनों का परिचालन बंद होने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

बिना सुरक्षा मिले नहीं चलेंगी ट्रेनें

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का यह बयान गुमराह करने वाला है कि मालगाड़ी ट्रेनों की आवाजाही के लिए सभी ट्रैक खाली हैं. विनोद यादव ने आगे कहा कि रेलवे के लिए चुनिंदा मालगाड़ी चलाना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे कर्मियों के साथ-साथ लोगों के जीवन को भी खतरा होगा. पंजाब की जमीनी हालत के बारे में बताते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा लोग पटरियों पर बैठे हुए हैं. जबकि ऐसे 22 रेलवे स्टेशन हैं, जहां लोग संबंधित मार्ग पर बैठे हैं. ऐसा करके वह स्टेशन मास्टर को संदेश दे रहे हैं कि वे केवल मालगाड़ियों को ही गुजरने देंगे, लेकिन यदि यात्री रेलगाड़ियां शुरू होंगी, तो वे पटरियों पर आ जाएंगे.

24 सितंबर से बंद हैं ट्रेनों का परिचालन

पंजाब में 24 सितंबर को किसानों के प्रदर्शन के चलते यात्री ट्रेनों का संचालन रोका गया था. बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने 29 सितंबर को मालगाड़ियों के संचालन पर भी रोक लगा दी थी. पंजाब सरकार के अनुरोध पर रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं के लिए 22 अक्टूबर से माल संचालन को फिर से शुरू किया था. हालांकि, आंदोलन को देखते हुए 24 अक्टूबर को राज्य के अंदर सभी ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हम बार-बार राज्य सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने से पहले एक सुरक्षा मंजूरी होनी चाहिए. जिस तरह की सूचना हमें राज्य सरकार से मिल रही है कि माल ढुलाई सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए ट्रैक तैयार हैं, यह गलत है.

रेलवे को हुआ 1200 करोड़ का नुकसान

उन्होंने आगे कहा कि राज्य में आंशिक सेवाएं शुरू करने के लिए रेलवे के लिए यह परिचालन योग्य नहीं है. हम राज्य सरकार से पूर्ण मंजूरी चाहते हैं, उसके बाद ही हम अपनी सेवाओं को फिर से शुरू करेंगे. उन्होंने बताया कि किसानों के प्रदर्शन के चलते रेलवे को 2,225 से अधिक मालगाड़ियों और 1,350 यात्री रेलगाड़ियों को डायवर्ट या रद्द करने से माल ढुलाई राजस्व में लगभग 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यादव ने यह भी कहा कि रेलवे राज्य में सेवाओं को फिर से शुरू करने का इच्छुक है क्योंकि त्योहारी सीजन के दौरान विशेष ट्रेनों की भारी मांग है, लेकिन खतरे को देखते हुए रेलवे राज्य में सेवाओं को फिर से शुरू करने में सक्षम नहीं है.

पढ़ें: शाह से मिले पंजाब के कांग्रेसी सांसद, जल्द शुरू हो सकती है रेल सेवा

रेल मंत्री ने किया ट्वीट

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी पंजाब सरकार से पूरे रेलवे सिस्टम को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने ट्वीट किया कि यह महत्वपूर्ण है कि यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए सभी ट्रैक, स्टेशन और रेलवे संपत्ति को मंजूरी दी जाती है. पंजाब के लोग त्योहारों के लिए यात्रा करना चाहते हैं. उन्होंने पंजाब सरकार से आग्रह किया कि वह संपूर्ण रेलवे प्रणाली की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करे और सभी ट्रेनों को पंजाब से होकर और पंजाब तक चलाने की अनुमति दे.

Last Updated : Nov 7, 2020, 7:46 PM IST
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