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इस टोल फ़्री नंबर से करें मॉब लिंचिंग व हेट क्राइम की घटनाओं को रिपोर्ट

मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से बचने के लिए टोल फ्री नंबर लांच किया गया है, जो 100 शहरों में उपलब्ध होगा. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के वकील ने ईटीवी भारत से बातचीत की है. जानें ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने क्या कुछ कहा....

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Published : Jul 16, 2019, 9:23 AM IST

इस टोल फ़्री नंबर से करें मॉब लिंचिंग व हेट क्राइम की घटनाओं को रिपोर्ट

नई दिल्लीः देश भर में हो रही मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम से जुड़ी घटनाओं के शिकार लोगों के लिये आज नई दिल्ली में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन द्वारा टोल फ्री नंबर 1800-3133-600-00 लांच किया गया.

आपको बता दें कि, 'हेल्पलाइन अगेंस्ट हेट' थीम के तहत यह टोल फ़्री नंबर देश के 100 शहरों में उपलब्ध होगा.

यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन के फाउंडर नदीम खान ने कहा कि इस यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन पिछले 2 साल से मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम के खिलाफ कार्य कर रहा है.

खान ने आगे कहा कि, इस टोल फ्री नंबर पर कॉल आते ही हम घटना के शिकार व्यक्ति का नाम पता और बाकी जानकारियां लेकर हम उसका डॉक्यूमेंटेशन करेंगे और उसके बाद अपने एक्टिविस्ट को उस व्यक्ति के पास भेजेंगे.

उन्होंने कहा कि जब घटना की पूरी जानकारी मिल जाएगी तो उसके बाद हम कानूनी कार्रवाई करेंगे और इसके लिए उस व्यक्ति कि ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मदद की जाएगी.

पढ़ेंः सेवा भाव को सलाम! 54 सालों से चला रहे हैं फ्री ऑटो एंबुलेंस, मदद करते-करते है मौत की ख्वाहिश

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोर्ट में ऐसे कई केस आते हैं जिनमें मॉब लिंचिंग के आरोपी को बरी कर दिया जाता है क्योंकि उनके खिलाफ सही तरीके से एफआइआर दर्ज नहीं होती है.

एहतेशाम हाशमी ने कहा कि हम सभी शहरों में लीगल वॉलिंटियर की टीम तैयार करेंगे ताकि मॉब लिंचिंग आदि जैसी घटनाओं से जुड़े आरोपियों के खिलाफ सही धाराओं के साथ एफआईआर दर्ज हो सके और उन्हें न्यायालय में कड़ी से कड़ी सजा मिले.

नई दिल्लीः देश भर में हो रही मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम से जुड़ी घटनाओं के शिकार लोगों के लिये आज नई दिल्ली में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन द्वारा टोल फ्री नंबर 1800-3133-600-00 लांच किया गया.

आपको बता दें कि, 'हेल्पलाइन अगेंस्ट हेट' थीम के तहत यह टोल फ़्री नंबर देश के 100 शहरों में उपलब्ध होगा.

यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन के फाउंडर नदीम खान ने कहा कि इस यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन पिछले 2 साल से मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम के खिलाफ कार्य कर रहा है.

खान ने आगे कहा कि, इस टोल फ्री नंबर पर कॉल आते ही हम घटना के शिकार व्यक्ति का नाम पता और बाकी जानकारियां लेकर हम उसका डॉक्यूमेंटेशन करेंगे और उसके बाद अपने एक्टिविस्ट को उस व्यक्ति के पास भेजेंगे.

उन्होंने कहा कि जब घटना की पूरी जानकारी मिल जाएगी तो उसके बाद हम कानूनी कार्रवाई करेंगे और इसके लिए उस व्यक्ति कि ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मदद की जाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोर्ट में ऐसे कई केस आते हैं जिनमें मॉब लिंचिंग के आरोपी को बरी कर दिया जाता है क्योंकि उनके खिलाफ सही तरीके से एफआइआर दर्ज नहीं होती है.

एहतेशाम हाशमी ने कहा कि हम सभी शहरों में लीगल वॉलिंटियर की टीम तैयार करेंगे ताकि मॉब लिंचिंग आदि जैसी घटनाओं से जुड़े आरोपियों के खिलाफ सही धाराओं के साथ एफआईआर दर्ज हो सके और उन्हें न्यायालय में कड़ी से कड़ी सजा मिले.

Intro:नई दिल्ली। देश भर में हो रही मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम से जुड़ी घटनाओं के शिकार लोगों के लिये आज नई दिल्ली में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन द्वारा टोल फ्री नंबर 1800-3133-600-00 लांच किया गया।

'हेल्पलाइन अगेंस्ट हेट' थीम के तहत यह टोल फ़्री नंबर देश के 100 शहरों में उप्लब्ध होगा।




Body:यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन के फाउंडर नदीम खान ने कहा कि इस यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन पिछले 2 साल से मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम के खिलाफ कार्य कर रहा है। इस टोल फ्री नंबर पर कॉल आते ही हम घटना के शिकार व्यक्ति का नाम पता और बाकी जानकारियां लेकर हम उसका डॉक्यूमेंटेशन करेंगे और उसके बाद अपने एक्टिविस्ट को उस व्यकित के पास भेजेंगे।

उन्होंने कहा कि जब घटना की पूरी जानकारी मिल जाएगी तो उसके बाद हम कानूनी कार्रवाई करेंगे और इसके लिए उस व्यक्ति कि ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मदद की जाएगी।


Conclusion:सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोर्ट में ऐसे कई केस आते हैं जिनमें मॉब लिंचिंग के आरोपी को बरी कर दिया जाता है क्योंकि उनके खिलाफ सही तरीके से एफआइआर दर्ज नहीं होती है।

एहतेशाम हाशमी ने कहा इसीलिए हम सभी शहरों में लीगल वॉलिंटियर की टीम तैयार करेंगे ताकि मॉब लिंचिंग आदि जैसी घटनाओं से जुड़े आरोपियों के खिलाफ सही धाराओं के साथ
एफआईआर दर्ज हो सके और उन्हें न्यायालय में कड़ी से कड़ी सजा मिले।
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