नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के सुरक्षा दस्ते के बीच हुई कथित झड़प के संबंध में सीआईएसएफ द्वारा दायर विशेष घटना रिपोर्ट पेश करने का केंद्र को मंगलवार को निर्देश दिया.
शीर्ष अदालत ने इसके अलावा घटना वाले दिन भाजपा नेता से संबंधित मूवमेंट लॉग बुक सीलबंद लिफाफे में पेश करने का भी निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. मेहता ने पीठ से कहा कि वह इस मामले से संबंधित घटना की विशेष रिपोर्ट आज ही न्यायालय में दाखिल करेंगे.
मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने मेहता से कहा कि उसके पिछले आदेश के अनुसार उन्हें विशेष घटना रिपोर्ट पेश करनी थी.
विशेष घटना रिपोर्ट वह औपचारिक रिपोर्ट है जो क्षेत्रीय केंद्र में कार्यरत व्यक्ति के किसी अपराध या घायल होने जैसी किसी अप्रत्याशित घटना में संलिप्त होने के बारे में दाखिल की जाती है.
मेहता बोले, आज ही मिली रिपोर्ट
मेहता ने कहा कि उन्हें आज सुबह ही यह रिपोर्ट मिली है और वह इसे कार्यदिवस के दौरान ही दाखिल कर देंगे. कबीर बोस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि इस घटना का समय बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस घटना का समय प्राथमिकी में दर्ज है और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की रिपोर्ट में यह भिन्न है. उन्होंने मूवमेंट लॉग बुक पेश करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया. पीठ ने मेहता को मूवमेंट लॉग बुक का रिकार्ड सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध कर दिया.
बोस ने इस घटना की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से इतर सीबीआई, विशेष जांच दल या किसी स्वतंत्र एजेन्सी से कराने का अनुरोध किया है. बोस ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में वह और उनके साथ चल रही सीआईएसएफ की टुकड़ी पर उनके घर के बाहर ही रात में करीब आठ बजे संतोष कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नेतृत्व में जबर्दस्त पथराव किया गया था.
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