कोलकाता : पश्चिम बंगाल आए चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने बैठक की. चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद टीएमसी नेता और मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में 10 प्रतिशत बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के नाम हैं. हमने चुनाव आयोग से कहा है कि क्योंकि सूची आपने बनाई है, इसलिए ये सीधा आपके ऊपर आरोप है.
टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने बैठक के बाद भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों को डराने के लिए भाजपा पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों के गांवों में बीएसएफ भेज रही है. इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि इस मामले में जांच होगी.
उन्होंने कहा, बीजेपी पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक भाषणों से नफरत फैला रही है. हमने चुनाव आयोग से इस पर ध्यान देने का अनुरोध किया है. हम सभी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं. यह 'गोली मारो' जैसी बातें और नारे समाज को बांटने और उकसाने वाले हैं. वे लोगों को वोट देने के लिए डरा रहे हैं.
वहीं फिरहाद के बयान को खारिज करते हुए बीएसएफ ने कहा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) एक अपूर्व राजनीतिक बल है.
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बीजेपी के दिलीप घोष ने कहा, बंगाल में चुनाव आते ही लोग भय में आ जाते हैं कि वो वोट डाल पाएंगे की नहीं. लोगों को निर्भय रूप से वोट देने का वातावरण बनाना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. चुनाव आयोग को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे लोगों का भय दूर हो.
उन्होंने कहा, चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनावों की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ आई है. विरोधी पार्टी के रूप में, हमने उन्हें एक ऐसा माहौल सुनिश्चित करने के लिए कहा है, जिसमें लोग तटस्थ और शांतिपूर्ण तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.