नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी लगातार ब्लेम गेम में जुटी हुई नजर आ रही है. नेता पार्टी के अंदर हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ने की जल्दबाजी दिखाते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेताओं के इस कार्यों से पार्टी के अंदर चल रहे अंदरूनी कलह सार्वजनिक रूप से सामने आती दिखने लगी है.
कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई को विधानसभा में मिली शर्मनाक हार के बाद, जहां अपनी समीक्षा करने की जरूरत सबसे ज्यादा थी, वहीं पार्टी के कई वरिष्ठ नेता ट्विटर पर आम आदमी पार्टी की जीत का जश्न मनाते हुए देखे जा रहे हैं. आत्मचिंतन की जगह कई नेता पार्टी नेतृत्व को हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
इस मामले पर ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता मीम अफजल से दिल्ली में बात की हैं. मीम अफजल ने बातचीत के दौरान खुल कर चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में मचे बवाल पर अपनी बेबाक राय रखी है. बातचीत के दौरान अफजल ने कहा कि 'विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद कई नेताओं द्वारा दिया गया बयान बेहद शर्मनाक हैं. आम आदमी पार्टी की जीत को अपने सिर पर ओढ़ने की जगह, कांग्रेस पार्टी को अंदर से मजबूत करने की जरूरत है. पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक वातावरण बन रहा है. इसका फायदा दिल्ली में आम आदमी पार्टी को भी मिला है, लेकिन हमें बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना होने की जगह पार्टी के अंदर समीक्षण करके आगे की रणनीति पर ध्यान देना चाहिए'.
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम द्वारा विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर उनको बधाई देते हुए ट्वीट किया था, जिस पर आपत्ति जताते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने भाजपा को पराजित करने का काम क्षेत्रीय दलों को आउटसोर्स कर दिया है, तो प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए.
चुनाव के बाद भले ही दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद इस्तीफा देने का निर्णय किया हो, लेकिन एक बड़ा बयान देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का परफॉर्मेंस 2013 से ही खराब होने लगा था, जिस समय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थी. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अफजल ने कहा कि कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अब हमारे बीच में नहीं है और अगर उनके कार्यकाल को आज के परिपेक्ष में जोड़ने की कोशिश की जाए तो वह सही नही कहा जा सकता है.
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के देवबंद पर दिए गए बयान पर जब कांग्रेस नेता से पूछा गया तब उनका कहना था गिरिराज सिंह का बयान गैरजिम्मेदाराना है. ऐसे ही बड़बोले बयानों से पार्टी को लगातार नुकसान उठाना पर रहा है.
यह भी पढ़े-CM केजरीवाल के साथ मीटिंग में पहुंचे विधायकों ने बताई अपनी प्राथमिकताएं
गिरिराज के बयान और बीजेपी की लगातार हो रही हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'कल भारतीय जनता पार्टी सातवें राज्य में हारी है, लेकिन गिरिराज जी जैसे लोगों को होश नहीं आया है. इसी प्रकार के बयानों का नतीजा है कि इस समय देश में उनके खिलाफ एक माहौल बनता जा रहा है. अगर गिरिराज सिंह इतिहास पढ़ेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि वे अपने बायन से देवबंद और गंगोत्री दोनों को ही बदनाम कर रहे हैं.