चंद्रपुर: महाराष्ट्र के चंद्रपुर में ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य में एक बाघिन और उसके दो शावक मृत पाए गए. जांच में पता चला है कि उन्हें जहर देकर मारा गया था. मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने ही बाघिन और शावकों को जहर देकर मारा. आरोपियों ने बताया कि वह जंगल में शराब बनाया करते थे और बाघिन से उनको खतरा था, इसलिए उन्होंने उसकी हत्या कर दी.
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है. महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है. लॉकडाउन के कारण जिले में शराब की दुकानें बंद हैं और दूसरी जगहों से भी शराब नहीं आ पा रही है. बढ़ती मांगों को देखते हुए आरोपियों ने जंगल में शराब बनाना शुरू किया. वह महुए से शराब बनाते थे, जो जंगल में आसानी से मिल जाता है.
ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य के सीतारामपेट में शराब बनाई जा रही थी. इसी क्षेत्र में बाघिन और उसके दो शावक भी रहते थे. गर्मियों का कारण वह हमेशा झील के पास ही रहते थे. इससे शराब बनाने वालों को जान का खतरा था.
आरोपियों ने पहले एक जंगली सुअर को जहर देकर मार दिया. उसके बाद उन्होंने जहर से मरे सुअर को बाघिन के इलाके में फेंक दिया, जिसे खाकर बाघिन और उसके शावक मर गए.
10 जून को झील के पास बाघिन का शव मिला. 14 जून को थोड़ी दूरी पर शावकों का शव मिला. यह कृत्य क्रूर और चौंकाने वाला है. इस अभयारण्य को बाघों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है. इस तरह की घटना चिंताजनक हैं. इस मामले में सूर्यभान ठाकरे, श्रवण मडावी, नरेंद्र दादमल को गिरफ्तार किया गया है.
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