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चीनियों पर वीजा प्रतिबंध का अमेरिकी फैसला सराहनीय : निर्वासित तिब्बत सरकार

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन के उन अधिकारियों का वीजा प्रतिबंधित किया है, जो तिब्बत में विदेशियों की पहुंच को रोकने का काम कर रहे हैं. निर्वासित तिब्बत सरकार ने अमेरिका के इस निर्णय की सराहना की है.

Tibetan govt in exile
निर्वासित तिब्बत सरकार
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Published : Jul 16, 2020, 5:51 PM IST

धर्मशाला : तिब्बत को लेकर चल रही असहमतियों के बीच अमेरिका ने चीन के कुछ अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए हैं, जिसकी सराहना निर्वासित तिब्बत सरकार ने की है. उसने साथ ही यह भी कहा है कि चीन तिब्बत में मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है.

पिछले हफ्ते, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन के उन अधिकारियों का वीजा प्रतिबंधित किया है, जो तिब्बती इलाकों में विदेशियों के प्रवेश से संबंधित नीतियां बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के काम में शामिल हैं.

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता टीजी आर्य ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा कदम है, जो अमेरिका ने उठाया है क्योंकि चीन को कुछ नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. जो कुछ भी चीन तिब्बत, उइगुर, मंगोलिया में कर रहा है, वह अप्रशंसनीय है. मानव अधिकारों के उल्लंघन किया जा रहा है, धार्मिक स्वतंत्रता को रौंदा जा रहा है.'

पढ़ें :- तिब्बत में चीन का दखल : अमेरिका ने कुछ चीनी अधिकारियों पर लगाए वीजा प्रतिबंध

वीजा प्रतिबंधों का यह कदम 'रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट (तिब्बत में पारस्परिक पहुंच कानून), 2018' के अनुरूप है. 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक द्विदलीय विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे, जो चीन के खिलाफ हैं और चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं क्योंकि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जान बूझकर लगातार रोक लगा रहा है.

पोम्पिओ ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे मानवाधिकार हनन और एशिया की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों के निकट हो रही पर्यावरणीय क्षति को रोकने में बीजिंग की विफलता को देखते हुए तिब्बती इलाकों तक पहुंच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है.

पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका वहां सतत आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण को गति देने, चीन तथा बाहर तिब्बती समुदायों की मानवीय स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करता रहेगा.

पढ़ें : तिब्‍बत के मसले पर बदले की कार्रवाई में चीन ने अमेरिकी अधिकारियों पर लगाया वीजा प्रतिबंध

उन्होंने कहा कि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जान बूझकर लगातार रोकता रहा है जबकि दूसरी ओर इसके किसी अधिकारियों एवं नागरिकों के अमेरिका में आने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है.

बता दें कि पार्टी सचिव चेन वांग हू का, जो उइगर क्षेत्र में लोगों पर अत्याचार करते हैं, वीजा प्रतिवंधित कर दिया गया है. वहीं उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को भी अमेरिका जाने की अनुमति नहीं है.

धर्मशाला : तिब्बत को लेकर चल रही असहमतियों के बीच अमेरिका ने चीन के कुछ अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए हैं, जिसकी सराहना निर्वासित तिब्बत सरकार ने की है. उसने साथ ही यह भी कहा है कि चीन तिब्बत में मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है.

पिछले हफ्ते, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन के उन अधिकारियों का वीजा प्रतिबंधित किया है, जो तिब्बती इलाकों में विदेशियों के प्रवेश से संबंधित नीतियां बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के काम में शामिल हैं.

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता टीजी आर्य ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा कदम है, जो अमेरिका ने उठाया है क्योंकि चीन को कुछ नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. जो कुछ भी चीन तिब्बत, उइगुर, मंगोलिया में कर रहा है, वह अप्रशंसनीय है. मानव अधिकारों के उल्लंघन किया जा रहा है, धार्मिक स्वतंत्रता को रौंदा जा रहा है.'

पढ़ें :- तिब्बत में चीन का दखल : अमेरिका ने कुछ चीनी अधिकारियों पर लगाए वीजा प्रतिबंध

वीजा प्रतिबंधों का यह कदम 'रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट (तिब्बत में पारस्परिक पहुंच कानून), 2018' के अनुरूप है. 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक द्विदलीय विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे, जो चीन के खिलाफ हैं और चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं क्योंकि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जान बूझकर लगातार रोक लगा रहा है.

पोम्पिओ ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे मानवाधिकार हनन और एशिया की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों के निकट हो रही पर्यावरणीय क्षति को रोकने में बीजिंग की विफलता को देखते हुए तिब्बती इलाकों तक पहुंच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है.

पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका वहां सतत आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण को गति देने, चीन तथा बाहर तिब्बती समुदायों की मानवीय स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करता रहेगा.

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उन्होंने कहा कि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जान बूझकर लगातार रोकता रहा है जबकि दूसरी ओर इसके किसी अधिकारियों एवं नागरिकों के अमेरिका में आने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है.

बता दें कि पार्टी सचिव चेन वांग हू का, जो उइगर क्षेत्र में लोगों पर अत्याचार करते हैं, वीजा प्रतिवंधित कर दिया गया है. वहीं उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को भी अमेरिका जाने की अनुमति नहीं है.

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