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बंगाल-बिहार-झारखंड में आसमानी कहर, वज्रपात से 27 लोगों की मौत - आसमान से बरसी आफत

पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में आसमानी कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार के अलग-अलग जिलों में वज्रपात से 14 लोगों की मौत हुई है. झारखंड के अलग-अलग जगहों पर वज्रपात के कारण छह लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. बंगाल में वज्रपात से 7 लोगों के मरने की खबर है...

14 people died due to thunderstorm
फिर टूटा आसमानी कहर
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Published : Jul 19, 2020, 8:56 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 11:57 PM IST

पटना/रांची/कोलकाता : बिहार के अलग-अलग जिलों में रविवार को वज्रपात से 14 लोगों की मौत हो गई. वहीं झारखंड के अलग-अलग जगहों पर वज्रपात के कारण छह लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के चार जिलों में बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हुई है.

बिहार के अलग-अलग जिलों में आसमान से बरसी बिजली में सबसे ज्यादा मौतें पूर्णिया में हुई हैं. यहां एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत ठनका की चपेट में आकर हो गई. सीओ धमदाहा ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही है. बेगूसराय में दो लोगों की मौत हुई है. पटना, पूर्वी चंपारण और सहरसा में एक-एक लोगों की मौत की खबर है.

6 लोगों की मौत
मौतों के आंकड़े

सभी आंकड़े आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किये गए हैं. वहीं, ग्राउंड से आ रही खबरों के मुताबिक रोहतास के सासाराम में 52 वर्षीय किसान जानकी पासवान की मौत हो गई है. घटना नोखा इलाके के सरियाव गांव की है.

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत
पूर्णिया के धमदाहा प्रखंड के सिंघाड़ा पट्टी गांव में ठनका गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं इस घटना में जान गंवाने वालों में एक ही परिवार के दो पुरुष सदस्य समेत एक महिला शामिल है. फिलहाल, पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

झारखंड में मौत के आंकड़े

लातेहार में वज्रपात
लातेहार जिले में मौसम में हो रहे परिवर्तन के साथ-साथ आसमानी कहर भी जारी है. जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग जगहों पर हुए वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायलों का इलाज बालूमाथ स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है.पहली घटना जिले के बालूमाथ के साल्वे गांव की है, जहां वज्रपात की चपेट में आने से खेत में काम कर रहा मजदूर अनिल उरांव की मौत हो गई. दूसरी घटना टुंडाहातू गांव में घटी, जहां वज्रपात से विनोद टाना भगत की मौत हो गई. वहीं तीसरी घटना जिले के ओलहेपाठ गांव की है, जहां खेत में काम करने के दौरान ही अचानक वज्रपात हुई, जिसमें 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

लोहरदगा में वज्रपात
वहीं लोहरदगा जिले के भंडरा थाना क्षेत्र के उदरंगी पंचायत के हाटी कुंबाटोली गांव में एक महिला खेत में काम कर रही थी. इसी दौरान बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद वो वापस अपने घर लौट रही थी. उसी क्रम में वज्रपात हो गई, जिसके चपेट में आने से उसकी मौत हो गई.

पढ़े : विशेष : क्यों गिरती है आकाशीय बिजली, जानें वज्रपात से जुड़े रोचक तथ्य

गिरिडीह में वज्रपात
गिरिडीह में भी आसमानी बिजली ने कहर बरपाया है, जिले के अलग-अलग जगहों पर वज्रपात हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. पहली घटना सरिया थाना क्षेत्र के नगर केशवारी पंचायत के सिमराटोला की है. जहां वज्रपात की चपेट में आने से सिकंदर मंडल नामक युवक की मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना बगोदर- बिष्णुगढ़ थाना सीमा के अटका से सटे बारा गांव की है. जहां 15 वर्षीय खुशबू कुमारी खेत में धान रोपनी कर रही थी. इसी दौरान वज्रपात हो गया और उसकी मौत हो गई.

14 people died due to thunderstorm
गिरिडीह में आसमानी कहर

वज्रपात से कैसे बचें :-

  • एक मजबूत छत के साथ पक्का घर बिजली के दौरान सबसे सुरक्षित है.
  • घरों में लाइटनिंग ड्राइवर्स लगवाएं.
  • बिजली के उपकरणों को बंद कर दें.
  • यदि वाहन पर सवार हैं, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं.
  • बिजली के पोल, टेलीफोन और टीवी टॉवर से दूर रहें.
  • कपड़े सुखाने के लिए तार का उपयोग न करें, जूट या कपास की रस्सी का उपयोग करें.
  • किसी पेड़ के नीचे न खड़े हों.
  • यदि जंगल में हैं तो बौने (कम लंबे पेड़) और घने पेड़ों के नीचे खड़े हो जाएं.
  • दलदल और जल निकायों से दूर रहने की कोशिश करें.
  • गीले खेतों में हल या जुताई करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जा सकते हैं.
  • तांबे के तार को ऊंचे पेड़ के तने या टहनियों में बांधकर जमीन में गहरा दबा दें जिससे पेड़ सुरक्षित हो जाए.
  • कभी भी फर्श या जमीन पर नंगे पैर न खड़े हों, तेज गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का उपयोग न करें.
  • बारिश और तूफान के दौरान तुरंत घर से बाहर न निकलें. यह देखा गया है कि गरज और तेज बारिश के बाद 30 मिनट तक बिजली गिरती है.
  • यदि आप भारी बारिश में फंस गए हैं, तो अपने हाथों को अपने घुटनों पर और अपने सिर को अपने घुटनों के बीच रखें. इससे शरीर को कम से कम नुकसान होगा.
  • घरों के दरवाजे और खिड़कियों को ढंक कर रखें.
  • बादल गरजने और बारिश के दौरान घर के नल, टेलीफोन, टीवी और फ्रिज आदि को न छुएं.

पटना/रांची/कोलकाता : बिहार के अलग-अलग जिलों में रविवार को वज्रपात से 14 लोगों की मौत हो गई. वहीं झारखंड के अलग-अलग जगहों पर वज्रपात के कारण छह लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के चार जिलों में बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हुई है.

बिहार के अलग-अलग जिलों में आसमान से बरसी बिजली में सबसे ज्यादा मौतें पूर्णिया में हुई हैं. यहां एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत ठनका की चपेट में आकर हो गई. सीओ धमदाहा ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही है. बेगूसराय में दो लोगों की मौत हुई है. पटना, पूर्वी चंपारण और सहरसा में एक-एक लोगों की मौत की खबर है.

6 लोगों की मौत
मौतों के आंकड़े

सभी आंकड़े आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किये गए हैं. वहीं, ग्राउंड से आ रही खबरों के मुताबिक रोहतास के सासाराम में 52 वर्षीय किसान जानकी पासवान की मौत हो गई है. घटना नोखा इलाके के सरियाव गांव की है.

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत
पूर्णिया के धमदाहा प्रखंड के सिंघाड़ा पट्टी गांव में ठनका गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं इस घटना में जान गंवाने वालों में एक ही परिवार के दो पुरुष सदस्य समेत एक महिला शामिल है. फिलहाल, पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

झारखंड में मौत के आंकड़े

लातेहार में वज्रपात
लातेहार जिले में मौसम में हो रहे परिवर्तन के साथ-साथ आसमानी कहर भी जारी है. जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग जगहों पर हुए वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायलों का इलाज बालूमाथ स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है.पहली घटना जिले के बालूमाथ के साल्वे गांव की है, जहां वज्रपात की चपेट में आने से खेत में काम कर रहा मजदूर अनिल उरांव की मौत हो गई. दूसरी घटना टुंडाहातू गांव में घटी, जहां वज्रपात से विनोद टाना भगत की मौत हो गई. वहीं तीसरी घटना जिले के ओलहेपाठ गांव की है, जहां खेत में काम करने के दौरान ही अचानक वज्रपात हुई, जिसमें 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

लोहरदगा में वज्रपात
वहीं लोहरदगा जिले के भंडरा थाना क्षेत्र के उदरंगी पंचायत के हाटी कुंबाटोली गांव में एक महिला खेत में काम कर रही थी. इसी दौरान बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद वो वापस अपने घर लौट रही थी. उसी क्रम में वज्रपात हो गई, जिसके चपेट में आने से उसकी मौत हो गई.

पढ़े : विशेष : क्यों गिरती है आकाशीय बिजली, जानें वज्रपात से जुड़े रोचक तथ्य

गिरिडीह में वज्रपात
गिरिडीह में भी आसमानी बिजली ने कहर बरपाया है, जिले के अलग-अलग जगहों पर वज्रपात हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. पहली घटना सरिया थाना क्षेत्र के नगर केशवारी पंचायत के सिमराटोला की है. जहां वज्रपात की चपेट में आने से सिकंदर मंडल नामक युवक की मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना बगोदर- बिष्णुगढ़ थाना सीमा के अटका से सटे बारा गांव की है. जहां 15 वर्षीय खुशबू कुमारी खेत में धान रोपनी कर रही थी. इसी दौरान वज्रपात हो गया और उसकी मौत हो गई.

14 people died due to thunderstorm
गिरिडीह में आसमानी कहर

वज्रपात से कैसे बचें :-

  • एक मजबूत छत के साथ पक्का घर बिजली के दौरान सबसे सुरक्षित है.
  • घरों में लाइटनिंग ड्राइवर्स लगवाएं.
  • बिजली के उपकरणों को बंद कर दें.
  • यदि वाहन पर सवार हैं, तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं.
  • बिजली के पोल, टेलीफोन और टीवी टॉवर से दूर रहें.
  • कपड़े सुखाने के लिए तार का उपयोग न करें, जूट या कपास की रस्सी का उपयोग करें.
  • किसी पेड़ के नीचे न खड़े हों.
  • यदि जंगल में हैं तो बौने (कम लंबे पेड़) और घने पेड़ों के नीचे खड़े हो जाएं.
  • दलदल और जल निकायों से दूर रहने की कोशिश करें.
  • गीले खेतों में हल या जुताई करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जा सकते हैं.
  • तांबे के तार को ऊंचे पेड़ के तने या टहनियों में बांधकर जमीन में गहरा दबा दें जिससे पेड़ सुरक्षित हो जाए.
  • कभी भी फर्श या जमीन पर नंगे पैर न खड़े हों, तेज गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का उपयोग न करें.
  • बारिश और तूफान के दौरान तुरंत घर से बाहर न निकलें. यह देखा गया है कि गरज और तेज बारिश के बाद 30 मिनट तक बिजली गिरती है.
  • यदि आप भारी बारिश में फंस गए हैं, तो अपने हाथों को अपने घुटनों पर और अपने सिर को अपने घुटनों के बीच रखें. इससे शरीर को कम से कम नुकसान होगा.
  • घरों के दरवाजे और खिड़कियों को ढंक कर रखें.
  • बादल गरजने और बारिश के दौरान घर के नल, टेलीफोन, टीवी और फ्रिज आदि को न छुएं.
Last Updated : Jul 19, 2020, 11:57 PM IST
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