अहमदाबाद: भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. गुजरात में एक ही व्यक्ति के पांच दिनों में कोरोनो वायरस की तीन अलग-अलग रिपोर्टें आईं.
आरटी-पीसीआर परीक्षण कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, हालांकि यह भी पूरी तरह से सही नहीं है. ईटीवी भारत के सामने दो मामलों आए हैं, एक ही व्यक्ति की तीन बार कोरोना जांच की गई, जिसमें दो बार नकारात्मक रिपोर्ट मिलने के बाद एक रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. लगभग 4 से 5 दिनों में व्यक्ति की कोरोनो वायरस रिपोर्ट निगेटिव- पॉजिटिव- निगेटिव आई. वर्तमान में दोनों मामलों में व्यक्ति स्वस्थ है.
अहमदाबाद के रहने वाले पीयूषभाई वाघेला की पांच सितंबर को आरटी- पीसीआर कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जिसके बाद वह एक और बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल गए. यहां आवश्यक प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें फिर से आरटी-पीसीआर परीक्षण कराया गया, जहां उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद उन्होंने निजी लैब में रिपोर्ट कराई और उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई.
इस प्रकार पांच दिन में उनकी कोरोनो वायरस रिपोर्ट निगेटिव- पॉजिटिव- निगेटिव आई. वर्तमान में पीयूषभाई पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
कुछ ऐसा ही हुआ अहमदाबाद में रहने वाले कुणाल पांचाल के साथ. कुणाल पांचाल ने 10 सितंबर को अहमदाबाद नगर निगम द्वारा एक एंटीजन परीक्षण किया, जो निगेटिव निकला. इसके बाद वह 11 सितंबर को किडनी से संबंधित इलाज के लिए अगले दिन अस्पताल गए. उन्हें आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए रखा गया था, जिसने उन्हें कोरोना वायरस पॉजिटिव होने की सूचना हुई. लिहाजा बिना इलाज के उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
पांचाल ने 12 सितंबर को 104 को कॉल किया, जिसके बाद एएमसी टीम ने कोरोनो वायरस एंटीजन परीक्षण किया जो नकारात्मक आया. कुणाल पांचाल 14 सितंबर को फिर से एक निजी प्रयोगशाला में आरटी-पीसीआर परीक्षण किया, जो निगेटिव था. अब वह पूरी तरह स्वस्थ है.
आइये जानते हैं क्या इस तरह के विभिन्न परिणाम होना संभव है?
ईटीवी भारत से बात करते हुए अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष मोना देसाई ने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की सटीकता 40 से 50 फीसदी है. जबकि आरटी-पीसीआर टेस्ट की सटीकता 67 से 70 फीसदी तक है. पॉजिटिव और निगेटिव परिणामों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि वायरस का लोड कम था, तो रिपोर्ट का प्राप्त करना संभव है, लेकिन बुखार जैसे लक्षण जारी रहते हैं, व्यक्ति की छाती का सीटी स्कैन कराना आवश्यक है, जिसकी सटीकता 90 फीसदी है.
जिन कारणों से यहां रिपोर्ट वैरी करती है
- वायरस का लोड यदि कम हो तो.
- यह तब हो सकता है जब परीक्षण नाक के बजाय गले से किया जाता है.
- यदि नाक से नमूना लेने वाला व्यक्ति इसे ठीक से नहीं करता.
- रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर दोनों की सटीकता 100 फीसदी नहीं है.
राज्य में 21 सितंबर तक कोरोनो वायरस के कुल 1.24 लाख मामले सामने आए हैं, जिनमें से 16,239 सक्रिय मामले हैं. जबकि 1.05 लाख लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं. कोरोना वायरस से अब तक 3337 लोगों की मौत हुई है. गुजरात में 38.6 लाख लोगों का परीक्षण किया गया है.