हैदराबाद. विश्व के लिए कोरोना एक वैश्विक महामारी बनकर उभरा है. भारत में भी इस वायरस के कहर से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. वहीं इस महामारी के खतरे से निपटने के लिए और कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) ने दिशानिर्देश जारी किए हैं.
इसे अमेरिकी चिकित्सकों, सांख्यिकीविदों और अन्य विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा तैयार किया गया है. बता दें कि इस तरह के दिशानिर्देश स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं (स्वास्थ्य देखभाल करने वाले) के लिए जारी किए जाते हैं.
यह प्रकाशित और प्रारंभिक डेटा उन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए होते हैं, जो महामारी के दौरान रोगियों की देखभाल करने के लिए शामिल होते हैं.
एनआईएच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वर्तमान में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (स्वास्थ्य सेवाएं देने वाला) जिस तरीके का कोविड-19 एंटी-वायरल का प्रयोग कर रहे हैं वह सीधे कोरोना वायरस को लक्षित कर सकता है. साथ ही वह वायरस की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकता है या वायरस को लक्षित कर सकता है.
साथ ही जो दिशानिर्देश जारी किए गए हैं वह प्रत्येक रोगी की पृष्ठभूमि की जानकारी देता है.
जैसे की क्लिनिकल डेटा, चल रहे नैदानिक परीक्षण इत्यादी.जारी दिशानिर्देश संक्रमण के जोखिम और बीमारी की गंभीरता के आधार पर रोगियों के मूल्यांकन और स्तरीकरण की व्याख्या करते हैं.
उदाहरण के तौर पर, वैसे रोगी या तो स्पर्शोन्मुख हैं या जिनमें कोरोना के लक्षण हल्के से मध्यम हैं और जो रोगी गंभीर रूप से बीमार हैं. दिशानिर्देशों में गर्भवती महिलाओं और संक्रमित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया गया है.