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डीसी के दोस्त ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलाकर किया कुछ ऐसा कि सब रह गए दंग... - फायर ब्रिगेड की गाड़ी से बगीचे में डाला पानी भिवानी

भिवानी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां डीसी के दोस्त ने घर के काम के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलाई. इससे उसने पहले पानी का टैंक भरा और फिर बगीचे में लगे पौधों में पानी डालने लगा.

डीसी का दोस्त.
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Published : Sep 21, 2019, 9:49 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 12:34 PM IST

भिवानी: आमतौर पर देखा जाता है कि जब कभी कहीं आग लगती है तो फायर ब्रिगेड को सूचना देने पर भी देरी की शिकायतें आती हैं. पर भिवानी में एक ऐसा उदाहरण देखने को मिला जहां डीसी महोदय के दोस्त ने फायर ब्रिगेड अधिकारियों और कर्मचारियों को लाचार बना दिया.

फायर कर्मी रह गए हैरान
डीसी की दुहाई देकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को उनके दोस्त ने अपने घर बुलाया. पहले तो इसने पानी का टैंक भरा और फिर बगीचे में लगे पौधों में पानी डालने लगा. ये सब देखकर फायर कर्मी हैरान रहे गए.

डीसी के दोस्ता का कारनामा.

घर के काम लिए मंगाई फायर ब्रिगेड की गाड़ी
इस पूरे मामले की भनक मीडिया को लगी तो सच में मामला हैरान करने वाला था. डीसी का ये दोस्त अत्तर सिंह यादव फायर ब्रिगेड गाड़ी की पाइप थामकर बड़े शानो शौकत के साथ बगीचे में पानी दे रहा था. जब इनसे बातचीत की गई तो उन्होंने जमीन को अपना मानने से इंकार कर दिया.

आग लगने की नहीं आई कोई कॉल
फिर बाद में बताया कि इस प्लॉट में पड़े कुड़े की वजह से सुबह आग लग गई थी. जिसकी वजह से उसने फायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाया न कि पौधे में पानी देने के लिए. वहीं इस पूरे मामले पर जब फायर स्टेशन अधिकारी जय नारायण से बात की तो उन्होने खुद माना कि उनके कार्यालय में आज पूरा दिन आग लगने की कोई कॉल नहीं आई.

डीसी कैंपस से आया था फोन
उन्होंने बताया कि सेक्टर-13 में उनकी जो गाड़ी गई है उसके लिए डीसी कैंपस से फोन आया था. उसी के आधार पर उन्होंने गाड़ी भेजी थी. उन्होंने कहा कि इस बारे में जांच करेंगे और कुछ गलत हुआ है तो आगे ध्यान रखेंगें. वहीं साथ ही अपनी लाचारी जताई और कहा कि डीसी उनके उच्च अधिकारी हैं और उनके कैंपस से फोन आने पर वो गाड़ी भेजने के कारणों को नहीं जान सकते. जो निर्देश मिले थे उनका पालन करना फर्ज था. इसलिए गाड़ी बिना कोई सवाल किए भेज दी गई.

भिवानी: आमतौर पर देखा जाता है कि जब कभी कहीं आग लगती है तो फायर ब्रिगेड को सूचना देने पर भी देरी की शिकायतें आती हैं. पर भिवानी में एक ऐसा उदाहरण देखने को मिला जहां डीसी महोदय के दोस्त ने फायर ब्रिगेड अधिकारियों और कर्मचारियों को लाचार बना दिया.

फायर कर्मी रह गए हैरान
डीसी की दुहाई देकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को उनके दोस्त ने अपने घर बुलाया. पहले तो इसने पानी का टैंक भरा और फिर बगीचे में लगे पौधों में पानी डालने लगा. ये सब देखकर फायर कर्मी हैरान रहे गए.

डीसी के दोस्ता का कारनामा.

घर के काम लिए मंगाई फायर ब्रिगेड की गाड़ी
इस पूरे मामले की भनक मीडिया को लगी तो सच में मामला हैरान करने वाला था. डीसी का ये दोस्त अत्तर सिंह यादव फायर ब्रिगेड गाड़ी की पाइप थामकर बड़े शानो शौकत के साथ बगीचे में पानी दे रहा था. जब इनसे बातचीत की गई तो उन्होंने जमीन को अपना मानने से इंकार कर दिया.

आग लगने की नहीं आई कोई कॉल
फिर बाद में बताया कि इस प्लॉट में पड़े कुड़े की वजह से सुबह आग लग गई थी. जिसकी वजह से उसने फायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाया न कि पौधे में पानी देने के लिए. वहीं इस पूरे मामले पर जब फायर स्टेशन अधिकारी जय नारायण से बात की तो उन्होने खुद माना कि उनके कार्यालय में आज पूरा दिन आग लगने की कोई कॉल नहीं आई.

डीसी कैंपस से आया था फोन
उन्होंने बताया कि सेक्टर-13 में उनकी जो गाड़ी गई है उसके लिए डीसी कैंपस से फोन आया था. उसी के आधार पर उन्होंने गाड़ी भेजी थी. उन्होंने कहा कि इस बारे में जांच करेंगे और कुछ गलत हुआ है तो आगे ध्यान रखेंगें. वहीं साथ ही अपनी लाचारी जताई और कहा कि डीसी उनके उच्च अधिकारी हैं और उनके कैंपस से फोन आने पर वो गाड़ी भेजने के कारणों को नहीं जान सकते. जो निर्देश मिले थे उनका पालन करना फर्ज था. इसलिए गाड़ी बिना कोई सवाल किए भेज दी गई.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानीदिनांक 20 सितंबर। डीसी के दोस्त ने ताक पर रखे नियमफ़ायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाकर अपने घर का टैंक भराटैंक भरकर बग़ीचे के पौधे व सब्ज़ियों में देने लगा पानीमीडिया कर्मी मौक़े पर पहुँचे तो बंदे के उड़ गए होंशपहले मीडिया कर्मियों को पहचान की दुहाई देकर रोके कैमरेफिर घर के कुड़े में आग लगने का बनाया बहानाफ़ायर अधिकारी ने लाचारी दिखाकर खोली पोलबोले, आग लगने की नहीं आई आज को भी कॉलगाड़ी भेजने के लिए D.C. कैंपस से आया था फ़ोन बोले, उच्च अधिकारियों से नहीं पुछ सकते कारण, आदेश मानना है फ़र्ज़     भिवानी में डीसी के साथ दोस्ती का एक ऐसा उदाहरण सामने आया है जिसने सभी नियमों को ताक पर रख कर फायर ब्रिागेड अधिकारियों को लाचार बना दिया। हैरानी की बात ये है कि सूचना मिलने पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को डीसी के इस दोस्त ने पहले तो जानकारी में होने की बात कही और फिर घर के कुङे में आग लगने की दुहाई दी।
    आमतौर पर देखा जाता है कि जब कभी कहीं आग लगती है तो फायर ब्रिागेड को सूचना देने पर भी देरी की शिकायतें आती हैं। पर भिवानी में एक ऐसा उदाहरण देखने को मिला जहां आग के नाम पर डीसी महोदय के दोस्त ने फायर ब्रिागेड अधिकारियों व कर्मचारियों पर लाचार बना दिया। इस बंदे ने डीसी की दुहाई देकर फायर ब्रिागेड की गाङी को अपने घर बुलाया। घर बुलाकर अपने घर के पानी का टैंक भरा और फिर घर के साथ खाली प्लाट में बने बगीचे के पौधे व सब्जियों में पानी डालने लगा। ये सब देख फायर ब्रिागेड के कर्मी भी हैरान रह गए।
    इस पूरे मामले की भनक मीडिया को लेगी तो सच में मामला हैरान करने वाला था। डीसी का ये दोस्त अत्तर सिंह यादव फायर ब्रिागेड गाङी का पाईप खुद थामें हुए था और अपने घर का टैंक भर कर बङी ही शान से अपने बगीचे में पानी दे रहा था। मीडिया के कैमरे की तरफ बंदे का कोई ध्यान नहीं था। तभी एक फायर कर्मी को इन्हे चेताया तो ये पाईप छोङ कर आया। जब इनसे बात की तो इन्होने इन्होने कहा कि ये प्लाट किसी और का है। ये तो वैसे ही यहां आए थे। साथ ही मीडिया कर्मीयों के कैमरों को हटाते हुए कहा कि हम आपस में जानते हैं तो क्यों बात को बढाते हो।
    वहीं बाद में इन्होने बताया कि इस प्लाट के पङे कुङे में सुबह आग लग गई थी। साथ ही पार्क में भी कुछ कुङे में आग लग गई थी। इसलिए उन्होने पौधों या सब्जि में पानी देने के लिए नहीं बल्कि आग बुझाने के लिए फायर ब्रिागेड की गाङी बुलाई थी। इसी बीच फायर कर्मियों को इशारा करते हुए उन्होने जाने का इशारा किया। इसके बाद फायर कर्मचारियों ने अपने सामान को समेटा और आनन-फानन में गाङी लेकर चलते बने।
    वहीं इस पूरे मामले पर जब फायर स्टेशन अधिकारी जय नारायण से बात की तो उन्होने खुद माना कि उनके कार्यालय में आज पूरा दिन आग लगने की कोई कॉल नहीं आई। उन्होने बताया कि सेक्टर-13 में उनकी जो गाङी गई है उसके लिए डीसी कैंपस से फोन आया था। उसी के आधार पर उन्होने गाङी भेजी थी। पर गाङी जहां गई वहां आग की बजाय गाङी का प्रयोग घर के लिए किए जाने के सवाल पर उन्होने एक बार तो कहा कि इस बारे में जांच करेंगे और कुछ गलत हुआ है तो आगे ध्यान रखेंगें। साथ ही अपनी लाचारी जताई और कहा कि डीसी उनके उच्च अधिकारी हैं और उनके कैंपस से फोन आने पर वो गाङी भेजने के कारणों को नहीं जान सकते। जो निर्देश मिले थे उनकी पालना करना फर्ज है इसलिए गाङी बिना कुछ पुछ ही भेज दी गई। वहीं कार्यवाई के सवाल पर उन्होने कहा कि गाङी लेकर गए कर्मचारियों से पुछताछ करेंगे और कुछ गलत हुआ तो पुलिस में शिकायत देंगें।
      अब देखना होगा कि इस मामले में कोई कार्यवाई होती है या डीसी की दोस्ती के सामने फायर विभाग की लाचारी मामले को डंडे बस्ते में डालती है।
Byte अत्तर सिंह यादव (डीसी के दोस्त) & जय नारायण (फायर स्टेशन अधिकारी)Body:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानीदिनांक 20 सितंबर। डीसी के दोस्त ने ताक पर रखे नियमफ़ायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाकर अपने घर का टैंक भराटैंक भरकर बग़ीचे के पौधे व सब्ज़ियों में देने लगा पानीमीडिया कर्मी मौक़े पर पहुँचे तो बंदे के उड़ गए होंशपहले मीडिया कर्मियों को पहचान की दुहाई देकर रोके कैमरेफिर घर के कुड़े में आग लगने का बनाया बहानाफ़ायर अधिकारी ने लाचारी दिखाकर खोली पोलबोले, आग लगने की नहीं आई आज को भी कॉलगाड़ी भेजने के लिए D.C. कैंपस से आया था फ़ोन बोले, उच्च अधिकारियों से नहीं पुछ सकते कारण, आदेश मानना है फ़र्ज़     भिवानी में डीसी के साथ दोस्ती का एक ऐसा उदाहरण सामने आया है जिसने सभी नियमों को ताक पर रख कर फायर ब्रिागेड अधिकारियों को लाचार बना दिया। हैरानी की बात ये है कि सूचना मिलने पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को डीसी के इस दोस्त ने पहले तो जानकारी में होने की बात कही और फिर घर के कुङे में आग लगने की दुहाई दी।
    आमतौर पर देखा जाता है कि जब कभी कहीं आग लगती है तो फायर ब्रिागेड को सूचना देने पर भी देरी की शिकायतें आती हैं। पर भिवानी में एक ऐसा उदाहरण देखने को मिला जहां आग के नाम पर डीसी महोदय के दोस्त ने फायर ब्रिागेड अधिकारियों व कर्मचारियों पर लाचार बना दिया। इस बंदे ने डीसी की दुहाई देकर फायर ब्रिागेड की गाङी को अपने घर बुलाया। घर बुलाकर अपने घर के पानी का टैंक भरा और फिर घर के साथ खाली प्लाट में बने बगीचे के पौधे व सब्जियों में पानी डालने लगा। ये सब देख फायर ब्रिागेड के कर्मी भी हैरान रह गए।
    इस पूरे मामले की भनक मीडिया को लेगी तो सच में मामला हैरान करने वाला था। डीसी का ये दोस्त अत्तर सिंह यादव फायर ब्रिागेड गाङी का पाईप खुद थामें हुए था और अपने घर का टैंक भर कर बङी ही शान से अपने बगीचे में पानी दे रहा था। मीडिया के कैमरे की तरफ बंदे का कोई ध्यान नहीं था। तभी एक फायर कर्मी को इन्हे चेताया तो ये पाईप छोङ कर आया। जब इनसे बात की तो इन्होने इन्होने कहा कि ये प्लाट किसी और का है। ये तो वैसे ही यहां आए थे। साथ ही मीडिया कर्मीयों के कैमरों को हटाते हुए कहा कि हम आपस में जानते हैं तो क्यों बात को बढाते हो।
    वहीं बाद में इन्होने बताया कि इस प्लाट के पङे कुङे में सुबह आग लग गई थी। साथ ही पार्क में भी कुछ कुङे में आग लग गई थी। इसलिए उन्होने पौधों या सब्जि में पानी देने के लिए नहीं बल्कि आग बुझाने के लिए फायर ब्रिागेड की गाङी बुलाई थी। इसी बीच फायर कर्मियों को इशारा करते हुए उन्होने जाने का इशारा किया। इसके बाद फायर कर्मचारियों ने अपने सामान को समेटा और आनन-फानन में गाङी लेकर चलते बने।
    वहीं इस पूरे मामले पर जब फायर स्टेशन अधिकारी जय नारायण से बात की तो उन्होने खुद माना कि उनके कार्यालय में आज पूरा दिन आग लगने की कोई कॉल नहीं आई। उन्होने बताया कि सेक्टर-13 में उनकी जो गाङी गई है उसके लिए डीसी कैंपस से फोन आया था। उसी के आधार पर उन्होने गाङी भेजी थी। पर गाङी जहां गई वहां आग की बजाय गाङी का प्रयोग घर के लिए किए जाने के सवाल पर उन्होने एक बार तो कहा कि इस बारे में जांच करेंगे और कुछ गलत हुआ है तो आगे ध्यान रखेंगें। साथ ही अपनी लाचारी जताई और कहा कि डीसी उनके उच्च अधिकारी हैं और उनके कैंपस से फोन आने पर वो गाङी भेजने के कारणों को नहीं जान सकते। जो निर्देश मिले थे उनकी पालना करना फर्ज है इसलिए गाङी बिना कुछ पुछ ही भेज दी गई। वहीं कार्यवाई के सवाल पर उन्होने कहा कि गाङी लेकर गए कर्मचारियों से पुछताछ करेंगे और कुछ गलत हुआ तो पुलिस में शिकायत देंगें।
      अब देखना होगा कि इस मामले में कोई कार्यवाई होती है या डीसी की दोस्ती के सामने फायर विभाग की लाचारी मामले को डंडे बस्ते में डालती है।
Byte अत्तर सिंह यादव (डीसी के दोस्त) & जय नारायण (फायर स्टेशन अधिकारी)Conclusion:रिपोर्ट इन्द्रवेश भिवानीदिनांक 20 सितंबर। डीसी के दोस्त ने ताक पर रखे नियमफ़ायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाकर अपने घर का टैंक भराटैंक भरकर बग़ीचे के पौधे व सब्ज़ियों में देने लगा पानीमीडिया कर्मी मौक़े पर पहुँचे तो बंदे के उड़ गए होंशपहले मीडिया कर्मियों को पहचान की दुहाई देकर रोके कैमरेफिर घर के कुड़े में आग लगने का बनाया बहानाफ़ायर अधिकारी ने लाचारी दिखाकर खोली पोलबोले, आग लगने की नहीं आई आज को भी कॉलगाड़ी भेजने के लिए D.C. कैंपस से आया था फ़ोन बोले, उच्च अधिकारियों से नहीं पुछ सकते कारण, आदेश मानना है फ़र्ज़     भिवानी में डीसी के साथ दोस्ती का एक ऐसा उदाहरण सामने आया है जिसने सभी नियमों को ताक पर रख कर फायर ब्रिागेड अधिकारियों को लाचार बना दिया। हैरानी की बात ये है कि सूचना मिलने पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को डीसी के इस दोस्त ने पहले तो जानकारी में होने की बात कही और फिर घर के कुङे में आग लगने की दुहाई दी।
    आमतौर पर देखा जाता है कि जब कभी कहीं आग लगती है तो फायर ब्रिागेड को सूचना देने पर भी देरी की शिकायतें आती हैं। पर भिवानी में एक ऐसा उदाहरण देखने को मिला जहां आग के नाम पर डीसी महोदय के दोस्त ने फायर ब्रिागेड अधिकारियों व कर्मचारियों पर लाचार बना दिया। इस बंदे ने डीसी की दुहाई देकर फायर ब्रिागेड की गाङी को अपने घर बुलाया। घर बुलाकर अपने घर के पानी का टैंक भरा और फिर घर के साथ खाली प्लाट में बने बगीचे के पौधे व सब्जियों में पानी डालने लगा। ये सब देख फायर ब्रिागेड के कर्मी भी हैरान रह गए।
    इस पूरे मामले की भनक मीडिया को लेगी तो सच में मामला हैरान करने वाला था। डीसी का ये दोस्त अत्तर सिंह यादव फायर ब्रिागेड गाङी का पाईप खुद थामें हुए था और अपने घर का टैंक भर कर बङी ही शान से अपने बगीचे में पानी दे रहा था। मीडिया के कैमरे की तरफ बंदे का कोई ध्यान नहीं था। तभी एक फायर कर्मी को इन्हे चेताया तो ये पाईप छोङ कर आया। जब इनसे बात की तो इन्होने इन्होने कहा कि ये प्लाट किसी और का है। ये तो वैसे ही यहां आए थे। साथ ही मीडिया कर्मीयों के कैमरों को हटाते हुए कहा कि हम आपस में जानते हैं तो क्यों बात को बढाते हो।
    वहीं बाद में इन्होने बताया कि इस प्लाट के पङे कुङे में सुबह आग लग गई थी। साथ ही पार्क में भी कुछ कुङे में आग लग गई थी। इसलिए उन्होने पौधों या सब्जि में पानी देने के लिए नहीं बल्कि आग बुझाने के लिए फायर ब्रिागेड की गाङी बुलाई थी। इसी बीच फायर कर्मियों को इशारा करते हुए उन्होने जाने का इशारा किया। इसके बाद फायर कर्मचारियों ने अपने सामान को समेटा और आनन-फानन में गाङी लेकर चलते बने।
    वहीं इस पूरे मामले पर जब फायर स्टेशन अधिकारी जय नारायण से बात की तो उन्होने खुद माना कि उनके कार्यालय में आज पूरा दिन आग लगने की कोई कॉल नहीं आई। उन्होने बताया कि सेक्टर-13 में उनकी जो गाङी गई है उसके लिए डीसी कैंपस से फोन आया था। उसी के आधार पर उन्होने गाङी भेजी थी। पर गाङी जहां गई वहां आग की बजाय गाङी का प्रयोग घर के लिए किए जाने के सवाल पर उन्होने एक बार तो कहा कि इस बारे में जांच करेंगे और कुछ गलत हुआ है तो आगे ध्यान रखेंगें। साथ ही अपनी लाचारी जताई और कहा कि डीसी उनके उच्च अधिकारी हैं और उनके कैंपस से फोन आने पर वो गाङी भेजने के कारणों को नहीं जान सकते। जो निर्देश मिले थे उनकी पालना करना फर्ज है इसलिए गाङी बिना कुछ पुछ ही भेज दी गई। वहीं कार्यवाई के सवाल पर उन्होने कहा कि गाङी लेकर गए कर्मचारियों से पुछताछ करेंगे और कुछ गलत हुआ तो पुलिस में शिकायत देंगें।
      अब देखना होगा कि इस मामले में कोई कार्यवाई होती है या डीसी की दोस्ती के सामने फायर विभाग की लाचारी मामले को डंडे बस्ते में डालती है।
Byte अत्तर सिंह यादव (डीसी के दोस्त) & जय नारायण (फायर स्टेशन अधिकारी)
Last Updated : Oct 1, 2019, 12:34 PM IST

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