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CAA के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगी असम की दो नागरिक संस्थाएं - द फोरम अगेन्स्ट सिटिजनशिप एक्ट अमेंडेंट बिल

नागरिकता (संशोधन) कानून पर रोक लगाने के लिए असम की दो नागरिक संस्थाओं - द फोरम अगेंस्ट सिटीजनशिप एक्ट अमेंडेंट बिल और असम नागरिक समाज ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.

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Published : Dec 14, 2019, 10:19 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 10:29 PM IST

गुवाहाटी : असम की दो प्रमुख नागरिक संस्थाओं ने शनिवार को घोषणा की कि वे नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ अलग से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने और इस पर रोक लगाने की मांग करेंगी.

द फोरम अगेंस्ट सिटीजनशिप एक्ट अमेंडेंट बिल (एफएसीएएबी) और असम नागरिक समाज (एएनएस) ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का रुख करने के लिए वे दस्तावेजों को तैयार कर रहे हैं.

दोनों संगठनों ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में लोगों से लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखने की अपील की है.

एफएसीएएबी के अध्यक्ष एवं प्रख्यात सहित्यकार और शिक्षाविद् हिरेन गोहेन ने कहा, 'हमारे वकील कानून का अध्ययन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में पुख्ता तैयारी के साथ याचिका दायर करेंगे.'

हिंसक प्रदर्शन के बारे में एफएसीएएबी के समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत ने दावा किया, 'हमें आशंका है कि इसके पीछे सरकार है. वह अचानक हुए जन विरोध को बदनाम करने और पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है. इसे साम्प्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की जा रही है.'

मीडिया से अलग संवाद में एएनएस महासचिव परेश मलाकर ने कहा, 'संगठन कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा. कानूनी लड़ाई के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रदर्शन भी जारी रहेंगे और लोगों को असम विरोधी भाजपा को अगला मौका मिलने पर सत्ता से बेदखल करने के लिए तैयार रहना चाहिए.'

उल्लेखनीय है कि असम में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

पढ़ें- सांसद नाबा सरनिया की मांग - असम को ILP में शामिल किया जाए

दोनों संगठनों ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के सलाहकार अखिल गोगोई और अन्य की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की. राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर गोगोई को गुरुवार को एहतियातन हिरासत में लिया गया था.

गुवाहाटी : असम की दो प्रमुख नागरिक संस्थाओं ने शनिवार को घोषणा की कि वे नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ अलग से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने और इस पर रोक लगाने की मांग करेंगी.

द फोरम अगेंस्ट सिटीजनशिप एक्ट अमेंडेंट बिल (एफएसीएएबी) और असम नागरिक समाज (एएनएस) ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का रुख करने के लिए वे दस्तावेजों को तैयार कर रहे हैं.

दोनों संगठनों ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में लोगों से लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखने की अपील की है.

एफएसीएएबी के अध्यक्ष एवं प्रख्यात सहित्यकार और शिक्षाविद् हिरेन गोहेन ने कहा, 'हमारे वकील कानून का अध्ययन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में पुख्ता तैयारी के साथ याचिका दायर करेंगे.'

हिंसक प्रदर्शन के बारे में एफएसीएएबी के समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत ने दावा किया, 'हमें आशंका है कि इसके पीछे सरकार है. वह अचानक हुए जन विरोध को बदनाम करने और पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है. इसे साम्प्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की जा रही है.'

मीडिया से अलग संवाद में एएनएस महासचिव परेश मलाकर ने कहा, 'संगठन कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा. कानूनी लड़ाई के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रदर्शन भी जारी रहेंगे और लोगों को असम विरोधी भाजपा को अगला मौका मिलने पर सत्ता से बेदखल करने के लिए तैयार रहना चाहिए.'

उल्लेखनीय है कि असम में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

पढ़ें- सांसद नाबा सरनिया की मांग - असम को ILP में शामिल किया जाए

दोनों संगठनों ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के सलाहकार अखिल गोगोई और अन्य की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की. राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर गोगोई को गुरुवार को एहतियातन हिरासत में लिया गया था.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:24 HRS IST




             
  • नागरिक संस्थाएं संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगी



गुवाहाटी, 14 दिसंबर (भाषा) असम की दो प्रमुख नागरिक संस्थाओं ने शनिवार को घोषणा की कि वे नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ अलग से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने और इसपर रोक लगाने की मांग करेंगे।



द फोरम अगेन्स्ट सिटिजनशिप एक्ट अमेंडेंट बिल (एफएसीएएबी) और असम नागरिक समाज (एएनएस) ने कहा कि शीर्ष न्यायालय का रुख करने के लिए दस्तावेजों को तैयार कर रहे हैं।



अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में दोनों संगठनों ने लोगों से लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखने की अपील की।



एफएसीएएबी के अध्यक्ष एवं प्रख्यात सहित्यकार और शिक्षाविद् हिरेन गोहेन ने कहा, ‘‘हमारे वकील कानून का अध्ययन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में पुख्ता तैयारी के साथ याचिका दायर करेंगे।’’



हिंसक प्रदर्शन के बारे में एफएसीएएबी के समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत ने दावा किया, ‘‘हमें आशंका है कि इसके पीछे सरकार है। वे अचानक हुए जन विरोध को बदनाम करने और पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं। इसे सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की जा रही है।’’



मीडिया से अलग संवाद में एएनएस महासचिव परेश मलाकर ने कहा, ‘‘संगठन कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। कानूनी लड़ाई के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रदर्शन भी जारी रहेंगे और लोगों को असम विरोधी भाजपा को अगला मौका मिलने पर सत्ता से बेदखल करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’’



उल्लेखनीय है कि असम में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने है।



दोनों संगठनों ने कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के सलाहकार अखिल गोगोई और अन्य की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की। राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर गोगोई को गुरुवार को एहतियातन हिरासत में लिया गया था।

 


Conclusion:
Last Updated : Dec 14, 2019, 10:29 PM IST
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