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समर्थ योजना: 4 लाख लोगों को निपुण बनाएगा वस्त्र मंत्रालाय - samarth yojna

वस्त्र मंत्रालय ने 18 राज्यों में 'समर्थ' योजना की शुरूआत की है. मंत्रालय ने 16 राज्य सरकारों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस योजना के तहत लोगों को वस्त्र से जुड़े क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

स्मृति ईरानी
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Published : Aug 15, 2019, 10:12 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 2:00 AM IST

नई दिल्लीः 'समर्थ' योजना के तहत 18 राज्यों के करीब चार लाख लोगों को नए हुनर सिखाए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य व्यक्तियों को वस्त्र उद्योग क्षेत्र से जुड़े कामों में दक्ष बनाना और क्षमता का निर्माण करना है. योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान वस्त्र मंत्रालय ने 16 राज्य सरकारों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान , केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद रहीं.

इस योजना के तहत 18 राज्यों ने मंत्रालय के साथ साझेदारी करने की सहमति जताई है. हालांकि, कार्यक्रम में जम्मू - कश्मीर और ओडिशा के प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे.

स्मृति ईरानी ने कहा, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने यहां उपस्थित होकर तत्परता दिखाई है. भारत सरकार समेत सभी 18 राज्य ने एक छत के नीचे चार लाख लोगों को कुशल बनाने का संकल्प लिया है. मुझे लगता है कि देश के इतिहास में यह इस तरह का अब तक का पहला बड़ा कदम है.

पढ़ें-BJP में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के विधायक सोवन चटर्जी

ये 18 राज्य अरुणाचल प्रदेश , जम्मू - कश्मीर , केरल , मिजोरम , तमिलनाडु , तेलंगाना , उत्तर प्रदेश , आंध्र प्रदेश , असम , मध्य प्रदेश , त्रिपुरा , कर्नाटक , ओडिशा , मणिपुर , हरियाणा , मेघालय , झारखंड और उत्तराखंड हैं.

प्रशिक्षण के बाद सभी लाभार्थियों को वस्त्र क्षेत्र से जुड़े विभिन्न कामकाजों में नौकरियां दी जाएंगी.

वस्त्र से जुड़े जिन क्षेत्रों में लोगों को कुशल बनाया जाएगा उनमें तैयार परिधान, बुने हुए कपड़े, धातु हस्तकला, हथकरघा, हस्तकला और कालीन शामिल हैं.

स्मृति ईरानी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि नए भारत में हम यह सुनिश्चित करें कि अजीविका की इच्छा रखने वाला हर नागरिक कुशल और दक्ष हो.'

केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि वस्त्र क्षेत्र में काम करने वालों में 75 प्रतिशत महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना में भी 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं. उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों को महिलाओं के लिए जिलेवार सिलाई अवसर पर गौर करने का सुझाव दिया है.

वस्त्र सचिव रवि कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी काफी कम है और वस्त्र क्षेत्र में रोजगार सृजित करने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि वस्त्र उद्योग में 16 लाख कुशल कामगारों की कमी है.

समर्थ योजना के तहत अगले तीन साल में 10 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.

नई दिल्लीः 'समर्थ' योजना के तहत 18 राज्यों के करीब चार लाख लोगों को नए हुनर सिखाए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य व्यक्तियों को वस्त्र उद्योग क्षेत्र से जुड़े कामों में दक्ष बनाना और क्षमता का निर्माण करना है. योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान वस्त्र मंत्रालय ने 16 राज्य सरकारों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान , केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद रहीं.

इस योजना के तहत 18 राज्यों ने मंत्रालय के साथ साझेदारी करने की सहमति जताई है. हालांकि, कार्यक्रम में जम्मू - कश्मीर और ओडिशा के प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे.

स्मृति ईरानी ने कहा, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने यहां उपस्थित होकर तत्परता दिखाई है. भारत सरकार समेत सभी 18 राज्य ने एक छत के नीचे चार लाख लोगों को कुशल बनाने का संकल्प लिया है. मुझे लगता है कि देश के इतिहास में यह इस तरह का अब तक का पहला बड़ा कदम है.

पढ़ें-BJP में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के विधायक सोवन चटर्जी

ये 18 राज्य अरुणाचल प्रदेश , जम्मू - कश्मीर , केरल , मिजोरम , तमिलनाडु , तेलंगाना , उत्तर प्रदेश , आंध्र प्रदेश , असम , मध्य प्रदेश , त्रिपुरा , कर्नाटक , ओडिशा , मणिपुर , हरियाणा , मेघालय , झारखंड और उत्तराखंड हैं.

प्रशिक्षण के बाद सभी लाभार्थियों को वस्त्र क्षेत्र से जुड़े विभिन्न कामकाजों में नौकरियां दी जाएंगी.

वस्त्र से जुड़े जिन क्षेत्रों में लोगों को कुशल बनाया जाएगा उनमें तैयार परिधान, बुने हुए कपड़े, धातु हस्तकला, हथकरघा, हस्तकला और कालीन शामिल हैं.

स्मृति ईरानी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि नए भारत में हम यह सुनिश्चित करें कि अजीविका की इच्छा रखने वाला हर नागरिक कुशल और दक्ष हो.'

केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि वस्त्र क्षेत्र में काम करने वालों में 75 प्रतिशत महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना में भी 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं. उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों को महिलाओं के लिए जिलेवार सिलाई अवसर पर गौर करने का सुझाव दिया है.

वस्त्र सचिव रवि कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी काफी कम है और वस्त्र क्षेत्र में रोजगार सृजित करने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि वस्त्र उद्योग में 16 लाख कुशल कामगारों की कमी है.

समर्थ योजना के तहत अगले तीन साल में 10 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है.

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समर्थ योजना: 4 लाख लोगों को निपुण बनाएगा वस्त्र मंत्रालाय



वस्त्र मंत्रालय ने 18 राज्यों में 'समर्थ' योजना की शुरूआत की है.वस्त्र मंत्रालय ने 16 राज्य सरकारों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस योजना के तहत लोगों को वस्त्र से जुड़े क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर... 



नई दिल्लीः 'समर्थ' योजना के तहत 18 राज्यों के करीब चार लाख लोगों को नए हुनर सिखाए जाएंगे. इस योजना का उद्देश्य व्यक्तियों को वस्त्र उद्योग क्षेत्र से जुड़े कामों में दक्ष बनाना और क्षमता का निर्माण करना है. योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. 

बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान वस्त्र मंत्रालय ने 16 राज्य सरकारों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान , केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद रहीं. 

इस योजना के तहत 18 राज्यों ने मंत्रालय के साथ साझेदारी करने की सहमति जताई है. हालांकि, कार्यक्रम में जम्मू - कश्मीर और ओडिशा के प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे. 

स्मृति ईरानी ने कहा, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने यहां उपस्थित होकर तत्परता दिखाई है. भारत सरकार समेत सभी 18 राज्य ने एक छत के नीचे चार लाख लोगों को कुशल बनाने का संकल्प लिया है. मुझे लगता है कि देश के इतिहास में यह इस तरह का अब तक का पहला बड़ा कदम है.  

ये 18 राज्य अरुणाचल प्रदेश , जम्मू - कश्मीर , केरल , मिजोरम , तमिलनाडु , तेलंगाना , उत्तर प्रदेश , आंध्र प्रदेश , असम , मध्य प्रदेश , त्रिपुरा , कर्नाटक , ओडिशा , मणिपुर , हरियाणा , मेघालय , झारखंड और उत्तराखंड हैं. 

प्रशिक्षण के बाद सभी लाभार्थियों को वस्त्र क्षेत्र से जुड़े विभिन्न कामकाजों में नौकरियां दी जाएंगी. 

वस्त्र से जुड़े जिन क्षेत्रों में लोगों को कुशल बनाया जाएगा उनमें तैयार परिधान, बुने हुए कपड़े, धातु हस्तकला, हथकरघा, हस्तकला और कालीन शामिल हैं. 

स्मृति ईरानी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि नए भारत में हम यह सुनिश्चित करें कि अजीविका की इच्छा रखने वाला हर नागरिक कुशल और दक्ष हो.' 

केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि वस्त्र क्षेत्र में काम करने वालों में 75 प्रतिशत महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना में भी 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं. उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों को महिलाओं के लिए जिलेवार सिलाई अवसर पर गौर करने का सुझाव दिया है. 



वस्त्र सचिव रवि कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी काफी कम है और वस्त्र क्षेत्र में रोजगार सृजित करने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि वस्त्र उद्योग में 16 लाख कुशल कामगारों की कमी है. 

समर्थ योजना के तहत अगले तीन साल में 10 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. 

 


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 2:00 AM IST
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