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कश्मीरः धमकी भरे पोस्टर चिपका कर आतंकी सील कर रहे दुकानें

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटाए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में आम लोगों के लिए भय का माहौल बना हुआ है. दरअसल, आतंकियों द्वारा घाटी के दुकानदारों को धमकी दी जा रही है. आतंकी दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर लगाकर शटर बंद कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 19, 2019, 9:58 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 4:13 AM IST

श्रीनगरः कश्मीर घाटी में आतंकी निवासियों के बीच भय पैदा कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रशासन की अनदेखी करने की भी कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें आतंकी दुकानों में घुस कर और रात में दीवारों पर पोस्टर चिपकाकर या दुकानों के शटर टेप से बंद कर रहे हैं. इसके साथ ही मालिकों को धमकाने की कोशिश भी की जा रही है. यह जानकारी अधिकारियों से मिली है.

चुप्पी साधे बैठा प्रशासन
इन सबके बावजूद भी प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है और कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारियों ने माना कि हालात हाथ से निकल सकते हैं.

इलाके में फैली सनसनी
दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के मोदरीगाम गांव में सनसनी फैली हुई है. दरअसल दो दुकानों को टेप से चिपका कर सील करने और उन पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन की मुहर लगने की घटना सामने आई है. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी.

अधिकारियों ने कहा कि यह कोई दूर-दराज वाले एक गांव या एक आतंकवादी समूह तक सीमित नहीं है.

हिजबुल मुजाहिदीन का बना था निशान
श्रीनगर के सिविल लाइंस इलाके के करण नगर बाजार में दो दुकानों पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘एलडब्ल्यू्’ लिखा हुआ और हिज्बुल मुजाहिदीन का चिह्न बना हुआ था.

आतंकियों का LW
उन्होंने बताया कि पुलिस ने ‘एलडब्ल्यू’ का मतलब ‘लास्ट वार्निंग’ यानी आखिरी चेतावनी से लिया क्योंकि इन दोनों दुकान के मालिकों ने आतंकवादियों की बात नहीं मानी थी.

दहशत में दुकानदार
एक दुकानदार ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, हम दुकानें खोलना चाहते हैं लेकिन घर वापस जाएंगे तो हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा.

पढ़ेंः कश्मीर के हालात इस समय सबसे खराब : वाम नेता यूसुफ तारिगामी ने लगाया आरोप

उन्होंने कहा कि हमने पुलिस अधिकारियों से अकेले में भी बात की है लेकिन हमारी समस्याओं का कोई समाधान नजर नहीं आता.

घाटी पड़ी ठप
घाटी में यह एक साझा निषेध बन गया है. घाटी पांच अगस्त से एक प्रकार से पूरी तरह से ठप पड़ी है जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

जगह जगह लगे पोस्टर
मध्य कश्मीर के गांदरबल और श्रीनगर के व्यस्त क्षेत्र फतेह कदल में आतंकी समूह अल-बदर की तरफ से पोस्टर लगाए गए हैं. इस पोस्टर में पुलिसकर्मियों के परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए कहा गया है.

रात में लग रहे पोस्टर
कई पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टर रात में लगाए जा रहे हैं जब सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कम होती है.

अंग्रेजी में लगाए पोस्टर
श्रीनगर के बेमिना बाजार में मूसा बाबा समूह की ओर से अंग्रेजी में पोस्टर चस्पा किए गए हैं, जिसमें दुकानदारों से जरूरी सामना सुबह साढ़े आठ बजे तक ही बेचने को कहा गया है.

गंभीरता से ले रहे लोग
अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इस तरह के पोस्टर प्रशासन को चुनौती देने के लिए लगाए गए हैं. कई लोग इन्हें गंभीरता से ले रहे हैं और घर के भीतर रहना ही पसंद कर रहे हैं.

पुलिस महानिदेशक का बयान
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पत्रकारों से कहा था, हम लोगों के साथ हैं और वे हमारे साथ हैं. हम उनको नुकसान पहुंचाने नहीं देंगे. जो धमकी दे रहे हैं हम उनसे निपटेंगे और आतंकवादियों को मार गिराएंगे.

आतंकियों की हुई पहचान
उन्होंने कहा कि बागान मालिकों और दुकानदारों को धमकी और मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक कार को आग लगाने एवं चालक को पीटने में शामिल दोनों आतंकियों की पहचान कर ली गई है. इनकी पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी सज्जाद और मुजफ्फर के तौर पर की गई है. जल्द ही उनकी खबर ली जाएगी.

श्रीनगरः कश्मीर घाटी में आतंकी निवासियों के बीच भय पैदा कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रशासन की अनदेखी करने की भी कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें आतंकी दुकानों में घुस कर और रात में दीवारों पर पोस्टर चिपकाकर या दुकानों के शटर टेप से बंद कर रहे हैं. इसके साथ ही मालिकों को धमकाने की कोशिश भी की जा रही है. यह जानकारी अधिकारियों से मिली है.

चुप्पी साधे बैठा प्रशासन
इन सबके बावजूद भी प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है और कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारियों ने माना कि हालात हाथ से निकल सकते हैं.

इलाके में फैली सनसनी
दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के मोदरीगाम गांव में सनसनी फैली हुई है. दरअसल दो दुकानों को टेप से चिपका कर सील करने और उन पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन की मुहर लगने की घटना सामने आई है. इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी.

अधिकारियों ने कहा कि यह कोई दूर-दराज वाले एक गांव या एक आतंकवादी समूह तक सीमित नहीं है.

हिजबुल मुजाहिदीन का बना था निशान
श्रीनगर के सिविल लाइंस इलाके के करण नगर बाजार में दो दुकानों पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘एलडब्ल्यू्’ लिखा हुआ और हिज्बुल मुजाहिदीन का चिह्न बना हुआ था.

आतंकियों का LW
उन्होंने बताया कि पुलिस ने ‘एलडब्ल्यू’ का मतलब ‘लास्ट वार्निंग’ यानी आखिरी चेतावनी से लिया क्योंकि इन दोनों दुकान के मालिकों ने आतंकवादियों की बात नहीं मानी थी.

दहशत में दुकानदार
एक दुकानदार ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, हम दुकानें खोलना चाहते हैं लेकिन घर वापस जाएंगे तो हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा.

पढ़ेंः कश्मीर के हालात इस समय सबसे खराब : वाम नेता यूसुफ तारिगामी ने लगाया आरोप

उन्होंने कहा कि हमने पुलिस अधिकारियों से अकेले में भी बात की है लेकिन हमारी समस्याओं का कोई समाधान नजर नहीं आता.

घाटी पड़ी ठप
घाटी में यह एक साझा निषेध बन गया है. घाटी पांच अगस्त से एक प्रकार से पूरी तरह से ठप पड़ी है जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

जगह जगह लगे पोस्टर
मध्य कश्मीर के गांदरबल और श्रीनगर के व्यस्त क्षेत्र फतेह कदल में आतंकी समूह अल-बदर की तरफ से पोस्टर लगाए गए हैं. इस पोस्टर में पुलिसकर्मियों के परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए कहा गया है.

रात में लग रहे पोस्टर
कई पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टर रात में लगाए जा रहे हैं जब सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कम होती है.

अंग्रेजी में लगाए पोस्टर
श्रीनगर के बेमिना बाजार में मूसा बाबा समूह की ओर से अंग्रेजी में पोस्टर चस्पा किए गए हैं, जिसमें दुकानदारों से जरूरी सामना सुबह साढ़े आठ बजे तक ही बेचने को कहा गया है.

गंभीरता से ले रहे लोग
अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इस तरह के पोस्टर प्रशासन को चुनौती देने के लिए लगाए गए हैं. कई लोग इन्हें गंभीरता से ले रहे हैं और घर के भीतर रहना ही पसंद कर रहे हैं.

पुलिस महानिदेशक का बयान
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पत्रकारों से कहा था, हम लोगों के साथ हैं और वे हमारे साथ हैं. हम उनको नुकसान पहुंचाने नहीं देंगे. जो धमकी दे रहे हैं हम उनसे निपटेंगे और आतंकवादियों को मार गिराएंगे.

आतंकियों की हुई पहचान
उन्होंने कहा कि बागान मालिकों और दुकानदारों को धमकी और मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक कार को आग लगाने एवं चालक को पीटने में शामिल दोनों आतंकियों की पहचान कर ली गई है. इनकी पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी सज्जाद और मुजफ्फर के तौर पर की गई है. जल्द ही उनकी खबर ली जाएगी.

ZCZC
PRI GEN NAT
.SRINAGAR DEL37
JK-2ND LD POSTERS
Terror groups sealing shops, pasting threatening posters a regular feature in Kashmir

By Sumir Kaul
(Eds: Adding quotes )
         Srinagar, Sep 18 (PTI) Armed militants are trying to spread fear among residents and defy the administration by forcibly shutting shops, sometimes by walking into the premises and intimidating owners, through threats made in posters that appear on walls overnight or by sealing shutters with tape, officials here say.
         Jammu and Kashmir Police has officially kept mum with no one willing to come on record, but officials said on condition of anonymity that the situation could be slipping out of their hands.
         The incidents of terrorists sealing shops and posters, both handwritten and typed, being pasted in markets, mosques and other areas with do and don't diktats from different terror groups, have become a regular feature in Kashmir Valley, they said.
         There have also been instances of armed militants walking into shops to warn owners to keep shutters down and barging into Jammu and Kashmir Bank branches in south Kashmir to ask employees to stay away from work, they said.
Two shops in Modrigam village in south Kashmir's Kulgam district were recently sealed by adhesive tapes with a seal of the banned terror outfit Hizbul Mujahideen, sending shock waves in the area.
          And it is not just about a far-flung village or one terror group, officials said.
          In Karan Nagar market in Srinagar's Civil Lines area, the words 'LW' were emblazoned on two shops followed by an insignia of the Hizbul Mujahideen.
Police deciphered 'LW' to mean 'last warning' as the two shops had defied the militants, officials said.
         "We want to open markets but who will guarantee our security when we return home. We have held talks with senior police officials privately but no solution to our problems is forthcoming," said a shopkeeper who did not want to be identified.
          It's a common refrain in the Valley, which has been under virtual lockdown since August 5, when the Centre announced the revocation of Jammu and Kashmir's special status and the bifurcation of the state into the union territories of Jammu and Kashmir, and Ladakh.
          Normal life remains hit with a communications clampdown, markets and other business establishments closed, and public transport largely off the roads.
          "We do not understand why police is ineffective and not acting against those creating mischief," said another shopkeeper.
          In Ganderbal in central Kashmir and in Srinagar's downtown Fathekadal area, posters came up on behalf of the terror outfit Al Badar asking them to socially boycott the families of the policemen.
Several police officials said the posters were pasted at night when security deployment was low.
In another instance, a poster in English from the Musa Baba group was pasted on the wall of a shop at Srinagar's Bemina Bazar asking shopkeepers to sell essential commodities till 8.30 am.
          Officials admitted that such posters were dictating the defiance against the administration. Many people were taking them seriously and preferring to remain indoors, they said.
         "We are with the people and they are with us. We will not allow any harm to come to them. Those who are threatening them will be taken care of and the terrorists will be neutralised," Jammu and Kashmir Director General of Police Dilbag Singh told reporters in Jammu on Tuesday.
          On terrorists threatening orchardists, shopkeepers and setting a car ablaze in north Kashmir's Baramulla district on Tuesday, the top cop said, "Two militants, who burnt down a car after beating its driver in Sopore yesterday, have been identified as Sajjad and Muzaffar of the Lashker-e-Taiba (LeT). We will take care of them very soon."
          On Tuesday, militants intercepted a car driven by a civilian in Sopore town of Baramulla district, an Army official said. The man was thrashed and his car was set ablaze, the official added. PTI SKL

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Last Updated : Oct 1, 2019, 4:13 AM IST
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