भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया में टकराव अब खुलकर सामने आते दिख रहा है. सिंधिया को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज दो टूक का जवाब देते हुए कहा, 'तो उतर जाएं.'
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को वादे पूरे नहीं करने पर अपनी ही सरकार के खिलाफ 'सड़क पर उतरने' का एलान किया था.
इस मसले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि वादा पत्र पाच वर्ष के लिए है हमने कई वादे पूरे किए हैं और अन्य वादों को पूरा करने का काम चल रहा है. सिंधिया जी किसी के खिलाफ नहीं हैं, कांग्रेस पार्टी कमलनाथ जी के नेतृत्व में एक साथ है.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के लोगों से किए वादों को पूरा करने में पार्टी गंभीरता न दिखाने पर सवाल खड़े किए थें, जिससे नाराज होकर कमलनाथ ने ना केवल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की बल्कि शनिवार को समन्वय समिति की बैठक भी बुलाई.
हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से किसी भी तरह की जवाबदेही तय नहीं की जा रही है. पार्टी के कई नेता इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से कतरा रहे हैं.
ईटीवी भारत ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी से इस पूरे मुद्दे पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हो रहा है उसमें किसी भी तरह का मतभेद नहीं है. हर व्यक्ति की अपनी विचारधारा होती है.
इस बात का भी दावा किया कि कांग्रेस जनता से जो भी वादे करती है उसको पूरा जरूर करती है.
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सिंधिया बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए
बता दें कि सिंधिया ने मध्य प्रदेश के शिक्षकों के समर्थन में अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरने तक का भी ऐलान कर दिया था, जिसके बाद कमलनाथ ने सिंधिया पर निशाना साधा. समन्वय समिति की बैठक में कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार के तमाम बड़े नेताओं को भी बुलाया था, जिनसे इस पूरे मुद्दे पर चर्चा की गई. इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, दीपक बाबरिया, मीनाक्षी नटराजन और जीतू पटवारी भी शामिल हुए.
हालांकि कमलनाथ और सिंधिया के बीच के मतभेद का खुलासा तब हुआ, जब सिंधिया इस बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए. तो वहीं इस बैठक के बाद जो कमलनाथ से इस पूरे मुद्दे पर सवाल पूछते हुए कहा कि सिंधिया सरकार के विरोध में सड़कों पर उतरने का ऐलान कर चुके हैं तो इसका जवाब कमलनाथ ने दिया, 'तो उतर जायें.
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान सिंधिया के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की. सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को बताया है कि सरकार घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने के लिए कितनी सक्षम है, जिसके बाद सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का वचन पत्र पांच साल के लिए होता है, पांच महीने के लिए नहीं.