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कोविड महामारी में यहां ऑनलाइन क्लास का विकल्प बना यह सिस्टम - कोरोना के दौरान क्लॉस

लॉकडाउन के कारण देश में सभी स्कूल बंद हैं. कोरोना के डर ने बच्चों से स्कूल को दूर कर दिया है. सरकार द्वारा लाया गया ऑनलाइन विकल्प भी ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ. जिसे देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक प्रणाली का विकास किया, जिसके तहत स्कूली छात्रों को खुली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ाया जा रहा है. इस प्रणाली को किराएदार शिक्षा प्रणाली (टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम) नाम दिया गया है. आइए जानते हैं क्या है यह प्रणाली...

Tenement Schooling
टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम
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Published : Aug 18, 2020, 8:04 PM IST

बीदर : देश में कोरोना वायरस के कारण पिछले पांच महीनों से स्कूल बंद हैं. जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था ठप हो गई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्र और शिक्षकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसे दूर करने के लिए कर्नाटक सरकार को सफलता मिली है. इससे निजात पाने के लिए राज्य सरकार ने वैकल्पिक माध्यम खोज निकाला है. राज्य में बच्चों को कोविड-19 महामारी से बचाते हुए किराएदार शिक्षा प्रणाली (टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम) अपनाई जा रही है.

कर्नाटक के बीदर जिले में बच्चों के कल्याण और उनके अध्ययन के लिए किराएदार शिक्षा प्रणाली (टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम) अपनाई जा रही है. जिले के कई हिस्सों में शिक्षक बच्चों को महामारी से बचाते हुए किराएदार शिक्षा प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं.

कोरोना कहर के कारण शुरू टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम

जानिए क्या होता है टेनेमेंट स्कूलिंग
टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम में बच्चों को खुले स्थान पर डिस्टेंस मेंटेन कर पढ़ाया जाता है. इसके लिए सरकारी स्कूलों, घरों, मंदिरों, मस्जिदों और अन्य उपलब्ध स्थानों पर पुस्तकालयों का उपयोग करके क्लॉसेस ली जाती है.

इस दौरान छात्रों को सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना, मास्क लगाना, सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य है. इसमें एक शिक्षक को केवल 25 छात्रों को पढ़ाने की अनुमति है. इसका उद्देश्य बच्चों को सीखना है. जिले के बीदर में शिक्षकों के प्रयासों से अब तक 1,13,000 से अधिक छात्रों को फायदा मिला है.

किराएदार स्कूल (टेनेमेंट स्कूलिंग) शुरू करने से छात्रों के परिजनों को महामारी के संक्रमण फैलने की चिंता सता रही थी. जिसके कारण इस स्कूल में उन्होंने अपने बच्चों को भेजने से मना कर दिया था, लेकिन सभी एहतियात देखने के बाद अब बच्चे इन क्लॉस में पढ़ाई कर रहे हैं.

पढ़ें - तेलंगाना : 17 अगस्त से शुरू होंगी 11वीं और 12वीं की ऑनलाइन कक्षाएं

इस प्रणाली के अपने कुछ नुकसान भी हैं. शिक्षकों के अनुसार इस सिस्टम में बच्चों को खुले स्थान पर पढ़ाया जाता है, लेकिन बारिश के दौरान पानी गिरने के कारण यहां बच्चों की क्लॉस नहीं ली जा सकती है. वहीं 10वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि उन्हें यह सिस्टम ऑनलाइन क्लॉस से ज्यादा पसंद आया. उन्हें यह प्रणाली काफी लुभा रही है.

बीदर जिले में कुल 1.68 लाख छात्रों में से 1,13,000 छात्र किराएदार शिक्षा का फायदा उठा रहे हैं. वहीं जिले के 7013 शिक्षक किराए वाले स्कूल में पढ़ा रहे हैं. कोविड-19 के दौरान यह प्रणाली छात्रों को शिक्षित करने के लिए कारगर साबित हो रही है.

बीदर : देश में कोरोना वायरस के कारण पिछले पांच महीनों से स्कूल बंद हैं. जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था ठप हो गई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्र और शिक्षकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसे दूर करने के लिए कर्नाटक सरकार को सफलता मिली है. इससे निजात पाने के लिए राज्य सरकार ने वैकल्पिक माध्यम खोज निकाला है. राज्य में बच्चों को कोविड-19 महामारी से बचाते हुए किराएदार शिक्षा प्रणाली (टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम) अपनाई जा रही है.

कर्नाटक के बीदर जिले में बच्चों के कल्याण और उनके अध्ययन के लिए किराएदार शिक्षा प्रणाली (टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम) अपनाई जा रही है. जिले के कई हिस्सों में शिक्षक बच्चों को महामारी से बचाते हुए किराएदार शिक्षा प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं.

कोरोना कहर के कारण शुरू टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम

जानिए क्या होता है टेनेमेंट स्कूलिंग
टेनेमेंट स्कूलिंग सिस्टम में बच्चों को खुले स्थान पर डिस्टेंस मेंटेन कर पढ़ाया जाता है. इसके लिए सरकारी स्कूलों, घरों, मंदिरों, मस्जिदों और अन्य उपलब्ध स्थानों पर पुस्तकालयों का उपयोग करके क्लॉसेस ली जाती है.

इस दौरान छात्रों को सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना, मास्क लगाना, सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य है. इसमें एक शिक्षक को केवल 25 छात्रों को पढ़ाने की अनुमति है. इसका उद्देश्य बच्चों को सीखना है. जिले के बीदर में शिक्षकों के प्रयासों से अब तक 1,13,000 से अधिक छात्रों को फायदा मिला है.

किराएदार स्कूल (टेनेमेंट स्कूलिंग) शुरू करने से छात्रों के परिजनों को महामारी के संक्रमण फैलने की चिंता सता रही थी. जिसके कारण इस स्कूल में उन्होंने अपने बच्चों को भेजने से मना कर दिया था, लेकिन सभी एहतियात देखने के बाद अब बच्चे इन क्लॉस में पढ़ाई कर रहे हैं.

पढ़ें - तेलंगाना : 17 अगस्त से शुरू होंगी 11वीं और 12वीं की ऑनलाइन कक्षाएं

इस प्रणाली के अपने कुछ नुकसान भी हैं. शिक्षकों के अनुसार इस सिस्टम में बच्चों को खुले स्थान पर पढ़ाया जाता है, लेकिन बारिश के दौरान पानी गिरने के कारण यहां बच्चों की क्लॉस नहीं ली जा सकती है. वहीं 10वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि उन्हें यह सिस्टम ऑनलाइन क्लॉस से ज्यादा पसंद आया. उन्हें यह प्रणाली काफी लुभा रही है.

बीदर जिले में कुल 1.68 लाख छात्रों में से 1,13,000 छात्र किराएदार शिक्षा का फायदा उठा रहे हैं. वहीं जिले के 7013 शिक्षक किराए वाले स्कूल में पढ़ा रहे हैं. कोविड-19 के दौरान यह प्रणाली छात्रों को शिक्षित करने के लिए कारगर साबित हो रही है.

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