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उत्तराखंड : पूर्णानंद घाट पर हुआ कमलेश का अंतिम संस्कार

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Published : Apr 27, 2020, 12:19 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 12:25 PM IST

टिहरी निवासी कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर संपन्न हुआ. देर रात कमलेश का शव अबु धाबी से दिल्ली लाया गया था.

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कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार करते लोग

ऋषिकेश : टिहरी के रहने वाले कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार सोमवार को पूर्वाह्न ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर संपन्न हुआ. देर रात कमलेश का शव अबु धाबी से दिल्ली लाया गया था, जहां से एम्बुलेंस के जरिए ऋषिकेश लाया गया.

लॉकडाउन को देखते हुए कमलेश के अंतिम संस्कार में प्रशासन ने आठ लोगों के ही शामिल होने की अनुमति दी गई थी. अंतिम संस्कार के दौरान कमलेश के पिता, भाई के अलावा और छह लोग मौजूद रहे.

कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार और परिजन का बयान

पढ़ें- गीली आंखें...रुंधे गले...जोड़े हाथ...कमलेश के परिवार को अब जाकर मिला केंद्र और राज्य सरकार का साथ

बता दें सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को दुबई में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तब से कमलेश भट्ट के परिजन शव को भारत लाने की मांग कर रहे थे.

कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार के लिए ले जाते हुए

कब क्या-क्या रहा घटनाक्रम

  • 16 अप्रैल को सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव के रहने वाले कमलेश भट्ट की अबु धाबी में हार्ट अटैक से मौत हुई
  • परिवारवालों की कोशिशों के बाद कुछ प्रवासी उत्तराखंडियों की मदद से बीती गुरुवार (23 अप्रैल) रात को कमलेश का शव अबु धाबी से भारत भेजा गया.
  • कमलेश भट्ट के परिजन दिल्ली पहुंचते, किन्हीं कारणों से अधिकारियों ने शव को वापस भेज दिया,
  • जिसके बाद कमलेश के लाचार परिजन 24 अप्रैल सुबह 5 बजे निराश होकर घर वापस लौट आए थे
  • ईटीवी भारत ने इस परिवार की पीड़ा को समझते हुए इस खबर को प्रमुखता से उठाया.
  • हमने मामले को लेकर सबसे पहले सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से बात की.
  • जिसके बाद हमने इस मामले को जिला प्रशासन के संज्ञान में लाने का प्रयास करते हुये टिहरी जिलाधिकारी वी. षणमुगम को मामले से अवगत करवाया.
  • प्रशासन मामले में कोई एक्शन लेता तबतक हमारे ब्यूरो हेड किरनकांत शर्मा ने दुबई में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी और सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश पंत और रोशन रतूड़ी से बात की.
  • जिन्होंने हमें मामले की पूरी जानकारी और मदद का भरोसा देते हुए अबु धाबी स्थित इंडियन एंबेसी के पासपोर्ट विभाग में कार्यरत काउंसलेट के. सुरेश से बात करने को कहा
  • ब्यूरो हेड किरनकांत शर्मा से बातचीत में काउंसलेट के. सुरेश ने बताया कि जितने भी शव थे उनको भारत भेजा गया था लेकिन पेपरवर्क में कमी होने के चलते उन्हें रिसीव नहीं किया गया था.
  • दोबारा अबु धाबी स्थित इंडियन एंबेसी भारत सरकार से संपर्क किया गया.
  • फ्री अप्रूवल के लिए पत्र भेजा गया, बाद में एनओसी मिलते ही शव को वापस लाने की प्रक्रया तेज हुई
  • देर रात कमलेश का शव भारत पहुंचा

पढ़ें- टिहरी DM ने राज्य सरकार को लिखा पत्र, कमलेश का शव जल्द वापस लाने की मांग

पढ़ें- मिन्नतों के बाद दुबई से लाया गया उत्तराखंड के बेटे का शव, हाय री किस्मत...फिर वापस भेजा गया

प्रवासी उत्तराखंडियों रोशन रतूड़ी और गिरीश पंत और सरकार के सहयोग से देर रात कमलेश का शव दिल्ली पहुंचा. जिसके बाद रात को कमलेश के शव को ऋषिकेश लाया गया, जहां आज कमलेश का अंतिम संस्कार किया जाना है.

ऋषिकेश : टिहरी के रहने वाले कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार सोमवार को पूर्वाह्न ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर संपन्न हुआ. देर रात कमलेश का शव अबु धाबी से दिल्ली लाया गया था, जहां से एम्बुलेंस के जरिए ऋषिकेश लाया गया.

लॉकडाउन को देखते हुए कमलेश के अंतिम संस्कार में प्रशासन ने आठ लोगों के ही शामिल होने की अनुमति दी गई थी. अंतिम संस्कार के दौरान कमलेश के पिता, भाई के अलावा और छह लोग मौजूद रहे.

कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार और परिजन का बयान

पढ़ें- गीली आंखें...रुंधे गले...जोड़े हाथ...कमलेश के परिवार को अब जाकर मिला केंद्र और राज्य सरकार का साथ

बता दें सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को दुबई में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तब से कमलेश भट्ट के परिजन शव को भारत लाने की मांग कर रहे थे.

कमलेश भट्ट का अंतिम संस्कार के लिए ले जाते हुए

कब क्या-क्या रहा घटनाक्रम

  • 16 अप्रैल को सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव के रहने वाले कमलेश भट्ट की अबु धाबी में हार्ट अटैक से मौत हुई
  • परिवारवालों की कोशिशों के बाद कुछ प्रवासी उत्तराखंडियों की मदद से बीती गुरुवार (23 अप्रैल) रात को कमलेश का शव अबु धाबी से भारत भेजा गया.
  • कमलेश भट्ट के परिजन दिल्ली पहुंचते, किन्हीं कारणों से अधिकारियों ने शव को वापस भेज दिया,
  • जिसके बाद कमलेश के लाचार परिजन 24 अप्रैल सुबह 5 बजे निराश होकर घर वापस लौट आए थे
  • ईटीवी भारत ने इस परिवार की पीड़ा को समझते हुए इस खबर को प्रमुखता से उठाया.
  • हमने मामले को लेकर सबसे पहले सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से बात की.
  • जिसके बाद हमने इस मामले को जिला प्रशासन के संज्ञान में लाने का प्रयास करते हुये टिहरी जिलाधिकारी वी. षणमुगम को मामले से अवगत करवाया.
  • प्रशासन मामले में कोई एक्शन लेता तबतक हमारे ब्यूरो हेड किरनकांत शर्मा ने दुबई में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी और सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश पंत और रोशन रतूड़ी से बात की.
  • जिन्होंने हमें मामले की पूरी जानकारी और मदद का भरोसा देते हुए अबु धाबी स्थित इंडियन एंबेसी के पासपोर्ट विभाग में कार्यरत काउंसलेट के. सुरेश से बात करने को कहा
  • ब्यूरो हेड किरनकांत शर्मा से बातचीत में काउंसलेट के. सुरेश ने बताया कि जितने भी शव थे उनको भारत भेजा गया था लेकिन पेपरवर्क में कमी होने के चलते उन्हें रिसीव नहीं किया गया था.
  • दोबारा अबु धाबी स्थित इंडियन एंबेसी भारत सरकार से संपर्क किया गया.
  • फ्री अप्रूवल के लिए पत्र भेजा गया, बाद में एनओसी मिलते ही शव को वापस लाने की प्रक्रया तेज हुई
  • देर रात कमलेश का शव भारत पहुंचा

पढ़ें- टिहरी DM ने राज्य सरकार को लिखा पत्र, कमलेश का शव जल्द वापस लाने की मांग

पढ़ें- मिन्नतों के बाद दुबई से लाया गया उत्तराखंड के बेटे का शव, हाय री किस्मत...फिर वापस भेजा गया

प्रवासी उत्तराखंडियों रोशन रतूड़ी और गिरीश पंत और सरकार के सहयोग से देर रात कमलेश का शव दिल्ली पहुंचा. जिसके बाद रात को कमलेश के शव को ऋषिकेश लाया गया, जहां आज कमलेश का अंतिम संस्कार किया जाना है.

Last Updated : Apr 27, 2020, 12:25 PM IST
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