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जम्मू-कश्मीर : यासीन मलिक समेत सात के खिलाफ आरोप तय, 30 मार्च को सुनवाई

तीस साल पहले श्रीनगर में वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना और तीन जवानों की हत्या मामले में जम्मू की टाडा कोर्ट ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और अन्य छह के खिलाफ आरोप तय किए थे. इस मामले में अगली सुनवाई तीस मार्च को होगी. पढ़ें क्या है पूरा मामला...

Yasin Malik
यासीन मलिक
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Published : Mar 16, 2020, 6:36 PM IST

श्रीनगर : तीस साल पहले श्रीनगर में वायुसेना के अधिकारी और अन्य तीन की हत्या मामले में जम्मू की टाडा कोर्ट में 30 मार्च को सुनवाई होगी. इससे पहले टाडा कोर्ट (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम अदालत) ने 1990 में वायुसेना अधिकारी और अन्य तीन की हत्या मामले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे.

कोर्ट ने कहा था कि यासीन मलिक और अन्य सभी आरोपी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत वायुसेना के तीन जवानों की हत्या में शामिल थे. इसके पर्याप्त सबूत मिले हैं. कोर्ट ने सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302, 307, टाडा एक्ट 1987 और आर्म्स एक्ट 1959 समेत अन्य धाराओं में आरोप तय करने के आदेश दिए थे.

श्रीनगर शहर के बहारी इलाके में 25 जनवरी, 1990 को चार भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा 1989 में केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का अपहरण कर लिया गया था. जम्मू की टाडा अदालत में इन दोनों ही मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने 1990 के अगस्त और सितंबर महीने में मलिक के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की थी.

जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 1995 में मलिक के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी, क्योंकि श्रीनगर में कोई टाडा अदालत नहीं थी.

पुलवामा हमला : एनआईए कोर्ट ने आरोपियों को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

मलिक को पिछले वर्ष चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. उस पर कश्मीर में 2010 में अलगाववादी आंदोलन में शामिल होने और 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद अशांति फैलाने के आरोप हैं.

श्रीनगर : तीस साल पहले श्रीनगर में वायुसेना के अधिकारी और अन्य तीन की हत्या मामले में जम्मू की टाडा कोर्ट में 30 मार्च को सुनवाई होगी. इससे पहले टाडा कोर्ट (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम अदालत) ने 1990 में वायुसेना अधिकारी और अन्य तीन की हत्या मामले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे.

कोर्ट ने कहा था कि यासीन मलिक और अन्य सभी आरोपी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत वायुसेना के तीन जवानों की हत्या में शामिल थे. इसके पर्याप्त सबूत मिले हैं. कोर्ट ने सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302, 307, टाडा एक्ट 1987 और आर्म्स एक्ट 1959 समेत अन्य धाराओं में आरोप तय करने के आदेश दिए थे.

श्रीनगर शहर के बहारी इलाके में 25 जनवरी, 1990 को चार भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा 1989 में केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का अपहरण कर लिया गया था. जम्मू की टाडा अदालत में इन दोनों ही मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने 1990 के अगस्त और सितंबर महीने में मलिक के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की थी.

जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 1995 में मलिक के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी, क्योंकि श्रीनगर में कोई टाडा अदालत नहीं थी.

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मलिक को पिछले वर्ष चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. उस पर कश्मीर में 2010 में अलगाववादी आंदोलन में शामिल होने और 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद अशांति फैलाने के आरोप हैं.

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