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नंदीग्राम में दीदी 62 हजार वोट के बल पर लड़ेंगी चुनाव, हमारे पास 2.13 लाख लोग : शुभेंदु

बंगाल चुनाव को लेकर खूब बयानबाजी हो रही है. नंदीग्राम को लेकर शुभेंदु और ममता बनर्जी का बयान जारी है. इसी बीच शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी 62000 वोटर के बल पर चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मेरे पास 2.13 लाख लोग हैं जो 'जय श्री राम' का जाप करते हैं.

शुभेंदू अधिकारी
शुभेंदू अधिकारी
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Published : Jan 20, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 5:10 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हैं. राजनीतिक सरगर्मियों के बीच बयानबाजी भी खूब हो रही है. ताजा घटनाक्रम में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेता हूं.

हुगली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी 62000 वोटर के बल पर चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मेरे पास 2.13 लाख लोग हैं जो 'जय श्री राम' का जाप करते हैं.

दरअसल, इससे पहले टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने कहा कि जय श्री राम नहीं चलेगा. विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम के लोग इस तरह के नारे लगाने वालों को करारा जवाब देंगे.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान किया है. ममता बनर्जी के इस एलान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. क्योंकि नंदीग्राम को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है.

ममता को 50000 हजार वोटों से हराऊंगा

इससे पहले अधिकारी ने कहा था कि यदि मुझे मेरी पार्टी नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतारती है, तो मैं उनको कम से कम 50000 वोटों के अंतर से हराऊंगा. अन्यथा मैं राजनीति छोड़ दूंगा. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को जहां बनर्जी और उनके भतीजे 'तानाशाही' तरीके से चलाते हैं, वहीं भाजपा में उम्मीदवार चर्चा के बाद तय किए जाते हैं और मेरी उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी को करना है.

बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिलीं. 45.6 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस को 44 और सीपीएम को 26 सीटें मिलीं. भाजपा को 10.3 फीसदी वोट मिले. ममता ने तब भाजपा को नोटिस नहीं किया. वह लेफ्ट और कांग्रेस पर बरसती रहीं.

पंचायत चुनाव 2018 में भाजपा ने 18 फीसदी वोट हासिल कर किया. वह दूसरे स्थान पर रही. झारग्राम, बांकुरा और पुरुलिया के जनजातीय इलाकों में भाजपा ने ठीक-ठाक पैठ बनाई. ये इलाके झारखंड से लगे हुए हैं. उसके बाद 2019 में तो टीएमसी की नींद उड़ा दी. निश्चित तौर पर इस बार का विधानसभा चुनाव बहुत ही रुचिकर होने जा रहा है. भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

यह भी पढ़ें- ममता को एक और झटका, अरिंदम भट्टाचार्य भाजपा में होंगे शामिल

2013 के बंगाल चुनावों में भाजपा आज की तुलना में एक कमजोर पार्टी थी, लेकिन आज हालात बदल गए हैं. भाजपा ने 2019 में 18 सीटें जीती थीं, जिससे भाजपा ने बंगाल में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाई. बंगाल विधानसभा चुनाव में शिवसेना भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने का फैसला लिया है.

गौरतलब है कि ममता सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म होने जा रहा है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हैं. राजनीतिक सरगर्मियों के बीच बयानबाजी भी खूब हो रही है. ताजा घटनाक्रम में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेता हूं.

हुगली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी 62000 वोटर के बल पर चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मेरे पास 2.13 लाख लोग हैं जो 'जय श्री राम' का जाप करते हैं.

दरअसल, इससे पहले टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने कहा कि जय श्री राम नहीं चलेगा. विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम के लोग इस तरह के नारे लगाने वालों को करारा जवाब देंगे.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान किया है. ममता बनर्जी के इस एलान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. क्योंकि नंदीग्राम को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है.

ममता को 50000 हजार वोटों से हराऊंगा

इससे पहले अधिकारी ने कहा था कि यदि मुझे मेरी पार्टी नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतारती है, तो मैं उनको कम से कम 50000 वोटों के अंतर से हराऊंगा. अन्यथा मैं राजनीति छोड़ दूंगा. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को जहां बनर्जी और उनके भतीजे 'तानाशाही' तरीके से चलाते हैं, वहीं भाजपा में उम्मीदवार चर्चा के बाद तय किए जाते हैं और मेरी उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी को करना है.

बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिलीं. 45.6 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस को 44 और सीपीएम को 26 सीटें मिलीं. भाजपा को 10.3 फीसदी वोट मिले. ममता ने तब भाजपा को नोटिस नहीं किया. वह लेफ्ट और कांग्रेस पर बरसती रहीं.

पंचायत चुनाव 2018 में भाजपा ने 18 फीसदी वोट हासिल कर किया. वह दूसरे स्थान पर रही. झारग्राम, बांकुरा और पुरुलिया के जनजातीय इलाकों में भाजपा ने ठीक-ठाक पैठ बनाई. ये इलाके झारखंड से लगे हुए हैं. उसके बाद 2019 में तो टीएमसी की नींद उड़ा दी. निश्चित तौर पर इस बार का विधानसभा चुनाव बहुत ही रुचिकर होने जा रहा है. भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

यह भी पढ़ें- ममता को एक और झटका, अरिंदम भट्टाचार्य भाजपा में होंगे शामिल

2013 के बंगाल चुनावों में भाजपा आज की तुलना में एक कमजोर पार्टी थी, लेकिन आज हालात बदल गए हैं. भाजपा ने 2019 में 18 सीटें जीती थीं, जिससे भाजपा ने बंगाल में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाई. बंगाल विधानसभा चुनाव में शिवसेना भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने का फैसला लिया है.

गौरतलब है कि ममता सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म होने जा रहा है.

Last Updated : Jan 20, 2021, 5:10 PM IST
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