नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन भरने में मुश्किल से पांच दिन शेष रह गए हैं. इस सीट से बीजेपी की तरफ पीएम मोदी तो कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी का नाम बतौर उम्मीदवार सामने आ रहा है. प्रियंका गांधी के नाम को लेकर अभी भी एक सस्पेंस बरकरार है. इसी को लेकर राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ राजीव शर्मा ने ईटीवी भारत के साथ अपनी राय साझा की.
इस सीट को लेकर जब ईटीवी भारत ने राजनीतिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ राजीव शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा, '26 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी अपना नामांकन दर्ज करने जा रहे हैं, फिर यह पूरी तरह साफ हो जाएगा कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे. जबकि राहुल गांधी ने इस बात को लेकर पहले सस्पेंस रखा था कि कांग्रेस का कौन प्रत्याशी यहां से चुनाव लड़ेगा. हालांकि, बाद में उन्हों ये भी कहा कि प्रियंका का वाराणसी से बतौर उम्मीदवार खड़ा होना पहले से तय था.'
शर्मा ने कहा, 'वे (कांग्रेस) प्रधानमंत्री के नामांकन दाखिल करने का इंतजार कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है अगर प्रियंका ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में प्रतिनिधित्व किया है, तो लड़ाई भाजपा बनाम विपक्ष हो सकती है.'
बतौर राजीव शर्मा वाराणसी की स्थिति नई दिल्ली के कांग्रेस-आप गठबंधन की तरह है.
उन्होंने कहा, 'अगर राहुल की जगह सोनिया गांधी होतीं, तो हम कह सकते थे कि प्रियंका वाराणसी से किसी हाई प्रोफाइल उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगी. लेकिन कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी हैं, इसलिये हमें अंतिम क्षण तक इंतजार करना होगा.'
वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) ने शालिनी यादव को वाराणसी लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया है. शालिनी कांग्रेस के पूर्व नेता और केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय श्याम लाल यादव की बहू हैं.
साल, 2014 के लोकसभा चुनाव में, पीएम मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के अपने प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल से 3.77 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की. मोदी को उस समय 5.5 लाख वोट मिले थे.
गौरतलब है कि, वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल है. वहां 19 मई को चुनाव के अंतिम चरण में मतदान होगा.