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विशेष लेखः नित्यानंद पर सस्पेंसः ईक्वाडोर का दावा- हैती में है स्वामी

स्वामी नित्यानंद को लेकर तरह-तरह की खबरें आ रही हैं. वह इस वक्त कहां छिपा है, इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है. पिछले सप्ताह ये खबरें आई थीं कि वह ईक्वाडोर में छिपा है. लेकिन ईक्वाडोर ने इन खबरों का खंडन किया है. दूतावास का कहना है कि बहुत संभव है कि स्वामी ने हैती में शरण ली हो. पढ़ें विस्तार से पूरी खबर.

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नित्यानंद (फाइल फोटो)
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Published : Dec 7, 2019, 12:24 PM IST

भारत स्थित ईक्वाडोर दूतावास ने एक वक्तव्य जारी कर ये साफ़ कर दिया है, कि भारत का भगोड़ा स्वामी नित्यानंद उनके देश में नहीं हैं. पिछले सप्ताह यह खबर आई थी कि वह नेपाल के रास्ते भारत से ईक्वाडोर भाग गया था और वहां पर एक द्वीप खरीदकर उसका स्वंयभू शासक बन गया. खबरें ये भी थीं कि उसने इसे हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया.

ईक्वाडोर, दक्षिण अमरीका के पश्चिमी तट पर त्रिनिदाद और टोबागो के पास स्थित है. ईक्वाडोर के भारतीय दूतावास ने ये भी कहा, कि जहां एक तरफ़ भारतीय जांच एजेंसियां नित्यानंद की तलाश कर रही हैं, ये मुमकिन है कि वो हैती में छिपा हो.

वक्तव्य मे कहा गया, 'इक्वेडोर दूतावास इस बात को या ख़बरों को साफ़ ख़ारिज करता है कि स्वघोषित गुरू नित्यानंद को उनके देश में शरण दी गई है, या ईक्वाडोर सरकार ने उसके आसपास या दक्षिण अमरीका के पास में ज़मीन या कोई द्वीप ख़रीदने में उसकी कोई मदद की है.'

वक्तव्य में ये भी कहा गया है कि नित्यानंद की तरफ़ से शरणार्थी की याचिका को भी ख़ारिज कर दिया गया है, जिसके बाद वो ईक्वाडोर से निकल गया है और शायद हैती की तरफ़ चला गया है.

एक तरफ़ जहां नित्यांनद द्वारा स्वघोषित हिंदू राष्ट्र 'कैलाश' की लोकेशन के बारे में सही जानकारी नहीं है, वहीं 'कैलाश' की वेबसाइट कहती है, 'बिना सीमाओं का ये देश, दुनियाभर के उन विस्थापित हिंदुओं द्वारा बनाया गया है, जिन्हें अपने-अपने देशों मे हिंदू धर्म का पालन करने की इजाजत नहीं मिली.'

हांलाकि आज इक्वेडोर दूतावास ने मीडिया से इस मामले में किसी भी तरह से उनके देश का नाम ना उछालने की बात कही. 'कैलाशा' की वेबसाइट के मुताबिक़, इस नये देश की रचना मंदिर के सिस्टम योग, साधना, मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाओं, सबके लिये मुफ्त भोजन के सिद्धांत पर की गई है. इस वेबसाइट के जरिये नित्यानंद ने लोगों को अपने इस नये देश की नागरिकता लेने के लिये न्योता दिया है. साथ ही लोगों को इस देश को चलाने के लिये चंदा देने के लिये भी कहा जा रहा है, जिस तरह से इस देश के बारे में वेबसाइट पर बताया गया है, वो ओशो रजनीश से जुड़े विवादों की याद दिलाती हैं.

कर्नाटक पुलिस के सूत्रों के अनुसार नित्यानंद संभवत: 2018 के अंत में बेल तोड़कर देश से भाग गया था. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नित्यानंद का पासपोर्ट सितंबर 2018 में ख़त्म हो गया था और इसे दोबारा नहीं बनवाया गया, इससे ये शक होता है कि वो नकली पासपोर्ट और दस्तावेजों की मदद से भारत से भागा है. भारत का ईक्वाडोर में कोई दूतावास नहीं है.

ईक्वाडोर दूतावास के व्कतव्य में कहा गया है कि 'भारत में प्रिंट और डिजिटल मीडिया में प्रकाशित सभी तरह की जानकारियां, https://kailaasa.org से ली गई है, जो कथित तौर पर नित्यानंद या उसके समर्थकों द्वारा चलाई जा रही हैं. इस कारण से सभी मीडिया संस्थानों को इस मामले में ईक्वाडोर का नाम लेने से बचना चाहिए.'

राजशेखरन उर्फ़ नित्यानंद, तमिलनाडु का रहने वाला है. उस पर गुजरात के पास अपने आश्रम में रेप, यौन शोषण और बाल शोषण करने के दर्जनों मामले दर्ज हैं.

(स्मिता शर्मा)

भारत स्थित ईक्वाडोर दूतावास ने एक वक्तव्य जारी कर ये साफ़ कर दिया है, कि भारत का भगोड़ा स्वामी नित्यानंद उनके देश में नहीं हैं. पिछले सप्ताह यह खबर आई थी कि वह नेपाल के रास्ते भारत से ईक्वाडोर भाग गया था और वहां पर एक द्वीप खरीदकर उसका स्वंयभू शासक बन गया. खबरें ये भी थीं कि उसने इसे हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया.

ईक्वाडोर, दक्षिण अमरीका के पश्चिमी तट पर त्रिनिदाद और टोबागो के पास स्थित है. ईक्वाडोर के भारतीय दूतावास ने ये भी कहा, कि जहां एक तरफ़ भारतीय जांच एजेंसियां नित्यानंद की तलाश कर रही हैं, ये मुमकिन है कि वो हैती में छिपा हो.

वक्तव्य मे कहा गया, 'इक्वेडोर दूतावास इस बात को या ख़बरों को साफ़ ख़ारिज करता है कि स्वघोषित गुरू नित्यानंद को उनके देश में शरण दी गई है, या ईक्वाडोर सरकार ने उसके आसपास या दक्षिण अमरीका के पास में ज़मीन या कोई द्वीप ख़रीदने में उसकी कोई मदद की है.'

वक्तव्य में ये भी कहा गया है कि नित्यानंद की तरफ़ से शरणार्थी की याचिका को भी ख़ारिज कर दिया गया है, जिसके बाद वो ईक्वाडोर से निकल गया है और शायद हैती की तरफ़ चला गया है.

एक तरफ़ जहां नित्यांनद द्वारा स्वघोषित हिंदू राष्ट्र 'कैलाश' की लोकेशन के बारे में सही जानकारी नहीं है, वहीं 'कैलाश' की वेबसाइट कहती है, 'बिना सीमाओं का ये देश, दुनियाभर के उन विस्थापित हिंदुओं द्वारा बनाया गया है, जिन्हें अपने-अपने देशों मे हिंदू धर्म का पालन करने की इजाजत नहीं मिली.'

हांलाकि आज इक्वेडोर दूतावास ने मीडिया से इस मामले में किसी भी तरह से उनके देश का नाम ना उछालने की बात कही. 'कैलाशा' की वेबसाइट के मुताबिक़, इस नये देश की रचना मंदिर के सिस्टम योग, साधना, मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाओं, सबके लिये मुफ्त भोजन के सिद्धांत पर की गई है. इस वेबसाइट के जरिये नित्यानंद ने लोगों को अपने इस नये देश की नागरिकता लेने के लिये न्योता दिया है. साथ ही लोगों को इस देश को चलाने के लिये चंदा देने के लिये भी कहा जा रहा है, जिस तरह से इस देश के बारे में वेबसाइट पर बताया गया है, वो ओशो रजनीश से जुड़े विवादों की याद दिलाती हैं.

कर्नाटक पुलिस के सूत्रों के अनुसार नित्यानंद संभवत: 2018 के अंत में बेल तोड़कर देश से भाग गया था. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नित्यानंद का पासपोर्ट सितंबर 2018 में ख़त्म हो गया था और इसे दोबारा नहीं बनवाया गया, इससे ये शक होता है कि वो नकली पासपोर्ट और दस्तावेजों की मदद से भारत से भागा है. भारत का ईक्वाडोर में कोई दूतावास नहीं है.

ईक्वाडोर दूतावास के व्कतव्य में कहा गया है कि 'भारत में प्रिंट और डिजिटल मीडिया में प्रकाशित सभी तरह की जानकारियां, https://kailaasa.org से ली गई है, जो कथित तौर पर नित्यानंद या उसके समर्थकों द्वारा चलाई जा रही हैं. इस कारण से सभी मीडिया संस्थानों को इस मामले में ईक्वाडोर का नाम लेने से बचना चाहिए.'

राजशेखरन उर्फ़ नित्यानंद, तमिलनाडु का रहने वाला है. उस पर गुजरात के पास अपने आश्रम में रेप, यौन शोषण और बाल शोषण करने के दर्जनों मामले दर्ज हैं.

(स्मिता शर्मा)

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स्वामी नित्यानंद को लेकर तरह-तरह की खबरें आ रही हैं. वह इस वक्त कहां छिपा है, इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है. पिछले सप्ताह ये खबरें आई थीं कि वह ईक्वाडोर में छिपा है. लेकिन ईक्वाडोर ने इन खबरों का खंडन किया है. दूतावास का कहना है कि बहुत संभव है कि स्वामी ने हैती में शरण ली हो. पढ़ें विस्तार से पूरी खबर. 







नित्यानंद पर सस्पेंसः ईक्वाडोर का दावा- हैती में है स्वामी





भारत स्थित ईक्वाडोर दूतावास ने एक वक्तव्य जारी कर ये साफ़ कर दिया है, कि भारत का भगोड़ा स्वामी नित्यानंद उनके देश में नहीं हैं. पिछले सप्ताह यह खबर आई थी कि वह नेपाल के रास्ते भारत से ईक्वाडोर भाग गया था और वहां पर एक द्वीप खरीदकर उसका स्वंयभू शासक बन गया. खबरें ये भी थीं कि उसने इसे हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया. 

ईक्वाडोर, दक्षिण अमरीका के पश्चिमी तट पर त्रिनिदाद और टोबागो के पास स्थित है. ईक्वाडोर के भारतीय दूतावास ने ये भी कहा, कि जहां एक तरफ़ भारतीय जांच एजेंसियां नित्यानंद की तलाश कर रही हैं, ये मुमकिन है कि वो हैती में छिपा हो. 



वक्तव्य मे कहा गया, 'इक्वेडोर दूतावास इस बात को या ख़बरों को साफ़ ख़ारिज करता है कि स्वघोषित गुरू नित्यानंद को उनके देश में शरण दी गई है, या ईक्वाडोर सरकार ने उसके आसपास या दक्षिण अमरीका के पास में ज़मीन या कोई द्वीप ख़रीदने में उसकी कोई मदद की है.' 

वक्तव्य में ये भी कहा गया है कि नित्यानंद की तरफ़ से शरणार्थी की याचिका को भी ख़ारिज कर दिया गया है, जिसके बाद वो ईक्वाडोर से निकल गया है और शायद हैती की तरफ़ चला गया है. 



एक तरफ़ जहां नित्यांनद द्वारा स्वघोषित हिंदू राष्ट्र 'कैलाश' की लोकेशन के बारे में सही जानकारी नहीं है, वहीं 'कैलाश' की वेबसाइट कहती है, 'बिना सीमाओं का ये देश, दुनियाभर के उन विस्थापित हिंदुओं द्वारा बनाया गया है, जिन्हें अपने-अपने देशों मे हिंदू धर्म का पालन करने की इजाज़त नहीं मिली.'



हांलाकि आज इक्वेडोर दूतावास ने मीडिया से इस मामले में किसी भी तरह से उनके देश का नाम ना उछालने की बात कही. 'कैलाशा' की वेबसाइट के मुताबिक़, इस नये देश की रचना मंदिर के सिस्टम योग, साधना, मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाओं, सबके लिये मुफ्त भोजन के सिद्धांत पर की गई है. इस वेबसाइट के ज़रिये नित्यानंद ने लोगों को अपने इस नये देश की नागरिकता लेने के लिये न्योता दिया है. साथ ही लोगों को इस देश को चलाने के लिये चंदा देने के लिये भी कहा जा रहा है, जिस तरह से इस देश के बारे में वेबसाइट पर बताया गया है, वो ओशो रजनीश से जुड़े विवादों की याद दिलाती हैं.



कर्नाटक पुलिस के सूत्रों के अनुसार नित्यानंद संभवत: 2018 के अंत में बेल तोड़कर देश से भाग गया था. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नित्यानंद का पासपोर्ट सितंबर 2018 में ख़त्म हो गया था और इसे दोबारा नहीं बनवाया गया, इससे ये शक होता है कि वो नक़ली पासपोर्ट और दस्तावेज़ों की मदद से भारत से भागा है. भारत का ईक्वाडोर में कोई दूतावास नहीं है.



ईक्वाडोर दूतावास के व्कतव्य में कहा गया है कि 'भारत में प्रिंट और डिजिटल मीडिया में प्रकाशित सभी तरह की जानकारियां, https://kailaasa.org से ली गई है, जो कथित तौर पर नित्यानंद या उसके समर्थकों द्वारा चलाई जा रही हैं. इस कारण से सभी मीडिया संस्थानों को इस मामले में ईक्वाडोर का नाम लेने से बचना चाहिए.'



राजशेखरन उर्फ़ नित्यानंद, तमिलनाडु का रहने वाला है. उस पर गुजरात के पास अपने आश्रम में रेप, यौन शोषण और बाल शोषण करने के दर्जनों मामले दर्ज हैं.

(स्मिता शर्मा) 


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