नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिए उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी तीन दिन का वेतन पीएम केयर्स कोष में देंगे.
उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार (नकदी और लेखा) राजेश कुमार गोयल द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार सभी राजपत्रित अधिकारी अपने तीन का वेतन दान करेंगे, जबकि गैर राजपत्रित कर्मचारी दो दिन और वर्ग 'सी' के कर्मचारी एक दिन का वेतन आपात स्थिति में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स) में देंगे.
कर्मचारियों के इस योगदान की राशि की कटौती उनके मार्च महीने के वेतन से की जाएगी. न्यायालय के इस परिपत्र में कहा गया है, 'हम सभी इस महामारी (कोविड-19) के बारे में जानते हैं जिसने समूची दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिये गंभीर चुनौती पैदा कर दी है और भारत इसकी अपवाद नहीं है.'
परिपत्र में कहा गया, 'ऐसे समय में जब कोरोना वायरस हमारे देश के सामने बेहद गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक समस्यायें पैदा कर रहा है, यह जरूरी है कि मानवता की रक्षा के लिए हम उदारता के साथ दान दें.'
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इसमें कहा गया है कि न्यायालय के अधिकतर अधिकारियों ने इस पवित्र कार्य के लिये योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि वे पीएम केयर्स फंड में अपना योगदान कर सकते हैं.
परिपत्र में कहा गया है कि इस कोष के लिए योगदान स्वैच्छिक होगा और जो इसमें योगदान नहीं करना चाहते हैं उन्हें 31 मार्च की सुबह 10 बजे तक न्यायालय को इस बारे में सूचित करना होगा.