नई दिल्ली : राजकोट आग की घटना में भ्रामक हलफनामा दायर करने के लिए एक बार फिर आज सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कोविड 19 रोगियों के समुचित इलाज और शवों की गरिमा से संबंधित एक मामले की सुनवाई की. पिछली सुनवाई में अदालत ने राजकोट के एक अस्पताल में आग लगने की घटना का स्वतः संज्ञान लिया था और इस तरह की बार-बार होने वाली घटनाओं और कार्रवाई के लिए राज्य की खिंचाई की थी.
सब कुछ ठीक बताने पर नाराजगी
आज शीर्ष अदालत ने एक हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए गुजरात सरकार को लताड़ लगाई. हलफनामा में दावा किया गया था कि सब कुछ ठीक है. न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि हमने आपका हलफनामा देखा है. आपके अनुसार सब कुछ खूबसूरत है. कोर्ट ने कहा कि 7 वीं मंजिल पर 6 लोगों की मौत हो गई और फिर भी राज्य के अनुसार सब कुछ ठीक है. इस मामले को देख रही समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के यह विपरीत है.
आज कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश दिया कि अगली बार एक बेहतर हलफनामा दायर हो.