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कोरोना-लॉकडाउन से संबंधित चार याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में खारिज - कोरोना वायरस

उच्चतम न्यायालय द्वारा आज चार जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई की थी. इनमें ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना और फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से छूट वाली याचिकाएं शामिल हैं. बता दें, कोरोना महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 21, 2020, 7:07 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा आज चार जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई की थी. इनमें ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना और फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से छूट वाली याचिकाएं शामिल हैं. बता दें, कोरोना महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर रहा है.

ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना

सुप्रीम कोर्ट ने ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाने और उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने वाली याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि सरकार को मौजूदा हालातों को देखते हुए कदम उठाने दिए जाए.

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि फिलहाल हम कोई भी आदेश नहीं देंगे.

बता दें, न्यायालय ने यह बात उस वक्त की, जब सरकार की ओर से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को यह बताया कि ईरान में भी लॉकडाउन है और वहीं अंतरराज्यीय सीमा सील है.

इसके साथ ही उन्होंने अदालत को इस बास से भी परिचित कराया कि भारतीय दूतावास दूरदराज के इलाकों में रह रहे इन लोगों के संपर्क में है.

चिड़ियाघर में जानवरों के लिए भोजन की उचित आपूर्ति

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक और जनहित याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. इस याचिका में कोरोना वायरस महामारी के बीच चिड़ियाघर में जानवरों के लिए भोजन की उचित आपूर्ति की मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता संगीता डोगरा ने तर्क दिया कि वह एक कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में चिड़ियाघर में जानवरों के लिए प्राप्त मांस है कि नहीं, यह एक मुद्दा है.

इस पर न्यायमूर्ति एसके कौल ने कहा, 'यह ऐसी महामारी है, जहां मानव जीवन संकट में हैं. चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल हो रही है या नहीं, इस बात को बाद में देखा जाएगा. इस पर आप अदालत से क्या उम्मीद कर रहीं हैं.

उन्होंने कहा कि अगर फिर भी कोई समस्या है, तो सरकारे इस ओर ध्यान देगी. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका में कोई आदेश पारित किए बिना मामले का निपटारा कर दिया.

फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी से छूट

सुप्रीम कोर्ट ने आज फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से छूट की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है.

मामले पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मुद्दे का कोई विशेषज्ञ नहीं है और इसलिए वही कीमतों का निर्धारण नहीं कर सकता.

पीठ ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि यहां कोई खास मुकदमों पर सुनवाई नहीं हो रही है, तो आप ऐसी याचिकाएं दाखिल करेंगे.

कोरोना से इतर बीमारियों पर होने वाले सभी चिकित्सा खर्चों में राहत

इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस से इतर बीमारियों पर होने वाले सभी चिकित्सा खर्चों में राहत देने वाली याचिका भी खारिज कर दी है.

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया.

बता दें, बीते रोज यह याचिका सौर्य दास द्वारा दायर की गई थी. इसमें हवाला दिया गया था कि देश में लागू लॉकडाउन की वजह से लोगों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. उनके काम-काज ठप पड़े हुए हैं और ऐसे में वह और उनके परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि हालातों को ध्यान में रखते हुए गैर-कोरोना संबंधित बीमारियों के इलाज को कम कर दिया जाए.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा आज चार जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई की थी. इनमें ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना और फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से छूट वाली याचिकाएं शामिल हैं. बता दें, कोरोना महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर रहा है.

ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना

सुप्रीम कोर्ट ने ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाने और उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने वाली याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि सरकार को मौजूदा हालातों को देखते हुए कदम उठाने दिए जाए.

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि फिलहाल हम कोई भी आदेश नहीं देंगे.

बता दें, न्यायालय ने यह बात उस वक्त की, जब सरकार की ओर से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को यह बताया कि ईरान में भी लॉकडाउन है और वहीं अंतरराज्यीय सीमा सील है.

इसके साथ ही उन्होंने अदालत को इस बास से भी परिचित कराया कि भारतीय दूतावास दूरदराज के इलाकों में रह रहे इन लोगों के संपर्क में है.

चिड़ियाघर में जानवरों के लिए भोजन की उचित आपूर्ति

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक और जनहित याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. इस याचिका में कोरोना वायरस महामारी के बीच चिड़ियाघर में जानवरों के लिए भोजन की उचित आपूर्ति की मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता संगीता डोगरा ने तर्क दिया कि वह एक कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में चिड़ियाघर में जानवरों के लिए प्राप्त मांस है कि नहीं, यह एक मुद्दा है.

इस पर न्यायमूर्ति एसके कौल ने कहा, 'यह ऐसी महामारी है, जहां मानव जीवन संकट में हैं. चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल हो रही है या नहीं, इस बात को बाद में देखा जाएगा. इस पर आप अदालत से क्या उम्मीद कर रहीं हैं.

उन्होंने कहा कि अगर फिर भी कोई समस्या है, तो सरकारे इस ओर ध्यान देगी. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका में कोई आदेश पारित किए बिना मामले का निपटारा कर दिया.

फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी से छूट

सुप्रीम कोर्ट ने आज फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से छूट की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है.

मामले पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मुद्दे का कोई विशेषज्ञ नहीं है और इसलिए वही कीमतों का निर्धारण नहीं कर सकता.

पीठ ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि यहां कोई खास मुकदमों पर सुनवाई नहीं हो रही है, तो आप ऐसी याचिकाएं दाखिल करेंगे.

कोरोना से इतर बीमारियों पर होने वाले सभी चिकित्सा खर्चों में राहत

इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस से इतर बीमारियों पर होने वाले सभी चिकित्सा खर्चों में राहत देने वाली याचिका भी खारिज कर दी है.

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया.

बता दें, बीते रोज यह याचिका सौर्य दास द्वारा दायर की गई थी. इसमें हवाला दिया गया था कि देश में लागू लॉकडाउन की वजह से लोगों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. उनके काम-काज ठप पड़े हुए हैं और ऐसे में वह और उनके परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि हालातों को ध्यान में रखते हुए गैर-कोरोना संबंधित बीमारियों के इलाज को कम कर दिया जाए.

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