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अहमदाबाद : सुप्रीम कोर्ट का राज्य सभा चुनाव पर रोक लगाने से इनकार - supreme court refuses

आठ राज्यों की 18 राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को द्विवार्षिक चुनाव कराए जाने हैं. भाजपा शासित राज्य गुजरात में भी कांग्रेस की एकजुटता सवालों के घेरे में है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक कुल नौ विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. अब शुक्रवार को होने वाले मतदान से ठीक पहले गुजरात कांग्रेस के नेता बैठक कर रहे हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों को रोकने से इनकार कर दिया और कांग्रेस नेता परेश धनानी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. पढे़ं विस्तार से...

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 18, 2020, 5:14 PM IST

अहमदाबाद : सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कांग्रेस नेता परेश धनानी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान को चुनौती दी थी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि चुनाव नहीं रोकेंगे और चार सप्ताह के बाद इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी.

धनानी ने आज राज्यसभा चुनाव पर रोक लगाने और पोस्टल बैलट सिस्टम को मतदान में इस्तेमाल करने की चुनौती देते हुए आज सुबह 5 बजे शीर्ष अदालत का रुख किया था.

आपको बता दें कि राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान कराए जाने हैं. कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व बीजेपी पर विधायकों को डराने-धमकाने और खरीद-फरोख्त में लिप्त होने के आरोप लगा रहा है. इसी बीच अहमदाबाद में गुजरात कांग्रेस के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई गई है.

गौरतलब है कि पिछले 15 दिनों के भीतर ही चार विधायकों ने पार्टी से अलग होने का एलान कर कांग्रेस के खेमे में हड़कंप मचा दी.

वडोदरा के करजन के विधायक अक्षय पटेल और कपराडा के जीतू चौधरी के बाद मोरबी के विधायक ब्रिजेश मेरजा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, कांग्रेस विधायकों का टूटना कोई नई बात नहीं है.

मार्च, 2020 में भी कांग्रेस के पांच विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें जे.वी. काकडिया, सोमा गांडा पटेल, प्रवीण मारू, प्रद्युम्न सिंह जडेजा और मंगल गावित शामिल हैं.

बता दें कि राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोपों ने राजनीति गर्म कर दी है. राजस्थान में भी तीन सीटों पर मतदान कराए जाने हैं. पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऑन रिकॉर्ड दावा किया था कि उनके पास विधायकों की खरीद की पक्की जानकारी है. उन्होंने इसकी जांच के भी आदेश दे दिए हैं.

पढे़ं : राज्यसभा चुनाव : सत्ता के लालच में दम तोड़ती लोकतंत्र की मूल अवधारणा

गौरतलब है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने गत एक जून को सात अलग-अलग राज्यों की राज्यसभा सीटों के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों का एलान किया था. इसके तहत निम्न राज्यों में चुनाव कराए जाने हैं-

  1. आंध्र प्रदेश (4 सीट)
  2. गुजरात (4 सीट)
  3. झारखंड ( 2 सीट)
  4. मध्य प्रदेश (3 सीट)
  5. मणिपुर ( 1 सीट)
  6. मेघालय (1 सीट)
  7. राजस्थान (3 सीट)

अहमदाबाद : सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कांग्रेस नेता परेश धनानी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिन्होंने पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान को चुनौती दी थी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि चुनाव नहीं रोकेंगे और चार सप्ताह के बाद इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी.

धनानी ने आज राज्यसभा चुनाव पर रोक लगाने और पोस्टल बैलट सिस्टम को मतदान में इस्तेमाल करने की चुनौती देते हुए आज सुबह 5 बजे शीर्ष अदालत का रुख किया था.

आपको बता दें कि राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान कराए जाने हैं. कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व बीजेपी पर विधायकों को डराने-धमकाने और खरीद-फरोख्त में लिप्त होने के आरोप लगा रहा है. इसी बीच अहमदाबाद में गुजरात कांग्रेस के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई गई है.

गौरतलब है कि पिछले 15 दिनों के भीतर ही चार विधायकों ने पार्टी से अलग होने का एलान कर कांग्रेस के खेमे में हड़कंप मचा दी.

वडोदरा के करजन के विधायक अक्षय पटेल और कपराडा के जीतू चौधरी के बाद मोरबी के विधायक ब्रिजेश मेरजा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, कांग्रेस विधायकों का टूटना कोई नई बात नहीं है.

मार्च, 2020 में भी कांग्रेस के पांच विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें जे.वी. काकडिया, सोमा गांडा पटेल, प्रवीण मारू, प्रद्युम्न सिंह जडेजा और मंगल गावित शामिल हैं.

बता दें कि राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोपों ने राजनीति गर्म कर दी है. राजस्थान में भी तीन सीटों पर मतदान कराए जाने हैं. पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऑन रिकॉर्ड दावा किया था कि उनके पास विधायकों की खरीद की पक्की जानकारी है. उन्होंने इसकी जांच के भी आदेश दे दिए हैं.

पढे़ं : राज्यसभा चुनाव : सत्ता के लालच में दम तोड़ती लोकतंत्र की मूल अवधारणा

गौरतलब है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने गत एक जून को सात अलग-अलग राज्यों की राज्यसभा सीटों के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों का एलान किया था. इसके तहत निम्न राज्यों में चुनाव कराए जाने हैं-

  1. आंध्र प्रदेश (4 सीट)
  2. गुजरात (4 सीट)
  3. झारखंड ( 2 सीट)
  4. मध्य प्रदेश (3 सीट)
  5. मणिपुर ( 1 सीट)
  6. मेघालय (1 सीट)
  7. राजस्थान (3 सीट)
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