नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के लिए बार-बार कमेटी बनाने के लिए गुजरात सरकार को फटकार लगाई है. राजकोट अस्पताल में आग लगने से पांच लोगों की जान चली गई थी.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ कोरोना संक्रमितों के इलाज और शवों के अंतिम संस्कार से संबंधित दलीलों की सुनवाई कर रहे थे. इसमें गुजरात में हुई आग की घटनाओं से संबंधित मामले भी थे. अदालत ने इन मामलों पर सरकार से जवाब मांगा है.
सॉलिसिटर जनरल, तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि न्यायमूर्ति डीके मेहता की अध्यक्षता में एक समिति राजकोट अस्पताल में लगी आग की जांच कर रही है. इस पर न्यायमूर्ति एमआर शाह ने पूछा कि अगर समिति को इस घटना के बारे में विस्तार से नहीं पता है तो वह जांच कैसे करेगी.
जस्टिस शाह ने कहा कि इस तरह की समिति पहले भी बनाई गई और अब यह तीसरी समिति है, जिसका जांच के लिए गठन किया गया है, इस रवैये को देखें.
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उन्होंने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा अहमदबाद आग की घटना की भी जांच करने का सुझाव दिया. आग की घटनाओं के संबंध में, अदालत ने अन्य राज्यों से भी जवाब मांगा है, जिसे सॉलिसिटर जनरल अदालत के समक्ष संकलित और प्रस्तुत करेंगे.
11 दिसंबर तक जवाब दाखिल किया जा सकता है. इस मामले की सुनवाई 14 दिसंबर को होगी.