नई दिल्ली : 2002 में गोधरा दंगों के बाद हुए सरदारपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 दोषियों को जमानत दे दी है. सरदारपुरा में हुई इस हिंसक घटना में 33 मुसलमानों को जिंदा जला दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को मध्य प्रदेश में स्थानांतरित करने और सामुदायिक सेवा करने के लिए कहा है.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे न्यायमूर्ति बीआर गवई और सूर्यकांत की खंडपीठ ने दोषियों को दो समूहों में विभाजित करते हुए कहा दोनों समूह गुजरात से बाहर रहेंगे. इसमें एक समूह मध्य प्रदेश के इंदौर में रहेगा और दूसरा समूह जबलपुर में रहेगा.
जिन दोषियों को सरदारपुरा दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की है.
कोर्ट ने कहा कि सभी दोषियों को सप्ताह में छह घंटे सामुदायिक सेवाओं के अलावा स्थानीय पुलिस स्टेशन को साप्ताहिक आधार पर जमानत शर्तों के रूप में पेश होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (डीएलएसए) को निर्देश दिया है, वह यह सुनिश्चित करें कि दोषियों की जमानत शर्तों का निष्ठापूर्वक पालन करें.
कोर्ट ने डीएलएसए को यह भी निर्देश दिया है कि वह दोषियों को उनकी आजीविका चलाने के लिए उपयुक्त रोजगार खोजने में मदद करे.
पढ़ें : बेहमई कांड पर अगली सुनवाई 30 जनवरी को
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के बाद रिपोर्ट दर्ज करे कि क्या दोषियों ने शर्तों का अनुपालन किया है या नहीं.