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उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली का पंजीयन और संपत्ति पट्टा रद्द किया

उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में फंसी कंपनी आम्रपाली समूह का रीयल एस्टेट नियमन प्रधिकरण के तहत पंजीयन रद्द कर दिया है. जानें क्या है पूरा मामला...

उच्चतम न्यायालय
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Published : Jul 23, 2019, 1:54 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 4:31 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में फंसी कंपनी आम्रपाली समूह का रीयल एस्टेट नियमन प्राधिकरण (रेरा) के तहत पंजीयन रद्द कर दिया है. न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से आम्रपाली की संपत्तियों के लिये मिले पट्टे भी रद्द कर दिये है.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आम्रपाली समूह की सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये एनबीसीसी को नियुक्त किया है.

पीठ ने अधिवक्ता आर. वेंकटरमणी को कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया. इससे वेंकटरमणी को आम्रपाली की संपत्तियों के सारे अधिकार मिल जाएंगे.

पढ़ें: पीएम मोदी ने ट्रंप से मध्यस्थता की अपील नहीं की, राज्यसभा में विदेश मंत्री ने दिया बयान

न्यायालय ने कहा कि वेंकटरमणी के पास यह अधिकार रहेगा कि वह बकाया वसूली के लिये आम्रपाली की संपत्तियों की बिक्री के लिये तीसरे पक्ष से करार कर सकेंगे.

पीठ ने कहा कि विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रावधानों का उल्लंघन कर घर खरीदारों के पैसे का हेर-फेर किया गया.

न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा तथा कंपनी के अन्य निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किये गये कथित मनी लौंड्रिंग (धन शोधन) की जांच का भी निर्देश दिया है.

पढ़ें: Chandrayaan 2 की सफल लॉन्चिंग पर बधाइयों का तांता- पूर्व वैज्ञानिक ने कहा, 'सुखद आश्चर्य

न्यायालय ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरणों ने आम्रपाली के साथ सांठगांठ कर उसे मकान खरीदारों के पैसे की हेर-फेर करने में मदद की और कानून के हिसाब से काम नहीं किया.

न्यायालय ने मकान खरीदारों को राहत देते हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरणों से कहा कि वे आम्रपाली समूह की विभिन्न परियोजनाओं में पहले से रह रहे मकान खरीदारों को आवास पूर्ण होने संबंधी प्रमाणपत्र सौंपे.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में फंसी कंपनी आम्रपाली समूह का रीयल एस्टेट नियमन प्राधिकरण (रेरा) के तहत पंजीयन रद्द कर दिया है. न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से आम्रपाली की संपत्तियों के लिये मिले पट्टे भी रद्द कर दिये है.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आम्रपाली समूह की सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये एनबीसीसी को नियुक्त किया है.

पीठ ने अधिवक्ता आर. वेंकटरमणी को कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया. इससे वेंकटरमणी को आम्रपाली की संपत्तियों के सारे अधिकार मिल जाएंगे.

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न्यायालय ने कहा कि वेंकटरमणी के पास यह अधिकार रहेगा कि वह बकाया वसूली के लिये आम्रपाली की संपत्तियों की बिक्री के लिये तीसरे पक्ष से करार कर सकेंगे.

पीठ ने कहा कि विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रावधानों का उल्लंघन कर घर खरीदारों के पैसे का हेर-फेर किया गया.

न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा तथा कंपनी के अन्य निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किये गये कथित मनी लौंड्रिंग (धन शोधन) की जांच का भी निर्देश दिया है.

पढ़ें: Chandrayaan 2 की सफल लॉन्चिंग पर बधाइयों का तांता- पूर्व वैज्ञानिक ने कहा, 'सुखद आश्चर्य

न्यायालय ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरणों ने आम्रपाली के साथ सांठगांठ कर उसे मकान खरीदारों के पैसे की हेर-फेर करने में मदद की और कानून के हिसाब से काम नहीं किया.

न्यायालय ने मकान खरीदारों को राहत देते हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरणों से कहा कि वे आम्रपाली समूह की विभिन्न परियोजनाओं में पहले से रह रहे मकान खरीदारों को आवास पूर्ण होने संबंधी प्रमाणपत्र सौंपे.

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SC-AMRAPALI
SC cancels registration, lease of Amrapali group
         New Delhi, Jul 23 (PTI) The Supreme Court on Tuesday cancelled the registration of the embattled Amrapali group under the Real Estate Regulatory Authority and the lease of its properties granted by Noida and Greater Noida authorities.
         A bench of Justices Arun Mishra and U U Lalit appointed the National Buildings Construction Corporation (NBCC) to complete all the pending projects of the Amrapali group.
         The bench also appointed senior advocate R Venkataramani as the court receiver in whom the rights of all the Amrapali properties will be vested after the cancellation of lease.
         The top court said Venkataramani will have the power to enter into any tri-party agreement for sale of the group's properties to recover the dues.
         The bench said the home buyers' money was diverted in violation of the Foreign Exchange Management Act (FEMA) and the foreign direct investment (FDI) norms.
         It directed the Enforcement Directorate to investigate the alleged money laundering by Amrapali CMD Anil Sharma and other directors and senior officials of the group.
         The court added that Noida and Greater Noida colluded with the realty group in allowing diversion of the home buyers' money and not acting as per the law.
         In a relief to home buyers, the court directed Noida and Greater Noida to handover a completion certificate to the flat buyers who are already residing in various projects of the group. PTI MNL ABA URD URD
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Last Updated : Jul 23, 2019, 4:31 PM IST
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