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नाराज सुमित्रा महाजन का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान - indore bjp candidate

बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले इंदौर सीट से लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन 30 सालों से लगातार चुनाव जीत रहीं हैं. लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने का मन बना लिया है. जानें क्या है कारण

सुमित्रा महाजन
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Published : Apr 5, 2019, 4:01 PM IST

Updated : Apr 5, 2019, 4:56 PM IST

नई दिल्ली/इंदौर: लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. वह इंदौर से टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. संभवतः यही वजह है कि उन्होंने इसकी घोषणा की है. पार्टी ने अभी तक यहां से किसी भी उम्मीदवार के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है.

महाजन पिछले 30 साल से इंदौर सीट से सतत चुनाव जीत रही हैं और इस बार भी उन्हें इसी क्षेत्र से टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था. महाजन की ओर से सोशल मीडिया पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इंदौर से अपनी चुनावी दावेदारी छोड़ने की घोषणा की गई.

महाजन ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने आज तक इंदौर में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. यह अर्निणय की स्थिति क्यों है? संभव है कि पार्टी को निर्णय लेने में कुछ संकोच हो रहा है.'

प्रेस वार्ता के दौरान सुमित्रा महाजन

उन्होंने यह रेखांकित किया कि वह इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठों से पहले ही चर्चा कर चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने निर्णय उनपर ही छोड़ा था.'

उम्मीदवार की घोषणा को लेकर पार्टी के अभी भी असमंजस में होने का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने भाजपा से नि:संकोच हो कर मुक्त मन से निर्णय करने की अपील की.

उन्होंने कहा, 'मैं यह घोषणा करती हूं कि मुझे अब लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना है.' इसके बाद महाजन ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने बहुत सोच-समझ कर यह घोषणा की है, क्योंकि मुझे कई दिन से महसूस हो रहा था कि भाजपा का केंद्रीय संगठन इंदौर लोकसभा क्षेत्र के चुनावी टिकट पर संभवतः किसी संकोच में फैसला नहीं ले पा रहा है. ऐसा भी हो सकता है कि वे (भाजपा के शीर्ष नेता) यह सोचकर चिंतित हो रहे हों कि इंदौर के चुनावी टिकट के बारे में पार्टी के फैसले के बारे में ताई (महाजन का लोकप्रिय नाम) को कैसे बताया जाये और यह निर्णय सुनकर मुझे कैसा लगेगा? लिहाजा मैंने पार्टी को चिंतामुक्त कर दिया है.'

वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली महाजन ने कहा, 'भाजपा ने मुझे बहुत कुछ दिया है. लेकिन अब मैंने पार्टी को (इंदौर के चुनावी टिकट को लेकर) चिंतामुक्त कर दिया है. मैं आज भी पार्टी की कार्यकर्ता हूँ. हम सब मिलकर जी-जान से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.'

उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूँ कि इंदौर के चुनावी टिकट को लेकर भाजपा का केंद्रीय संगठन जल्द फैसला करे, क्योंकि चुनाव प्रचार के लिये दिन लगातार कम होते जा रहे हैं.'

उन्होंने इंदौर की जनता से मिले प्रेम और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

महाजन के स्थानीय कार्यालय के मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने इस प्रेस विज्ञप्ति की प्रामाणिकता की पुष्टि की.

भाजपा के लिये लगातार आठ बार इंदौर सीट फतह करने वाली महाजन की उम्मीदवारी पर लम्बे समय से रहस्य के बादल छाये थे. वह इसी महीने की 12 तारीख को उम्र के 76 साल पूरे करने जा रही हैं.

इंदौर सीट से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा था कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम भाजपा नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा?

हालांकि, महाजन अब तक वह यही कहती आ रही थीं कि भाजपा में उम्मीदवार तय करने का फैसला संगठन करता है और उन्होंने वर्ष 1989 के अपने पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक पार्टी से चुनावी टिकट नहीं मांगा है.

पिछले 10 दिन से महाजन लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही थीं.

(एक्सट्रा इनपुट-भाषा से)

नई दिल्ली/इंदौर: लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. वह इंदौर से टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. संभवतः यही वजह है कि उन्होंने इसकी घोषणा की है. पार्टी ने अभी तक यहां से किसी भी उम्मीदवार के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है.

महाजन पिछले 30 साल से इंदौर सीट से सतत चुनाव जीत रही हैं और इस बार भी उन्हें इसी क्षेत्र से टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था. महाजन की ओर से सोशल मीडिया पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इंदौर से अपनी चुनावी दावेदारी छोड़ने की घोषणा की गई.

महाजन ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने आज तक इंदौर में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. यह अर्निणय की स्थिति क्यों है? संभव है कि पार्टी को निर्णय लेने में कुछ संकोच हो रहा है.'

प्रेस वार्ता के दौरान सुमित्रा महाजन

उन्होंने यह रेखांकित किया कि वह इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठों से पहले ही चर्चा कर चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने निर्णय उनपर ही छोड़ा था.'

उम्मीदवार की घोषणा को लेकर पार्टी के अभी भी असमंजस में होने का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने भाजपा से नि:संकोच हो कर मुक्त मन से निर्णय करने की अपील की.

उन्होंने कहा, 'मैं यह घोषणा करती हूं कि मुझे अब लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना है.' इसके बाद महाजन ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने बहुत सोच-समझ कर यह घोषणा की है, क्योंकि मुझे कई दिन से महसूस हो रहा था कि भाजपा का केंद्रीय संगठन इंदौर लोकसभा क्षेत्र के चुनावी टिकट पर संभवतः किसी संकोच में फैसला नहीं ले पा रहा है. ऐसा भी हो सकता है कि वे (भाजपा के शीर्ष नेता) यह सोचकर चिंतित हो रहे हों कि इंदौर के चुनावी टिकट के बारे में पार्टी के फैसले के बारे में ताई (महाजन का लोकप्रिय नाम) को कैसे बताया जाये और यह निर्णय सुनकर मुझे कैसा लगेगा? लिहाजा मैंने पार्टी को चिंतामुक्त कर दिया है.'

वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली महाजन ने कहा, 'भाजपा ने मुझे बहुत कुछ दिया है. लेकिन अब मैंने पार्टी को (इंदौर के चुनावी टिकट को लेकर) चिंतामुक्त कर दिया है. मैं आज भी पार्टी की कार्यकर्ता हूँ. हम सब मिलकर जी-जान से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.'

उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूँ कि इंदौर के चुनावी टिकट को लेकर भाजपा का केंद्रीय संगठन जल्द फैसला करे, क्योंकि चुनाव प्रचार के लिये दिन लगातार कम होते जा रहे हैं.'

उन्होंने इंदौर की जनता से मिले प्रेम और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

महाजन के स्थानीय कार्यालय के मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने इस प्रेस विज्ञप्ति की प्रामाणिकता की पुष्टि की.

भाजपा के लिये लगातार आठ बार इंदौर सीट फतह करने वाली महाजन की उम्मीदवारी पर लम्बे समय से रहस्य के बादल छाये थे. वह इसी महीने की 12 तारीख को उम्र के 76 साल पूरे करने जा रही हैं.

इंदौर सीट से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा था कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम भाजपा नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा?

हालांकि, महाजन अब तक वह यही कहती आ रही थीं कि भाजपा में उम्मीदवार तय करने का फैसला संगठन करता है और उन्होंने वर्ष 1989 के अपने पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक पार्टी से चुनावी टिकट नहीं मांगा है.

पिछले 10 दिन से महाजन लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही थीं.

(एक्सट्रा इनपुट-भाषा से)

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Last Updated : Apr 5, 2019, 4:56 PM IST
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