नई दिल्ली : भाजपा पर एक बार फिर से कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधे तौर पर भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और राज्यसभा चुनाव में वोट करने के लिए 25 करोड़ तक के ऑफर दिए गए हैं.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है और साथ ही यह भी कहा कि गुजरात और राजस्थान में राज्यसभा के चुनाव में इरादतन दो माह की देरी की गई क्योंकि वह खरीद-फरोख्त पूरी नहीं कर पाए थे और इसी आशंका से बुधवार को कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान के एक रिसॉर्ट में पहुंचाया है. इसके बाद कांग्रेस के बड़े नेता जयपुर पहुंच रहे हैं और राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा कलह मच गया है.
वहीं अशोक गहलोत के इस बयान को भाजपा ने सरासर झूठा और मनगढ़ंत आरोप बता रही है. उनका कहना है वह कांग्रेस के सरकार खुद ही डरी हुई है क्योंकि पहले से ही यह सरकारें अल्पमत में चल रहे हैं.
राजस्थान और गुजरात में एक बार फिर से भाजपा पर खरीद करो के आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि भाजपा इसे सिरे से नकार रही है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा ने उनके विधायकों को 25 करोड़ तक का ऑफर दिया है. हालांकि जमीनी स्तर पर अगर देखा जाए तो कांग्रेस के विधायकों के बीच साफ-साफ फूट भी नजर आ रही है मगर कांग्रेस दावा कर रही है कि ऐसा कुछ नहीं है पहले से ही राजस्थान कांग्रेस दो खेमे में बैठी हुई है.
इस बीच सूत्रों की मानें तो भाजपा के शीर्ष नेता राजस्थान के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और किसी भी परिस्थिति के लिए भाजपा तैयार है इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि यह कांग्रेस को क्या हो गया है.आप सत्ता संभाल नहीं पा रहे तो इसमें भाजपा का क्या दोष है.
उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत जितने पुराने आदमी है पर इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान वह भाजपा के लिए दे रहे हैं. भाजपा को कांग्रेस के संदर्भ में निकाला से कोई लेना देना नहीं है आप अपनी सरकार चलाइए अगर आप की सरकार में कोई दिक्कत आ रही है. तो उसमें भाजपा का क्या दोष है. हम नहीं मानते की एमएलए कोई हॉर्स है कि उनकी ट्रेडिंग की जाए इस तरह का बयान बहुत ही बेतुका और अनर्गल है.
यह तो तय है कि कहीं ना कहीं अंदर खाने चल रही इस राजनीति की वजह से राजस्थान सरकार में खलबली मच गई है और यही वजह है कि वह इन सब का ठीकरा भाजपा पर फोड़ रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है अशोक गहलोत की पकड़ धीरे-धीरे सरकार पर धीमी होती जा रही है और लोगों का ऐसा मानना है कि विधायक उनकी बातें नहीं सुन रहे क्योंकि दूसरा खेमा सचिन पायलट का है, जो शुरू से ही गहलोत सरकार में अपने हर मुद्दे पर अलग राय रखता आया है अब भाजपा इस पर पैनी नजर बनाए हुए हैं कहीं इस मतभेद का फायदा विपक्षी पार्टियों को न मिले इस वजह से अब कांग्रेस के नेता राजस्थान पहुंच रहे हैं ताकि विधायकों में टूट को रोका जा सके और सरकार बचाई जा सके.