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नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिलिया के बाहर तीसरे दिन भी प्रदर्शन - जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बुधवार को भी सशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखा. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी आवाज दबा रही है. जब तक सरकार ये एक्ट वापस नहीं लेती, विरोध जारी रहेगा. जानें विस्तार से..

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Published : Dec 18, 2019, 6:06 PM IST

नई दिल्ली : विवादों में घिरे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के प्रस्ताव के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर बुधवार को तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा.

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर भारत का एक बड़ा सा मानचित्र टांगा, जिसमें उन स्थानों को चिह्वित किया गया, जहां अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों में छात्र एवं स्थानीय लोग दोनों शामिल हैं.

जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन जारी.

एक और बड़े से पोस्टर में प्रदर्शनकारियों से बिना किसी हिंसा के इस गति को बरकरार रखने की अपील की गई. आसपास के इलाकों और छात्रों का पूर्वाह्न करीब साढ़े 10 बजे गेट नंबर सात के बाहर जमावड़ा शुरू हुआ.

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह, सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की तथा सीएए को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एक छात्र ने कहा, 'हमें नहीं पता कि हम जीतेंगे या हारेंगे, मगर हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'

मेधा पाटकर ने की असिंहक आंदोलन की अपील
दोपहर में प्रदर्शन में शामिल होते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि यह संशोधित नागरिकता कानून नहीं है, बल्कि नागरिक संशोधन अधिनियम है.

उन्होंने छात्रों से महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करने की अपील करते हुए कहा, 'अगर एनआरसी होती है तो हम संकल्प लेते हैं कि इसमें हिस्सा नहीं लेंगे.'

पाटकर ने आरोप लगाया कि सरकार एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करके रोजी-रोटी के असल मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है.

दोपहर एक बजे के बाद प्रदर्शन में स्कूली बच्चे और महिलाओं की भी भागीदारी हो गई. प्रदर्शनकारियों ने अपने मुंह पर टेप लगा लिए और काली पट्टी बांध ली. स्कूल की वर्दी पहने कुछ बच्चे जामिया की दीवार पर चढ़ गए. वे तख्तियां पकड़े हुए थे.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहना था, 'सरकार हमारी आवाज दबा रही है. हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है. इसलिए हमने टेप लगा रखा है.'

विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर पुलिस की टीमें तैनात की गयी हैं जबकि सुखेदव विहार और जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन खुले हुए हैं.

ये भी पढ़ें- CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन विपक्ष द्वारा प्रायोजित : विजय गोयल

रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन का तीसरा दिन है. सोमवार और मंगलवार को हजारों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर रविवार को पुलिस द्वारा जामिया के पुस्तकालय के अंदर आंसू गैस छोड़ने और बिना इजाजत के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने के मामले की जांच की मांग की थी.

जामिया के छात्रों और पुलिसकर्मियों समेत कई प्रदर्शनकारी रविवार की हिंसा में जख्मी हुए थे. हिंसा में डीटीसी की चार बसों को आग लगा दी गई थी और 100 से ज्यादा निजी गाड़ियां और पुलिस की 10 बाइकों को भी क्षतिग्रस्त किया गया था.

नई दिल्ली : विवादों में घिरे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के प्रस्ताव के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर बुधवार को तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा.

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर भारत का एक बड़ा सा मानचित्र टांगा, जिसमें उन स्थानों को चिह्वित किया गया, जहां अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों में छात्र एवं स्थानीय लोग दोनों शामिल हैं.

जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन जारी.

एक और बड़े से पोस्टर में प्रदर्शनकारियों से बिना किसी हिंसा के इस गति को बरकरार रखने की अपील की गई. आसपास के इलाकों और छात्रों का पूर्वाह्न करीब साढ़े 10 बजे गेट नंबर सात के बाहर जमावड़ा शुरू हुआ.

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह, सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की तथा सीएए को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एक छात्र ने कहा, 'हमें नहीं पता कि हम जीतेंगे या हारेंगे, मगर हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'

मेधा पाटकर ने की असिंहक आंदोलन की अपील
दोपहर में प्रदर्शन में शामिल होते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि यह संशोधित नागरिकता कानून नहीं है, बल्कि नागरिक संशोधन अधिनियम है.

उन्होंने छात्रों से महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करने की अपील करते हुए कहा, 'अगर एनआरसी होती है तो हम संकल्प लेते हैं कि इसमें हिस्सा नहीं लेंगे.'

पाटकर ने आरोप लगाया कि सरकार एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करके रोजी-रोटी के असल मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है.

दोपहर एक बजे के बाद प्रदर्शन में स्कूली बच्चे और महिलाओं की भी भागीदारी हो गई. प्रदर्शनकारियों ने अपने मुंह पर टेप लगा लिए और काली पट्टी बांध ली. स्कूल की वर्दी पहने कुछ बच्चे जामिया की दीवार पर चढ़ गए. वे तख्तियां पकड़े हुए थे.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहना था, 'सरकार हमारी आवाज दबा रही है. हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है. इसलिए हमने टेप लगा रखा है.'

विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर पुलिस की टीमें तैनात की गयी हैं जबकि सुखेदव विहार और जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन खुले हुए हैं.

ये भी पढ़ें- CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन विपक्ष द्वारा प्रायोजित : विजय गोयल

रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन का तीसरा दिन है. सोमवार और मंगलवार को हजारों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर रविवार को पुलिस द्वारा जामिया के पुस्तकालय के अंदर आंसू गैस छोड़ने और बिना इजाजत के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने के मामले की जांच की मांग की थी.

जामिया के छात्रों और पुलिसकर्मियों समेत कई प्रदर्शनकारी रविवार की हिंसा में जख्मी हुए थे. हिंसा में डीटीसी की चार बसों को आग लगा दी गई थी और 100 से ज्यादा निजी गाड़ियां और पुलिस की 10 बाइकों को भी क्षतिग्रस्त किया गया था.

Intro:जामिया मिलिया इस्लामिया में यहां के बच्चे आज भी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं उनकी मांगे हैं कि सीएबी और एनआरसी बिल सरकार वापस ले साथ ही उन्होंने सरकार के खिलाफ कई नारे भी लगाए और आज संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गाधी तस्वीर लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं


Body:आपको बता दें कि लोकसभा के बाद राज्यसभा से नागरिकता संशोधन बिल यानी की CAA या सीएबी बिल पास होने के बाद देश के अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में लगातार छात्रों के द्वारा इसका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है
और आज भी लगातार जामिया मिलिया इस्लामिया के बच्चे प्रोटेस्ट कर रहे हैं
साथ ही इसमें देखा गया कि कुछ बच्चे अपने मुंह पर टेप चिपका कर बैठे हैं उनका कहना है कि सरकार हमारी आवाज दबा रही है और हम को बोलने नहीं दे रही है जिसकी वजह से वह लोग मुंह पर टेप बांधे बैठे हैं
BYTE- प्रर्शनकारी बच्चे


Conclusion:ईटीवी भारत से खास बातचीत में कुछ छात्राओं ने बताया कि सरकार जब तक इस बिल को वापस नहीं ले लेती तब तक उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा
अभी हाल ही में देश के गृहमंत्री अमित शाह का बयान आया कि वे अपने बिल पर लगातार अडिग है इस पर जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्राओं का कहना है कि वह भी अपनी मांगों पर लगातार अडिग हैं अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती और नागरिकता संशोधन बिल को वापस नहीं लिया जाता वे लोग अनवरत आंदोलन करते रहेंगे
हालांकि सुरक्षा व्यवस्था के देखते हुए जामिया में लगातार पुलिस की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है जिससे किसी तरीके से कोई भी अनहोनी ना हो सके
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