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रेहड़ी, पटरी वाले अब 10 हजार रुपये तक की कर्ज योजना का लाभ उठा सकते हैं - Ministry of Housing and Urban Affairs

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है. इस योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाती है.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना
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Published : Jul 23, 2020, 10:11 AM IST

नई दिल्लीः रेहड़ी, पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारी अब आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 10,000 रुपये तक का कर्ज देशभर में फैले 3.8 लाख साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) केन्द्रों के जरिये ले सकेंगे. सरकार की डिजिटल और ई- गवर्नेंस सेवा इकाई सीएससी ई- गवर्नेंस सविर्सिज इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को यह कहा.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है. इस योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाती है.

योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने प्रोत्साहन भी दिया जाता है और डिजिटल लेनदेन पर पुरस्कृत भी किया जाता है.

योजना से रेहड़ी पटरी वालों को औपचारिक स्वरूप मिलेगा और इस क्षेत्र के लिये नये अवसर खुलेंगे. सीएससी योजना के तहत इन छोटे कारोबारियों का पंजीकरण करने में मदद करेगी.

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय कुमार ने कहा कि योजना के तहत शहरी क्षेत्र के रहड़ी पटरी वालां को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध होगी. यह पूंजी एक साल की अवधि के लिये होगी और इसका मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि इस रिण के लिये कर्ज देने वाले संस्थान द्वारा कोई रहन अथवा गारंटी नहीं ली जायेगी. ‘‘सभी कारोबारियों को डिजिटल लेनदेन करना होगा, उन्हें इसमें कैशबैंक की पेशकश मिलेगी.

कुमार ने कहा कि योजना के लिये सिडबी को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है और अब तक इसकसे तहत दो लाख आवेदन प्राप्त हुये हैं जबकि 50 हजार कारोबारियों को कर्ज मंजूर किया गया है.

नई दिल्लीः रेहड़ी, पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारी अब आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 10,000 रुपये तक का कर्ज देशभर में फैले 3.8 लाख साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) केन्द्रों के जरिये ले सकेंगे. सरकार की डिजिटल और ई- गवर्नेंस सेवा इकाई सीएससी ई- गवर्नेंस सविर्सिज इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को यह कहा.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है. इस योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाती है.

योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने प्रोत्साहन भी दिया जाता है और डिजिटल लेनदेन पर पुरस्कृत भी किया जाता है.

योजना से रेहड़ी पटरी वालों को औपचारिक स्वरूप मिलेगा और इस क्षेत्र के लिये नये अवसर खुलेंगे. सीएससी योजना के तहत इन छोटे कारोबारियों का पंजीकरण करने में मदद करेगी.

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय कुमार ने कहा कि योजना के तहत शहरी क्षेत्र के रहड़ी पटरी वालां को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध होगी. यह पूंजी एक साल की अवधि के लिये होगी और इसका मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि इस रिण के लिये कर्ज देने वाले संस्थान द्वारा कोई रहन अथवा गारंटी नहीं ली जायेगी. ‘‘सभी कारोबारियों को डिजिटल लेनदेन करना होगा, उन्हें इसमें कैशबैंक की पेशकश मिलेगी.

कुमार ने कहा कि योजना के लिये सिडबी को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है और अब तक इसकसे तहत दो लाख आवेदन प्राप्त हुये हैं जबकि 50 हजार कारोबारियों को कर्ज मंजूर किया गया है.

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