चेन्नई : कम उम्र में बच्चे खेलने कूदने में वयस्त होते हैं लेकिन महज आठ साल की उम्र में तमिलनाडु के पेरम्बलूर जिले की लतिका ने थिरुकुरल (thirukural) के सभी 1330 छंदों को याद किर लिया. इसके साथ ही इस छोटी सी बच्ची ने लॉकडाउन का उपयोग करते हुए कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक वीडियो बनाया है.
लतिका पेरम्बलूर जिले के कृष्णापुरम गांव के रहने वाले ससीन्द्रन और धानम की बेटी है. ससेंद्रन थुरैयुर के निजी बैंक में काम करते हैं. उसके माता-पिता का कहना है कि हमेशा बात करना लतिका का स्वभाव है. वह लतिका को रोकना नहीं चाहते हैं.
उसके माता-पिता का कहना है जब वह 5 साल की थी, तब लतिका ने थिरुकुरल (thirukural) के सभी 1330 छंदों को याद किर लिया. उसने अब कुरिंजी पट्टू (Kurinji paattu ) में वर्णित 98 किस्म के फूलों के नाम सुनाने की क्षमता हासिल कर ली है. इसके अलावा लतिका को कीबोर्ड बजाना, गाना, कहानी सुनाना और पेंटिग करने का शौक हैं.
कोरोना को लेकर फैला रहीं जागरूकता
लॉकडाउन के कारण मिलने वाली छुट्टियों का उपयोग करते हुए लतिका ने कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक वीडियो बनाया है. लतिका ने मिट्टी के बर्तन में पारंपरिक खाना पकाने की उपयोगिता के बारे में सोशल वेबसाइट पर एक वीडियो जारी किया है. वह रोजाना थिरुक्कल और इसका अर्थ तमिल मैगएल नामक फेसबुक पेज पर पोस्ट करती हैं.
इसके अलावा उसने अपने माता-पिता के साथ लोगों के बीच तीन हजार फेस मास्क मुफ्त में वितरित किए हैं. कुन्नम के विधायक आर.टी. रामचंन्द्रन ने वेबसाइटों पर उनके पोस्ट देखते हुए उसकी सराहना की है. उपहार स्वरूप उसे एक सेल फोन भी भेंट किया है.
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लतिका ने बताया कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है. इसके साथ ही बेहतर वक्ता बनकर दुनिया के साथ अच्छे विचार साझा करना चाहती है.
लतिका की मां धानम कहती हैं कि वह बहु-प्रतिभाशाली है. उसने सभी थिरुकुरल को याद कर चुकी है. वह कुरिंजी पट्टू में सभी फूलों का नाम बताती है. वह कहानियां सुनाती है, गाती है और पेंटिंग भी बनाती है.