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भारत-चीन तनाव पर बोले विदेश मंत्री- अभी कुछ कहना जल्दबाजी - steps to resolve india china border standof

पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध जारी है. इस गतिरोध को दूर करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अभी कुछ कह नहीं सकता.

India China standoff
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया बयान
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Published : Oct 15, 2020, 10:08 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है. एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान चीन के साथ चल रही वार्ता के नतीजे के बारे में विशेष तौर पर पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि चर्चा चल रही है और यह कार्य प्रगति पर है.

सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कह सकता

'ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम' में विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वार्ता चल रही है और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है. उन्होंने कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं. मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं.

1993 से कई समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

तिब्बत की स्थिति के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य मुद्दों पर विचार करना चाहिए, जिनका स्पष्ट रूप से लद्दाख में वर्तमान स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर 1993 से कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ.

पढ़ें: हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से मिल रही स्वीकृति : जयशंकर

पांच महीनों से चल रहा चीन के साथ सैन्य गतिरोध

उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों से हमने सीमा पर शांति पर आधारित संबंध बनाए हैं. जयशंकर ने कहा कि यदि शांति के माहौल को सुनिश्चित नहीं किया गया और जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये, यदि उनका पालन नहीं किया गया तो यह व्यवधान का प्राथमिक कारण है. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध चल रहा है.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है. एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान चीन के साथ चल रही वार्ता के नतीजे के बारे में विशेष तौर पर पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि चर्चा चल रही है और यह कार्य प्रगति पर है.

सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कह सकता

'ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम' में विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वार्ता चल रही है और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है. उन्होंने कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं. मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं.

1993 से कई समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

तिब्बत की स्थिति के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य मुद्दों पर विचार करना चाहिए, जिनका स्पष्ट रूप से लद्दाख में वर्तमान स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर 1993 से कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ.

पढ़ें: हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से मिल रही स्वीकृति : जयशंकर

पांच महीनों से चल रहा चीन के साथ सैन्य गतिरोध

उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों से हमने सीमा पर शांति पर आधारित संबंध बनाए हैं. जयशंकर ने कहा कि यदि शांति के माहौल को सुनिश्चित नहीं किया गया और जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये, यदि उनका पालन नहीं किया गया तो यह व्यवधान का प्राथमिक कारण है. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध चल रहा है.

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