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भारत की जेलों में रखे जा सकते हैं पौने चार लाख कैदी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने देश में जेलों को लेकर एक बयान दिया था. उनका कहना था कि देशभर की जेलों में महज तीन लाख कैदियों को रखने की ही क्षमता है. यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वह तय करेंगे कि देशभर के करोड़ों मुसलमान कब जेल भरो आंदोलन चलाएं. ओवैसी के बयान पर हमने देश की जेलों की पड़ताल की.

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Published : Feb 5, 2020, 12:09 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 5:35 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

हैदराबाद : देशभर की जेलों में तादाद से ज्यादा कैदियों की संख्या आम बात है. इस संबंध में हाल ही में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन यानी एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने एक बयान दिया था. उनका कहना था कि देशभर की जेलों में महज तीन लाख कैदियों को रखने की ही क्षमता है. यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वह तय करेंगे कि देशभर के करोड़ों मुसलमान कब जेल भरो आंदोलन चलाएं. ओवैसी के बयान पर हमने देश की जेलों की पड़ताल की. प्रस्तुत है जेलों की स्थिति पर हमारी यह विशेष रिपोर्ट...

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार 2015 से लेकर 2017 तक जेलों में कैदियों की संख्या में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस दौरान जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता में 6.8 की वृद्धि हुई है. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में कुल 1,361 जेलें हैं, जिनमें 2017 तक जेलों की कुल क्षमता की तुलना में लगभग 4.50 लाख से अधिक कैदी हैं. 2015 में कैदियों की संख्या जहां 3.66 लाख थी, वहीं वह 2016 में बढ़कर 3.80 लाख हो गई. यह संख्या 2017 में तीन लाख 91 हजार 574 हो गई, जो जेलों की आवास क्षमता में 6.8 प्रतिशत की अधिक है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जेल में कैदियों की संख्या जेल की आवास क्षमता से अधिक होने की वजह से अधिभोग दर, जो 2015 में 114.4 प्रतिशत थी, बढ़कर 2017 में 115.1 प्रतिशत हो गई है.

उत्तर प्रदेश में जेलों की स्थिति सबसे खराब

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2017 के अंत में विभिन्न जेलों में बंद 4.50 लाख कैदियों में से 4,31,823 पुरुष और 18,873 महिलाएं थीं. NCRB की रिपोर्ट से सामने आया है कि देशभर में उत्तर प्रदेश की जेलों की स्थिति सबसे खराब है. उत्तर प्रदेश में सभी राज्यों में कैदियों को समायोजित करने की उच्चतम क्षमता होने के बावजूद इसकी जेलों में भीड़भाड़ की सबसे बड़ी समस्या है. इसका एक कारण यह है कि यूपी में कैदियों की संख्या सबसे अधिक है. उत्तर प्रदेश में कुल 70 जेल हैं, जिनमें एक साथ 58,400 कैदी रह सकते हैं, जबकि 2017 तक उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों की कुल संख्या 96,383 है, जो जेल की क्षमता से 165 प्रतिशत से अधिक है.

बदतर हालात में दूसरे नंबर पर है बिहार
जेल के सबसे बदतर हालात बिहार के हैं. बिहार की 58 जेलों में कुल 39,913 कैदियों को रखने की क्षमता है, जबकि 2017 तक बिहार में 40,186 कैद हैं, जो जेल की क्षमता से 10.2 प्रतिशत अधिक है.

जानें अन्य राज्यों का हाल
मध्य प्रदेश में कुल 123 जेलें हैं, जिसमें 28 हजार 227 कैदियों को रखने की क्षमता है. मध्य प्रदेश की जेलों का कैदियों को रखने में कुल 7.2 प्रतिशत का योगदान है. मध्य प्रदेश में 2017 तक कुल 38,708 कैदी थे. रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2017 तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 96,383 कैदी थे, जहां देशभर के कुल 21.4 प्रतिशत कैदी हैं. बिहार में 40,186 मध्य प्रदेश में 38,708 महाराष्ट्र में 33,699 पंजाब में 24, 048 और पश्चिम बंगाल में 23,092 कैदी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब का जेलों में देशभर के कुल 56. 8 प्रतिशत कैदी हैं. 2017 के अंत तक यूपी में 165.04 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 157.23 प्रतिशत और दिल्ली में 151.22 प्रतिशत अधिभोग की समस्या है.

भारतीय जेलों में कैदी रखने की कुल क्षमता
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की केंद्रीय जेलों में कैदियों की उच्चतम क्षमता (1.74 लाख) और उसके बाद जिला जेलों (1.53 लाख ) और उप जेलों (44,577 हजार) है, जबकि 2017 के अंत में जिला जेलों (1.97 लाख) और उप जेलों (35,541) के बाद केंद्रीय जेलों (2.04 लाख) बंदी हैं.

हैदराबाद : देशभर की जेलों में तादाद से ज्यादा कैदियों की संख्या आम बात है. इस संबंध में हाल ही में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन यानी एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने एक बयान दिया था. उनका कहना था कि देशभर की जेलों में महज तीन लाख कैदियों को रखने की ही क्षमता है. यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वह तय करेंगे कि देशभर के करोड़ों मुसलमान कब जेल भरो आंदोलन चलाएं. ओवैसी के बयान पर हमने देश की जेलों की पड़ताल की. प्रस्तुत है जेलों की स्थिति पर हमारी यह विशेष रिपोर्ट...

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार 2015 से लेकर 2017 तक जेलों में कैदियों की संख्या में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस दौरान जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता में 6.8 की वृद्धि हुई है. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में कुल 1,361 जेलें हैं, जिनमें 2017 तक जेलों की कुल क्षमता की तुलना में लगभग 4.50 लाख से अधिक कैदी हैं. 2015 में कैदियों की संख्या जहां 3.66 लाख थी, वहीं वह 2016 में बढ़कर 3.80 लाख हो गई. यह संख्या 2017 में तीन लाख 91 हजार 574 हो गई, जो जेलों की आवास क्षमता में 6.8 प्रतिशत की अधिक है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जेल में कैदियों की संख्या जेल की आवास क्षमता से अधिक होने की वजह से अधिभोग दर, जो 2015 में 114.4 प्रतिशत थी, बढ़कर 2017 में 115.1 प्रतिशत हो गई है.

उत्तर प्रदेश में जेलों की स्थिति सबसे खराब

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2017 के अंत में विभिन्न जेलों में बंद 4.50 लाख कैदियों में से 4,31,823 पुरुष और 18,873 महिलाएं थीं. NCRB की रिपोर्ट से सामने आया है कि देशभर में उत्तर प्रदेश की जेलों की स्थिति सबसे खराब है. उत्तर प्रदेश में सभी राज्यों में कैदियों को समायोजित करने की उच्चतम क्षमता होने के बावजूद इसकी जेलों में भीड़भाड़ की सबसे बड़ी समस्या है. इसका एक कारण यह है कि यूपी में कैदियों की संख्या सबसे अधिक है. उत्तर प्रदेश में कुल 70 जेल हैं, जिनमें एक साथ 58,400 कैदी रह सकते हैं, जबकि 2017 तक उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों की कुल संख्या 96,383 है, जो जेल की क्षमता से 165 प्रतिशत से अधिक है.

बदतर हालात में दूसरे नंबर पर है बिहार
जेल के सबसे बदतर हालात बिहार के हैं. बिहार की 58 जेलों में कुल 39,913 कैदियों को रखने की क्षमता है, जबकि 2017 तक बिहार में 40,186 कैद हैं, जो जेल की क्षमता से 10.2 प्रतिशत अधिक है.

जानें अन्य राज्यों का हाल
मध्य प्रदेश में कुल 123 जेलें हैं, जिसमें 28 हजार 227 कैदियों को रखने की क्षमता है. मध्य प्रदेश की जेलों का कैदियों को रखने में कुल 7.2 प्रतिशत का योगदान है. मध्य प्रदेश में 2017 तक कुल 38,708 कैदी थे. रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2017 तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 96,383 कैदी थे, जहां देशभर के कुल 21.4 प्रतिशत कैदी हैं. बिहार में 40,186 मध्य प्रदेश में 38,708 महाराष्ट्र में 33,699 पंजाब में 24, 048 और पश्चिम बंगाल में 23,092 कैदी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब का जेलों में देशभर के कुल 56. 8 प्रतिशत कैदी हैं. 2017 के अंत तक यूपी में 165.04 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 157.23 प्रतिशत और दिल्ली में 151.22 प्रतिशत अधिभोग की समस्या है.

भारतीय जेलों में कैदी रखने की कुल क्षमता
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की केंद्रीय जेलों में कैदियों की उच्चतम क्षमता (1.74 लाख) और उसके बाद जिला जेलों (1.53 लाख ) और उप जेलों (44,577 हजार) है, जबकि 2017 के अंत में जिला जेलों (1.97 लाख) और उप जेलों (35,541) के बाद केंद्रीय जेलों (2.04 लाख) बंदी हैं.

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Last Updated : Feb 29, 2020, 5:35 AM IST
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